न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटना
Updated Sat, 27 Jun 2020 08:21 AM IST
यशवंत सिन्हा (फाइल फोटो)
– फोटो : amar ujala
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बताया जा रहा है कि सिन्हा के नेतृत्व में यह मोर्चा नीतीश कुमार की अगुवाई वाली एनडीए सरकार की कथित विफलता के बारे में पूरे राज्य में संपर्क अभियान चलाएगा। यशवंत सिन्हा से जब इस संबंध में पूछा गया तो उन्होंने कहा कि वह आगे की रणनीति को लेकर पटना में एलान करेंगे। हालांकि, जब उनसे मोर्चे के स्वरूप को लेकर सवाल किया गया तो उन्होंने कुछ भी बताने से इनकार कर दिया।
सूत्रों ने बताया कि पूर्व सांसद देवेंद्र यादव, पूर्व विधायक नागमणि, बिहार विधानसभा के पूर्व स्पीकर उदय नारायण चौधरी, पूर्व सांसद और दलित नेता पूर्णमासी राम, जनता दल (राष्ट्रवादी) के संस्थापक अशफाक रहमान, अनिल कुमार, लोजपा (एस) अध्यक्ष सत्यानंद शर्मा, पूर्व विधायक सिद्धनाथ राय सहित बिहार के कई प्रमुख नेता इस मोर्चे में शामिल हो सकते हैं। सिन्हा आम चुनाव से पहले भी देश में नए मोर्चे के गठन की कोशिश कर चुके हैं।
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इस संबंध में जानकारी रखने वाले सूत्रों ने बताया कि इस मोर्चे का सिद्धांत बिहार के प्रवासियों की खेदजनक स्थिति को देखने के बाद जेडीयू के विफल शासन के खिलाफ विपक्ष को एकजुट करना है। वहीं, इस मोर्चे का नारा ‘इस बार, बदलो बिहार’ है।
महागठबंधन की बढ़ी मुश्किलें
दूसरी तरफ, बिहार में विपक्षी महागठबंधन की परेशानी कम होती नहीं दिख रही है। गठबंधन के छोटे दलों ने कांग्रेस के आग्रह पर और सात दिनों का समय दिया है ताकि गठबंधन के भीतर एक समन्वय समिति का गठन किया जा सके। साथ ही कहा है कि अगर वह ऐसा करने में विफल रहती है तो वे अपने सारे विकल्प खुला रखेंगे।