न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटना
Updated Mon, 05 Oct 2020 08:55 AM IST
अमित शाह-चिराग पासवान-जेपी नड्डा (फाइल फोटो)
– फोटो : PTI
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लोजपा की नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा भाजपा के लिए सिरदर्दी बनेगी। राजग में रहते भाजपा के साथ और नीतीश के खिलाफ वाली लोजपा की थ्योरी भाजपा को रास नहीं आ रही। अगर लोजपा इसी रस्ते आगे बढ़ी तो जल्द ही भाजपा भी उससे किनारा कर लेगी। वैसे भी नीतीश कुमार इस मामले में चुप बैठने वालों में नहीं हैं।
गौरतलब है कि अपनी मांगों को खारिज किए जाने के बाद लोजपा ने बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा के साथ और जदयू के खिलाफ चुनाव लड़ने का एलान किया और राजग के लिए स्थिति असहज बना दी है। भाजपा सूत्रों का कहना है कि लोजपा की इस रणनीति से राजग की प्रासंगिकता पर ही सवाल खड़ा हो जाएगा। जाहिर तौर पर लोजपा का यही रुख रहा, तो उसका राजग में बने रहना मुश्किल होगा।
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि लोजपा पर कोई फैसला करने से पहले भाजपा नेतृत्व इस संबंध में आधिकारिक निर्णय का इंतजार कर रहा है। आधिकारिक निर्णय की घोषणा के बाद पार्टी नेतृत्व इस विषय पर मंथन करेगा। चूंकि लोजपा ने जदयू के खिलाफ उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है और जदयू भाजपा की सहयोगी है, ऐसी स्थिति में भाजपा और लोजपा का साथ बने रहना मुश्किल है।
अंतिम कोशिश भी नाकाम
लोजपा को राजग में बनाए रखने के लिए भाजपा में शनिवार देर रात तक अंतिम कोशिश होती रही। लोजपा को 18 सीटें देने का प्रस्ताव दिया गया। भाजपा ने जदयू को अपने कोटे से लोजपा को कुछ सीटें देने के लिए मनाने की भी कोशिश की मगर जदयू एक भी सीट छोड़ने को तैयार नहीं हुआ। चूंकि लोजपा 34 सीटों से कम पर नहीं मान रही थी, इसलिए इस मामले में गतिरोध नहीं टूट पाया।
लोजपा की नीतीश कुमार के नेतृत्व में चुनाव नहीं लड़ने की घोषणा भाजपा के लिए सिरदर्दी बनेगी। राजग में रहते भाजपा के साथ और नीतीश के खिलाफ वाली लोजपा की थ्योरी भाजपा को रास नहीं आ रही। अगर लोजपा इसी रस्ते आगे बढ़ी तो जल्द ही भाजपा भी उससे किनारा कर लेगी। वैसे भी नीतीश कुमार इस मामले में चुप बैठने वालों में नहीं हैं।
गौरतलब है कि अपनी मांगों को खारिज किए जाने के बाद लोजपा ने बिहार विधानसभा चुनाव में भाजपा के साथ और जदयू के खिलाफ चुनाव लड़ने का एलान किया और राजग के लिए स्थिति असहज बना दी है। भाजपा सूत्रों का कहना है कि लोजपा की इस रणनीति से राजग की प्रासंगिकता पर ही सवाल खड़ा हो जाएगा। जाहिर तौर पर लोजपा का यही रुख रहा, तो उसका राजग में बने रहना मुश्किल होगा।
पार्टी के एक वरिष्ठ नेता ने कहा कि लोजपा पर कोई फैसला करने से पहले भाजपा नेतृत्व इस संबंध में आधिकारिक निर्णय का इंतजार कर रहा है। आधिकारिक निर्णय की घोषणा के बाद पार्टी नेतृत्व इस विषय पर मंथन करेगा। चूंकि लोजपा ने जदयू के खिलाफ उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है और जदयू भाजपा की सहयोगी है, ऐसी स्थिति में भाजपा और लोजपा का साथ बने रहना मुश्किल है।
अंतिम कोशिश भी नाकाम
लोजपा को राजग में बनाए रखने के लिए भाजपा में शनिवार देर रात तक अंतिम कोशिश होती रही। लोजपा को 18 सीटें देने का प्रस्ताव दिया गया। भाजपा ने जदयू को अपने कोटे से लोजपा को कुछ सीटें देने के लिए मनाने की भी कोशिश की मगर जदयू एक भी सीट छोड़ने को तैयार नहीं हुआ। चूंकि लोजपा 34 सीटों से कम पर नहीं मान रही थी, इसलिए इस मामले में गतिरोध नहीं टूट पाया।
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Mon Oct 5 , 2020
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