total fiscal deficit of central and states may increase to 13 pc of GDP | केंद्र और राज्य सरकारों का कुल वित्तीय घाटा बढ़कर जीडीपी के 13% पर पहुंच सकता है

नई दिल्ली39 मिनट पहले

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एसबीआई के ग्रुप चीफ इकॉनोमिक एडवायजर सौम्या कांति घोष द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि नॉमिनल ग्रोथ नंबर 2018-19 के स्तर से नीचे रह सकता है

  • इस कारोबारी साल में केंद्र सरकार के रेवेन्यू कलेक्शन में करीब 7 लाख करोड़ रुपए की कमी रह सकती है
  • बजट के कर्ज प्रावधान का सख्ती से पालन करने पर खर्च में भारी कटौती करनी होगी, जिससे विकास प्रभावित होगा

केंद्र और राज्य सरकारों का कुल वित्तीय घाटा (फिस्कल डिफिसिट) इस कारोबारी साल (2020-21) में बढ़कर सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 13 फीसदी पर पहुंच सकता है। भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) के आर्थिक रिसर्च विभाग द्वारा जारी रिपोर्ट एसबीआई ईकोरैप में कहा गया है कि इस कारोबारी साल में केंद्र सरकार के रेवेन्यू कलेक्शन में करीब 7 लाख करोड़ रुपए की कमी रह सकती है। इसलिए हमारा अनुमान है कि मौजूदा रुझान के मुताबिक केंद्र और राज्य सरकारों का कुल वित्तीय घाटा जीडीपी के 13 फीसदी के बराबर रह सकता है।

रिपोर्ट का शीर्षक है ‘अगस्त क्रेडिट डाटा पोर्टेंड्स ट्रबल : लार्ज डिक्लाइन इन सेविंग्स बैंक डिपॉजिट्स एंड लोअर पेस ऑफ एक्रीशन ऑफ टाइम डिपॉजिट्स इन अनलॉक 4 रिवील्स हाउसहोल्ड स्ट्रेस’। इसमें कहा गया है कि बजट में जितने कर्ज का प्रावधान रखा गया है, उसका सख्ती से पालन करने का मतलब यह है कि खर्च में भारी कटौती करनी होगी, जिससे विकास पर नकारात्मक प्रभाव पड़ेगा। एसबीआई के ग्रुप चीफ इकॉनोमिक एडवायजर सौम्या कांति घोष द्वारा तैयार की गई रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि नॉमिनल ग्रोथ नंबर 2018-19 के स्तर से नीचे रह सकता है।

बैंक के कर्ज में बढ़ोतरी की रफ्तार अगस्त में काफी घट गई है

सरकार का कैश बैलेंस मजबूत है। इसका यह भी मतलब है कि सरकार अभी खर्च नहीं कर रही है। इसलिए सितंबर की राजकोषीय स्थिति अगस्त के मुकाबले काफी बेहतर दिख सकती है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि बैंक के कर्ज में बढ़ोतरी की रफ्तार अगस्त में काफी घट गई है।

बैंक के कर्ज में अगस्त में 360 अरब रुपए की कमी आई है

बुरी बात यह है कि बैंक के कर्ज में जून और जुलाई में 392 अरब रुपए की बढ़ोतरी होने के बाद इसमें अगस्त में 360 अरब रुपए की कमी आई है। कर्ज में यह कमी पर्सनल लोन और इंफ्रास्ट्रक्चर लोन में गिरावट के कारण आई है। एनबीएफसी को दिए गए कर्ज में हालांकि लगातार तीन महीने तक गिरावट दर्ज किए जाने के बाद अगस्त में बढ़ोतरी हुई है।

अनलॉक-4 के दौरान डिपॉजिट और क्रेडिट ग्रोथ में भारी गिरावट

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि अनलॉक-4 के दौरान डिपॉजिट और क्रेडिट ग्रोथ में भारी गिरावट आई है। सबसे ज्यादा गिरावट सेविंग्स बैंक डिपॉजिट्स में आई है। लॉकडाउन और अनलॉक के सभी चरणों में बैंक के द्वारा दिए जाने वाले कर्ज में भी गिरावट आई है। अगस्त में उपभोक्ताओं द्वारा कर्ज घटाने की रफ्तार भी घटी है, जो यह बताता है कि परिवार के बैलेंस शीट्स पर तनाव काफी तेजी से बढ़ने वाली है।

अप्रैल से अगस्त तक का वित्तीय घाटा सालभर के डिफिसिट टार्गेट के 109.3% के स्तर पर पहुंचा, लगातार दूसरे माह सालाना लक्ष्य से ज्यादा

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