न्यूज डेस्क, अमर उजाला, लेह (लद्दाख)।
Updated Sun, 04 Oct 2020 12:51 AM IST
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चीन के साथ सीमा पर जारी तनाव के बीच भारतीय टैंक कमांडरों को भरोसा है कि अगर युद्ध होता है तो चीन के हल्के टैंक भारत के टी-90 भीष्म टैंक के सामने कहीं नहीं टिकेंगे।
पूर्वी लद्दाख और तिब्बती पठार जैसे ऊंचे युद्ध क्षेत्रों में टी-90 टैंक कहीं ज्यादा बेहतर साबित होंगे। वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीनी सेना के आक्रामक रुख से निपटने के लिए भारत ने बड़े पैमाने पर टैंकों की तैनाती की है। हाल ही में चीन ने हल्के टैंक टी-15 टैंक तैनात किए हैं।
चीन की इस चाल पर एक टैंक कमांडर ने कहा, चीन ने हल्के टैंकों को तैनात किया है। मौजूदा स्थिति में मेरा मानना है कि अगर दोनों सेनाओं के बीच टैंकों के साथ युद्ध होता है तो मैं आश्वस्त कर सकता हूं कि हमारे टी-90 और टी-72 टैंक दुश्मन पर भारी पड़ेंगे।
एक अन्य कमांडर ने कहा, भारत के टी-90, टी-72 टैंक बीएमपी-2 इंफेंट्री कॉम्बेट व्हीकल के साथ 50 डिग्री से -40 डिग्री के तापमान में ऑपरेट कर सकते हैं। इन्हें दुनिया के सभी संभावित युद्ध क्षेत्रों में तैनात किया जा सकता है। ऊंचे पहाड़ी इलाकों में प्रदर्शन पर कमांडर ने कहा कि रूस मूल के टी-90 टैंक अत्यधिक ठंडे मौसम में काम कर सकते हैं, जो भारत में मौजूद टैंकों में भी यह खासियत है।
कई जगहों पर दोनों सेनाओं ने तैनात किए टैंक
एलएसी पर कई जगहों पर भारत और चीन ने टैंकों की तैनाती की है। डीबीओ सेक्टर में डेपसांग मैदान से लेकर दक्षिण किनारे पर पैगोंग झील, सपांगगुर गैप एरिया से लेकर चुमार-डेमचोक सेक्टर इसमें शामिल है। सूत्रों के मुताबिक, चीनी सेना ने भारतीय इलाके के विपरीत टी-99एस और पीटीजेड समेत इंफेंट्री कॉम्बेट व्हीकल को तैनात किया है।
चीन के साथ सीमा पर जारी तनाव के बीच भारतीय टैंक कमांडरों को भरोसा है कि अगर युद्ध होता है तो चीन के हल्के टैंक भारत के टी-90 भीष्म टैंक के सामने कहीं नहीं टिकेंगे।
पूर्वी लद्दाख और तिब्बती पठार जैसे ऊंचे युद्ध क्षेत्रों में टी-90 टैंक कहीं ज्यादा बेहतर साबित होंगे। वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर चीनी सेना के आक्रामक रुख से निपटने के लिए भारत ने बड़े पैमाने पर टैंकों की तैनाती की है। हाल ही में चीन ने हल्के टैंक टी-15 टैंक तैनात किए हैं।
चीन की इस चाल पर एक टैंक कमांडर ने कहा, चीन ने हल्के टैंकों को तैनात किया है। मौजूदा स्थिति में मेरा मानना है कि अगर दोनों सेनाओं के बीच टैंकों के साथ युद्ध होता है तो मैं आश्वस्त कर सकता हूं कि हमारे टी-90 और टी-72 टैंक दुश्मन पर भारी पड़ेंगे।
एक अन्य कमांडर ने कहा, भारत के टी-90, टी-72 टैंक बीएमपी-2 इंफेंट्री कॉम्बेट व्हीकल के साथ 50 डिग्री से -40 डिग्री के तापमान में ऑपरेट कर सकते हैं। इन्हें दुनिया के सभी संभावित युद्ध क्षेत्रों में तैनात किया जा सकता है। ऊंचे पहाड़ी इलाकों में प्रदर्शन पर कमांडर ने कहा कि रूस मूल के टी-90 टैंक अत्यधिक ठंडे मौसम में काम कर सकते हैं, जो भारत में मौजूद टैंकों में भी यह खासियत है।
कई जगहों पर दोनों सेनाओं ने तैनात किए टैंक
एलएसी पर कई जगहों पर भारत और चीन ने टैंकों की तैनाती की है। डीबीओ सेक्टर में डेपसांग मैदान से लेकर दक्षिण किनारे पर पैगोंग झील, सपांगगुर गैप एरिया से लेकर चुमार-डेमचोक सेक्टर इसमें शामिल है। सूत्रों के मुताबिक, चीनी सेना ने भारतीय इलाके के विपरीत टी-99एस और पीटीजेड समेत इंफेंट्री कॉम्बेट व्हीकल को तैनात किया है।
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Sun Oct 4 , 2020
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटना।, Updated Sun, 04 Oct 2020 02:21 AM IST चुनावी समर में इस बार कई युवा चेहरे हैं। इन युवाओं का सियासी भविष्य इस बार तय होगा। एक तरफ 70 साल के नीतीश कुमार का सियासी अनुभव है, तो दूसरी तरफ इन युवाओं का जोश। Source […]