न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Fri, 04 Sep 2020 01:22 AM IST
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कांग्रेस नेतृत्व के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले नेता पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। पत्र लिखने वाले नेता इस मुद्दे को ठंडे बस्ते में नहीं जाने देना चाहते। सोनिया गांधी के आश्वासन के बाद भी असंतुष्ट नेता बारी-बारी से सार्वजनिक तौर पर अपनी बात रख रहे हैं। सीडब्ल्यूसी में भले उन्हें विरोध झेलना पड़ा, लेकिन वह खुलकर कह रहे हैं कि उन्होंने पत्र लिखकर कोई गलती नहीं की है।
कपिल सिब्बल, गुलाम नबी आजाद के बाद आनंद शर्मा और पृथ्वीराज चव्हाण खुलकर मीडिया में अपनी बात रख रहे हैं। आनंद शर्मा ने तो यहां तक कहा कि अगर पार्टी में आत्ममंथन पर पत्र लिखना बगावत है तो हमने की है। शर्मा ने कहा, सोनिया के स्वास्थ्य के प्रति हम संवेदनशील थे और 15 दिन इंतजार के बाद ही पत्र भेजा गया। शर्मा के तेवरों से साफ है कि जब तक पत्र पर फैसला नहीं होता यह मुद्दा जिंदा रहेगा।
वहीं महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने पूर्णकालिक अध्यक्ष की मांग फिर से उठाई है। उनका कहना है कि जब तक पूर्णकालिक अध्यक्ष नहीं होगा हम भाजपा को मात नहीं दे सकेंगे। पत्र लिखने वाले नेता सार्वजनिक तौर पर बयानबाजी कर रहे हैं, जबकि कांग्रेस की ओर से कहा जा रहा है कि इस मामले का पटाक्षेप हो गया। सुरजेवाला ने कहा कि सोनिया के आश्वासन के बाद अब कुछ कहने को नहीं बचा है।
कांग्रेस नेतृत्व के खिलाफ मोर्चा खोलने वाले नेता पीछे हटने को तैयार नहीं हैं। पत्र लिखने वाले नेता इस मुद्दे को ठंडे बस्ते में नहीं जाने देना चाहते। सोनिया गांधी के आश्वासन के बाद भी असंतुष्ट नेता बारी-बारी से सार्वजनिक तौर पर अपनी बात रख रहे हैं। सीडब्ल्यूसी में भले उन्हें विरोध झेलना पड़ा, लेकिन वह खुलकर कह रहे हैं कि उन्होंने पत्र लिखकर कोई गलती नहीं की है।
कपिल सिब्बल, गुलाम नबी आजाद के बाद आनंद शर्मा और पृथ्वीराज चव्हाण खुलकर मीडिया में अपनी बात रख रहे हैं। आनंद शर्मा ने तो यहां तक कहा कि अगर पार्टी में आत्ममंथन पर पत्र लिखना बगावत है तो हमने की है। शर्मा ने कहा, सोनिया के स्वास्थ्य के प्रति हम संवेदनशील थे और 15 दिन इंतजार के बाद ही पत्र भेजा गया। शर्मा के तेवरों से साफ है कि जब तक पत्र पर फैसला नहीं होता यह मुद्दा जिंदा रहेगा।
वहीं महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण ने पूर्णकालिक अध्यक्ष की मांग फिर से उठाई है। उनका कहना है कि जब तक पूर्णकालिक अध्यक्ष नहीं होगा हम भाजपा को मात नहीं दे सकेंगे। पत्र लिखने वाले नेता सार्वजनिक तौर पर बयानबाजी कर रहे हैं, जबकि कांग्रेस की ओर से कहा जा रहा है कि इस मामले का पटाक्षेप हो गया। सुरजेवाला ने कहा कि सोनिया के आश्वासन के बाद अब कुछ कहने को नहीं बचा है।
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Fri Sep 4 , 2020
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