- Hindi News
- International
- Negative Perceptions Of China Have Increased Sharply In Many Of The World’s Advanced Countries
वॉशिंगटन3 घंटे पहले
- कॉपी लिंक

सर्वे में शामिल करीब 78% लोगों का कहना है कि चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के पास अंतरराष्ट्रीय मामलों में काम करने के लिए आत्मविश्वास की कमी है। -फाइल फोटो
दुनिया के कई विकसित देशों में खासतौर से ऑस्ट्रेलिया और ब्रिटेन में चीन को लेकर नकारात्मक धारणाएं तेजी से बढ़ी हैं। प्यू रिसर्च सेंटर ने मंगलवार को इसे लेकर एक रिपोर्ट जारी की। यह रिपोर्ट तब आई है, जब चीन अपने पड़ोसी और दुनिया भर के अन्य देशों के साथ ट्रेड और कूटनीतिक विवादों में फंसा है। 14 देशों में किए गए सर्वे से पता चला कि ज्यादातर लोगों का चीन के प्रति नजरिया नकारात्मक है।
यह सर्वे टेलीफोन के जरिए 14 देशों के 14,276 एडल्ट्स के बीच 10 जून से 3 अगस्त तक किया गया था। ऑस्ट्रेलिया में 81% लोगों ने कहा कि चीन के पक्ष में उनका नजरिए निगेटिव है। यह आंकड़ा पिछले साल से 24% ज्यादा है।
ऑस्ट्रेलिया-चीन के संबंधों में भी तनाव बढ़ा
ऑस्ट्रेलिया ने कोरोनावायरस की उत्पत्ति को लेकर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर जांच की मांग उठाई थी। इसके बाद से ही दोनों देशों के द्विपक्षीय संबंधों में तनाव बढ़ा है। चीन ने इसके जवाब में ऑस्ट्रेलियाई बीफ के आयात को रोक दिया था। ऑस्ट्रेलियाई जौ पर हाई टैरिफ लगाया था और ऑस्ट्रेलियाई वाइन के आयात को लेकर एंटी-डंपिंग जांच शुरू कर दी थी।
सर्वे के मुताबिक, ऑस्ट्रेलिया ही नहीं, दूसरे देशों में भी यहीं हाल है। ब्रिटेन में चीन के प्रति निगेटिव धारणाएं 74% देखी गई हैं। पिछले साल की तुलना में इसमें 19% का इजाफा हुआ है। 15 पॉइंट्स की बढ़ोतरी के साथ जर्मनी में यह आंकड़ा 71% और 13 पॉइंट्स की वृद्धि के साथ अमेरिका में 73% लोगों का चीन के प्रति नकारात्मक विचार है।
सर्वे में शामिल 14 देश
जिन 14 देशों में सर्वे किया गया, इनमें अमेरिका, कनाडा, बेल्जियम, डेनमार्क, फ्रांस, जर्मनी, इटली, नीदरलैंड, स्पेन, स्वीडन, ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया, जापान और दक्षिण कोरिया शामिल हैं। सर्वे किए जाने वाले ज्यादातर देशों में हाई इनकम और लो इनकम वाले लोगों का नजरिया भी लगभग एक जैसा ही है।
इसके अलावा, सर्वे किए गए नौ देशों स्पेन, जर्मनी, कनाडा, नीदरलैंड, अमेरिका, ब्रिटेन, दक्षिण कोरिया, स्वीडन और ऑस्ट्रेलिया में पिछले 12 या उससे ज्यादा सालों में नकारात्मक विचार अपने सबसे उच्च स्तर पर है। सर्वे में शामिल और दुनिया के कई अन्य लोकतांत्रिक देशों ने इस साल की शुरुआत में चीन की निंदा की थी, जब उसने हॉन्गकॉन्ग में न्यू सिक्योरिटी लॉ लागू किया था। आलोचकों का कहना है कि पूर्व ब्रिटिश उपनिवेश को विशेष अधिकारों के तहत चीन को सौंपा गया था।
कोरोनावायरस को लेकर सबसे ज्यादा खिंचाई
अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चीन की सबसे ज्यादा खिंचाई कोरोनावायरस को लेकर की गई। पिछले साल 31 दिसंबर को चीनी शहर वुहान में इसका पहला मामला मिला था। उसके बाद यह पुरी दुनिया में फैल गया। शुरुआत में चीन ने इसके रोकथाम को लेकर पर्याप्त तेजी नहीं दिखाई थी। साथ ही इसे लेकर रिपोर्टों को छिपाने की कोशिश की थी।
सर्वे के मुताबिक, चीन के कोरोनावायरस को संभाले जाने को लेकर 14 देशों में 61% के बीच निगेटिव व्यूज है। इसमें 84% अमेरिकियों ने चीन पर महामारी की रोकथाम में लापरवाही बरतने का आरोप लगाया है। सर्वे किए गए देशों के नागरिक चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग पर भरोसा नहीं करते हैं। करीब 78% लोगों का कहना है कि उनके पास अंतरराष्ट्रीय मामलों में सही काम करने के लिए आत्मविश्वास की कमी है।
ट्रम्प की छवि भी खराब
सर्वे में केवल अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की छवि खराब थी। 83% लोगों ने कहा कि वे उन पर भरोसा नहीं करते हैं। ट्रम्प चीन के सबसे बड़े आलोचकों में से एक रहे हैं। वे हमेशा कोरोनावायरस के लिए चीन को दोषी ठहराते रहे हैं। हालांकि, अमेरिका महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित है। यहां अब तक 76 लाख से ज्यादा लोग संक्रमित हैं और 2.15 लाख से ज्यादा मौतें हो चुकी हैं।