Monitoring With Cctv Camera, Security Remains Very Strong

अमर उजाला नेटवर्क, हाथरस

Updated Fri, 09 Oct 2020 12:18 AM IST

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बिटिया के घर चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था जारी है। गांव छावनी में तब्दील रहा और बिटिया के घर की निगरानी होती रही। वहीं इस प्रकरण के बाद तैनात दोनों विशेष पुलिस अधिकारियों ने बिटिया के घर की सुरक्षा व्यवस्था देखी और गांव का निरीक्षण किया। वैसे गांव में तनाव भरी खामोशी छाई रही। इसे मीडियाकर्मी ही तोड़ते रहे।

बिटिया के गांव में सुरक्षा व्यवस्था बेहद चाक-चौबंद है। काफी पुलिस फोर्स फिर एनएच से लेकर उसके गेट तक तैनात रही। सीसीटीवी कैमरे व मेटल डिटेक्टर भी बिटिया के घर पर लगाए गए हैं। इसके माध्यम से निगरानी होती रही। बिटिया के घर में जाने वालों का ब्योरा एकत्रित किया जाता रहा। इस प्रकरण में शासन द्वारा तैनात किए गए एडीजी राजीव कृष्ण और डीआईजी शलभ माथुर ने भी मंडलायुक्त के साथ जाकर गांव की स्थिति देखी। वहां सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया।

खुफिया तंत्र रहा अलर्ट, आसपास के गांवों पर भी रही नजर

बिटिया के गांव के आसपास जातीय तनाव व्याप्त है। जातीय तनाव पैदा करने वाले मामलों में दर्जन मुकदमे भी दर्ज हो चुके हैं। खुफिया तंत्र भी इसे लेकर सतर्क रहा। वहीं पुलिस भी आसपास के गांव में गश्त करती रही और यह देखती रही कि कहीं भीड़ तो एकत्रित नहीं हो रही।

निर्भया कांड की अधिवक्ता सीमा कुशवाहा शुक्रवार को बिटिया के घर पहुंची। यहां परिवार वालों से मुलाकात के बाद उन्होंने बताया कि इस परिवार के सदस्यों से घटना के बारे में बात की गई है। इस केस का वकालतनामा जल्द ही तैयार कर न्यायालय में दाखिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि पीड़ित परिवार को जिला न्यायालय से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक जरूरत पड़ने पर केस की पैरवी कर न्याय दिलाया जाएगा। आरोपियों को फांसी की सजा दिलाई जाएगी।

उन्होंने इस केस को निशुल्क लड़ने का ऐलान किया। परिजनों की ओर से शपथ पत्र न्यायालय में लगाया जाता है, वह भी तैयार कराकर हस्ताक्षर लेकर दाखिल किया जाएगा। उन्होंने कहा कि प्रशासन को रात में अंतिम संस्कार करने की इतनी क्या जल्दी थी। उन्होंने कहा कि इस बात पर सरकार कानून व्यवस्था की बात कह रही है। अगर कानून व्यवस्था को खतरा था, इसकी जिम्मेदारी पुलिस प्रशासन की थी। उन्हें इंतजाम करने चाहिए थे।

बिटिया के घर चाक-चौबंद सुरक्षा व्यवस्था जारी है। गांव छावनी में तब्दील रहा और बिटिया के घर की निगरानी होती रही। वहीं इस प्रकरण के बाद तैनात दोनों विशेष पुलिस अधिकारियों ने बिटिया के घर की सुरक्षा व्यवस्था देखी और गांव का निरीक्षण किया। वैसे गांव में तनाव भरी खामोशी छाई रही। इसे मीडियाकर्मी ही तोड़ते रहे।

बिटिया के गांव में सुरक्षा व्यवस्था बेहद चाक-चौबंद है। काफी पुलिस फोर्स फिर एनएच से लेकर उसके गेट तक तैनात रही। सीसीटीवी कैमरे व मेटल डिटेक्टर भी बिटिया के घर पर लगाए गए हैं। इसके माध्यम से निगरानी होती रही। बिटिया के घर में जाने वालों का ब्योरा एकत्रित किया जाता रहा। इस प्रकरण में शासन द्वारा तैनात किए गए एडीजी राजीव कृष्ण और डीआईजी शलभ माथुर ने भी मंडलायुक्त के साथ जाकर गांव की स्थिति देखी। वहां सुरक्षा व्यवस्था का जायजा लिया।

खुफिया तंत्र रहा अलर्ट, आसपास के गांवों पर भी रही नजर

बिटिया के गांव के आसपास जातीय तनाव व्याप्त है। जातीय तनाव पैदा करने वाले मामलों में दर्जन मुकदमे भी दर्ज हो चुके हैं। खुफिया तंत्र भी इसे लेकर सतर्क रहा। वहीं पुलिस भी आसपास के गांव में गश्त करती रही और यह देखती रही कि कहीं भीड़ तो एकत्रित नहीं हो रही।


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सुप्रीम कोर्ट तक करूंगी आरोपियों को फांसी देने के लिए पैरवी

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