बता दें कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के आवास पर आज जदयू और भाजपा के नेताओं की बैठक हुई थी। बैठक में भाजपा की ओर से चुनाव प्रभारी देवेंद्र फडणवीस, भूपेंद्र यादव और संजय जायसवाल थे तो जदयू की ओर से ललन सिंह और आरसीपी सिंह मौजूद थे। सूत्रों के अनुसार बैठक में सीट बंटवारे को लेकर बात फंस गई।
भाजपा सूत्रों के अनुसार पार्टी ने लोकसभा चुनाव की तरह ही विधानसभा चुनाव में भी आधी-आधी सीटों पर चुनाव लड़ने का प्रस्ताव रखा है। लेकिन नीतीश कुमार इस पर राजी नहीं हैं। भाजपा के एक नेता का कहना है कि बैठक में यह चर्चा होने लगी कि पार्टियों के बीच सीट बंटवारे पर सहमति नहीं बन पा रही है तो अलग-अलग ही चुनाव लड़ लिया जाए।
यहां केवल सीट बंटवारे का ही खेल नहीं है
बिहार की राजनीति के जानकार बताते हैं कि एनडीए में उपजी यह रार केवल सीट बंटवारे को लेकर नहीं है। कौन सी सीट किस पार्टी के खाते में आ रही है इसे लेकर भी समस्या है। जदयू ने ऐसी कई सीटों पर दावा ठोका है जिन पर भाजपा का प्रभुत्व रहा है। जदयू पीछे हटने को तैयार नहीं है और भाजपा ऐसी सीटों को छोड़ना नहीं चाहती है।
चिराग पासवान ने की शाह के साथ बैठक
भाजपा के शीर्ष नेताओं केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और अध्यक्ष जेपी नड्डा ने गुरुवार को लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के अध्यक्ष चिराग पासवान के साथ बैठक कर आगामी बिहार विधानसभा चुनाव के मद्देनजर राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के घटक दलों के बीच सीटों के बंटवारे के मामले को सुलझाने का प्रयास किया।
लोजपा सूत्रों के मुताबिक पासवान ने इस बैठक में बिहार के मुख्यमंत्री और राजग के प्रमुख घटक दल जनता दल (यूनाइटेड) के अध्यक्ष नीतीश को लेकर पार्टी की शिकायतों से अवगत कराया। इस दौरान उन्होंने 143 सीटों पर चुनाव लड़ने के पार्टी के अंदरूपी दबाव के बारे में भी भाजपा नेताओं को बताया।
सीट बंटवारे पर नहीं हुआ कोई फैसला
लोजपा के एक नेता ने बताया कि बैठक में सीटों के बंटवारे को लेकर कोई निर्णय नहीं हुआ है। उक्त नेता ने बताया कि शाह ने बैठक में स्पष्ट किया कि लोजपा के साथ भाजपा का कोई मतभेद नहीं है। शाह पहले नड्डा के आवास पर पहुंचे थे। बाद में चिराग पासवान भी इसमें शामिल हुए।
इससे पहले बुधवार को भाजपा नेताओं की सीटों के बंटवारें को लेकर बैठक हुई थी। शाह उस बैठक में भी शामिल हुए थे। आज की बैठक में भी शाह की मौजूदगी से संकेत मिल रहे हैं कि भाजपा ने सीटों के बंटवारे को लेकर सहयोगी दलों से अंतिम दौर की बातचीत से पहले अपनी रणनीति को अंतिम रूप दे दिया है।
सीट बंटवारे की घोषणा जल्द हो सकती है
आधिकारिक सूत्रों की मानें तो जल्द ही सीट बंटवारे को लेकर घोषणा की जाएगी और चार या पांच अक्तूबर को पहले चरण के मतदान वाली सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी जाएगी। लोजपा ने संकेत दिए हैं कि यदि सीटों का सम्मानजनक बंटवारा नहीं हुआ तो वह राज्य की 143 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार सकती है।
बता दें कि साल 2015 के बिहार विधानसभा चुनाव में लोजपा 42 सीटों पर चुनाव लड़ी थी और उसे महज दो ही सीटों पर जीत मिल सकी थी। उस चुनाव में जदयू विपक्षी दलों के महागठबंधन का हिस्सा था। राष्ट्रीय जनता दल (राजद) और कांग्रेस के साथ मिलकर उसने एनडीए को जबरदस्त पटखनी दी थी।