Bihar leads the nation in death due to negligence of government machinery and medical establishments, 97 people died in a year | सरकारी मशीनरी और मेडिकल प्रतिष्ठानों की लापरवाही से मौत में बिहार देशभर में सबसे आगे, सालभर में 97 लोगों की गई जान

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पटना20 मिनट पहले

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019 में देश भर में हुए सांप्रदायिक हिंसा और उससे प्रभावित लोगों के आंकड़ों को देखें तो बिहार अव्वल है।

  • नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ने जारी किया साल 2019 का आंकड़ा, देशभर में 370 लोगों की मौत

नेशनल क्राइम रिकॉर्ड ब्यूरो ने साल 2019 का आंकड़ा जारी कर दिया। इसके मुताबिक, सरकारी मशीनरियों और मेडिकल प्रतिष्ठानों की लापरवाही से मौतों के मामले में बिहार पहले पायदान पर है। साल 2019 में सरकारी मशीनरियों की लापरवाही से 66 लोगों की मौत हुई। दूसरे पायदान पर कर्नाटक है, जहां 50 लोगों की मौत हुई।

वहीं, मेडिकल लापरवाही से बिहार में 31, उत्तरप्रदेश में 26 और मध्यप्रदेश में 26 लोगों की मौत हुई। मेडिकल लापरवाही से देशभर में 216 लोगों की जान गई। वहीं सरकारी मशीनरियों की लापरवाही से कुल 154 लोगों को जान से हाथ धोना पड़ा।
दहेज हत्या में यूपी अव्वल, बिहार दूसरे पायदान पर

देशभर में दहेज के कारण 7162 लोगों की हत्याएं हुई। इसमें उत्तरप्रदेश पहले और बिहार दूसरे नंबर है। यूपी में 2424 और बिहार में 1127 मौतें हुईं। तीसरे नंबर पर मध्यप्रदेश है, जहां दहेज हत्या के 550 मामले सामने आए। गोवा, मणिपुर, मिजोरम, नगालैंड और सिक्किम में दहेज हत्या का एक भी मामले नहीं आया। असम में 164, त्रिपुरा में 38, मेघालय में तीन और अरुणाचल प्रदेश में एक दहेज हत्या हुई।

सांप्रदायिक हिंसा सबसे अधिक बिहार में
2019 में देश भर में हुए सांप्रदायिक हिंसा और उससे प्रभावित लोगों के आंकड़ों को देखें तो बिहार अव्वल है। बिहार में सांप्रदायिक हिंसा की कुल 135 घटनाएं हुईं जिसमें 207 लोग प्रभावित हुए। झारखंड दूसरे पायदान पर है। सांप्रदायिक हिंसा के कारण 54 लोग प्रभावित हुए। वहीं हरियाणा में 50 लोग प्रभावित हुए। देश भर में साल 2019 में सांप्रदायिक हिंसा की 440 घटनाएं हुईं जिसमें 593 लोग प्रभावित हुए।

हत्या में दूसरे, अपहरण और फिरौती में छठे नंबर पर
हत्या के मामले बिहार दूसरे पायदान पर है। साल 2019 में उत्तरप्रदेश में 4002, वहीं बिहार में 3231 लोगों की हत्या हुई। तीसरे नंबर पर महाराष्ट्र (2211)और चौथे नंबर पर पश्चिम बंगाल (1950) है। फिरौती के लिए अपहरण के मामले में बिहार कुछ बेहतर है। फिरौती के लिए अपहरण का मामला सबसे अधिक झारखंड में आया है। झारखंड में 65 और गुजरात में 64 घटनाएं हुईं। वहीं तीसरे नंबर असम में 54 घटनाएं हुईं। वहीं कर्नाटक में 49, पश्चिम बंगाल में 46 और बिहार में 43 घटनाएं हुईं।

हनीमून किडनैपिंग में यूपी अव्वल, बिहार दूसरे नंबर पर
उत्तर प्रदेश में शादी की नीयत से लड़कियों के अपहरण के 10256 मामले सामने आए। बिहार में 7114 घटनाएं हुईं। रेप की राजस्थान में 5997, उत्तर प्रदेश में 3065, मध्यप्रदेश में 2485 और बिहार में 730 घटनाएं हुईं।

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