Bihar Vidhan Sabha Election 2020 News: Nitish Kumar Gives Ticket To Manju Verma, Accused In Muzaffarpur Shelter Home Case And Is Out On Bail Muzaffarpur Balika Grih Kand – Bihar Election 2020: मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड की आरोपी मंजू वर्मा पर नीतीश मेहरबान, दिया टिकट, अभी जमानत पर हैं बाहर

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटना

Updated Thu, 08 Oct 2020 10:42 AM IST

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तीन चरणों में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में पहले चरण के नामांकन की आखिरी तारीख से एक दिन पहले काफी जद्दोजहद के बाद आखिरकार जनता दल यूनिइटेड (जदयू) ने बुधवार को अपने सभी 115 प्रत्याशियों के नामों का एलान कर दिया। जदयू प्रत्याशियों की इस सूची में एक नाम ऐसा है जिसने सबको चौंकाया है। यह नाम है नीतीश सरकार की पूर्व मंत्री मंजू वर्मा का। मंजू वर्मा को नीतीश कुमार ने चेरिया बरियारपुर विधानसभा सीट से टिकट देकर पार्टी का उम्मीदवार घोषित किया है। 

बता दें कि मंजू वर्मा 2018 में पूरे देश को हिलाकर रख देने वाले मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड की आरोपी हैं और जिन्हें पार्टी ने खुद निकाल दिया था। वर्मा उस वक्त नीतीश सरकार में समाज कल्याण विभाग की मंत्री थीं। विपक्ष का आरोप है कि वर्मा की नाक के नीचे बालिका गृह कांड होता रहा और वह आंखें मूंदे रहीं। इस कांड के सामने आने के बाद नीतीश कुमार की काफी किरकिरी हुई जिसके बाद मंजू वर्मा पर इस्तीफे का दबाव बना। हालांकि दबाव के बावजूद कई दिनों के बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया था। 

गौरतलब है कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह में 34 लड़कियों के साथ दुष्कर्म किया गया था। इस पूरे मामले में कथित रूप से मंजू वर्मा के पति चंद्रशेखर वर्मा के भी शामिल होने की बात सामने आई थी। बालिका गृह कांड की जांच के दौरान मंजू वर्मा के घर पर पुलिस की छापेमारी में अवैध हथियार और कई कारतूस बरामद किए गए थे। इसके बाद मंजू वर्मा और उनके पति को गिरफ्तार किया गया था और दोनों को जेल जाना पड़ा था। हालांकि, बाद में दोनों को जमानत मिल गई थी।

कुछ दिन पहले मंजू वर्मा ने नीतीश कुमार से जदयू कार्यालय में मुलाकात की थी और उसके बाद पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा था कि सब कुछ ठीक हो गया है। मंजू वर्मा ने तभी ऐसे संकेत दिए थे कि नीतीश कुमार के साथ उनकी बातचीत सकारात्मक रही है और उन्हें टिकट मिलना पक्का है। बुधवार को जारी जदयू की सूची में मंजू वर्मा का नाम आते ही नीतीश कुमार और मंजू वर्मा के बीच हुई पूरी डील साफ हो गई है।

इसके अलावा हाल ही में पार्टी में शामिल पुलिस अधिकारी सुनील कुमार को भोरे सुरक्षित सीट से उम्मीदवार बनाया गया है जबकि पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय का नाम इस सूची में शामिल नहीं है। पार्टी ने 18 नए कार्यकर्ताओं पर इस बार दाव लगाया है और उन्हें टिकट दी है। तो वहीं 10 मौजूदा विधायकों का पत्ता साफ हो गया है। टिकट कटने वालों में वरिष्ठ मंत्री कपिलदेव कामत भी हैं।  

लालू-राबड़ी के समधी चंद्रिका राय को भी परसा से उम्मीदवार बनाया गया है। गौरतलब है कि चंद्रिका राय की बेटी और तेजप्रताप की पत्नी ऐश्वर्या राय के साथ हुए दुर्व्यवहार से नाराज होकर चंद्रिका राय ने राजद छोड़कर जदयू का दामन थाम लिया था। इसके अलावा राजद छोड़ जदयू में शामिल हुए फराज फातमी, महेश्वर यादव, दिलीप राय को भी उम्मीदवार बनाया गया है। 

तीन चरणों में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव में पहले चरण के नामांकन की आखिरी तारीख से एक दिन पहले काफी जद्दोजहद के बाद आखिरकार जनता दल यूनिइटेड (जदयू) ने बुधवार को अपने सभी 115 प्रत्याशियों के नामों का एलान कर दिया। जदयू प्रत्याशियों की इस सूची में एक नाम ऐसा है जिसने सबको चौंकाया है। यह नाम है नीतीश सरकार की पूर्व मंत्री मंजू वर्मा का। मंजू वर्मा को नीतीश कुमार ने चेरिया बरियारपुर विधानसभा सीट से टिकट देकर पार्टी का उम्मीदवार घोषित किया है। 

बता दें कि मंजू वर्मा 2018 में पूरे देश को हिलाकर रख देने वाले मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड की आरोपी हैं और जिन्हें पार्टी ने खुद निकाल दिया था। वर्मा उस वक्त नीतीश सरकार में समाज कल्याण विभाग की मंत्री थीं। विपक्ष का आरोप है कि वर्मा की नाक के नीचे बालिका गृह कांड होता रहा और वह आंखें मूंदे रहीं। इस कांड के सामने आने के बाद नीतीश कुमार की काफी किरकिरी हुई जिसके बाद मंजू वर्मा पर इस्तीफे का दबाव बना। हालांकि दबाव के बावजूद कई दिनों के बाद उन्होंने अपने पद से इस्तीफा दिया था। 

गौरतलब है कि मुजफ्फरपुर बालिका गृह में 34 लड़कियों के साथ दुष्कर्म किया गया था। इस पूरे मामले में कथित रूप से मंजू वर्मा के पति चंद्रशेखर वर्मा के भी शामिल होने की बात सामने आई थी। बालिका गृह कांड की जांच के दौरान मंजू वर्मा के घर पर पुलिस की छापेमारी में अवैध हथियार और कई कारतूस बरामद किए गए थे। इसके बाद मंजू वर्मा और उनके पति को गिरफ्तार किया गया था और दोनों को जेल जाना पड़ा था। हालांकि, बाद में दोनों को जमानत मिल गई थी।

कुछ दिन पहले मंजू वर्मा ने नीतीश कुमार से जदयू कार्यालय में मुलाकात की थी और उसके बाद पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा था कि सब कुछ ठीक हो गया है। मंजू वर्मा ने तभी ऐसे संकेत दिए थे कि नीतीश कुमार के साथ उनकी बातचीत सकारात्मक रही है और उन्हें टिकट मिलना पक्का है। बुधवार को जारी जदयू की सूची में मंजू वर्मा का नाम आते ही नीतीश कुमार और मंजू वर्मा के बीच हुई पूरी डील साफ हो गई है।

इसके अलावा हाल ही में पार्टी में शामिल पुलिस अधिकारी सुनील कुमार को भोरे सुरक्षित सीट से उम्मीदवार बनाया गया है जबकि पूर्व डीजीपी गुप्तेश्वर पांडेय का नाम इस सूची में शामिल नहीं है। पार्टी ने 18 नए कार्यकर्ताओं पर इस बार दाव लगाया है और उन्हें टिकट दी है। तो वहीं 10 मौजूदा विधायकों का पत्ता साफ हो गया है। टिकट कटने वालों में वरिष्ठ मंत्री कपिलदेव कामत भी हैं।  

लालू-राबड़ी के समधी चंद्रिका राय को भी परसा से उम्मीदवार बनाया गया है। गौरतलब है कि चंद्रिका राय की बेटी और तेजप्रताप की पत्नी ऐश्वर्या राय के साथ हुए दुर्व्यवहार से नाराज होकर चंद्रिका राय ने राजद छोड़कर जदयू का दामन थाम लिया था। इसके अलावा राजद छोड़ जदयू में शामिल हुए फराज फातमी, महेश्वर यादव, दिलीप राय को भी उम्मीदवार बनाया गया है। 

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