India China Tension Xi is reportedly angered by Indian defiance along border | एलएसी पर अहम इलाकों पर भारतीय सेना की बढ़त से शी जिनपिंग नाराज, सेना और एजेंसियों में कर सकते हैं बड़े बदलाव

हॉन्गकॉन्ग5 घंटे पहले

  • कॉपी लिंक

मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, शी पीएलए और रेगुलर लॉ इंफोर्समेंट एजेंसी पर कड़ी कार्रवाई करते हुए उनमें बड़े बदलाव कर सकते हैं।

  • मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया कि पीएलए कमांडर ने स्पांगूर इलाके में संघर्ष को रोकने के लिए सेना को पीछे हटा लिया
  • इससे पहले 15 जून को गलवान घाटी में खूनी संघर्ष की घटना सामने आई थी, इस दिन शी जिनपिंग का जन्मदिन भी था

लाइन ऑफ एक्चुअल कंट्रोल (एलएसी) पर भारतीय सेना की बढ़त को लेकर चीन बौखलाया हुआ है। चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) 29-30 अगस्त की रात लेक स्पांगूर के पास घुसपैठ करने की कोशिश की थी, जिसे भारतीय सेना ने नाकाम कर दिया था। यही नहीं भारतीय सेना ने इलाके की ऊंची चोटी पर भी कब्जा कर लिया था। न्यूज एजेंसी के मुताबिक, मामले में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग चीनी सेना और अधिकारियों से काफी नाराज हैं।

इस बार चीन बैकफुट पर
न्यूज एजेंसी के मुताबिक, चीन ने लंबे समय तक भारत पर निर्भर रहने की बजाय आक्रामक व्यवहार करने पर भरोसा जताया, जिससे सीमावर्ती इलाकों में उसका दबदबा बना रहे। इस बार चीन के लिए हालात पहले जैसे नहीं हैं, इसलिए चीनी कम्यूनिस्ट पार्टी (सीसीपी) की लीडरशिप खुश नहीं है।

पीएलए कमांडर से नाराज सीसीपी नेतृत्व
कुछ मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया कि पीएलए कमांडर ने स्पांगूर इलाके में संघर्ष को रोकने के लिए सेना को पीछे हटा लिया। इसलिए भी सीसीपी नेतृत्व काफी नाराज है। हालांकि इस बात को पुख्ता करने के सबूत अभी तक सामने नहीं आए हैं।

इससे पहले 15 जून को गलवान घाटी में खूनी संघर्ष की घटना सामने आई थी, इस दिन शी जिनपिंग का जन्मदिन भी था। संघर्ष में चीन के कितने सैनिक हताहत हुए, यह आज भी रहस्य बना हुआ है। जन्मदिन पर चीनी सेना को हुए नुकसान का असर जिनपिंग के चेहरे पर साफ देखने को मिला था।

पीएलए में कर सकते हैं बड़े बदलाव
ऐसी खबरें भी हैं कि शी पीएलए और रेगुलर लॉ इंफोर्समेंट एजेंसी पर कड़ी कार्रवाई करते हुए उनमें बड़े बदलाव कर सकते हैं। चीन के सत्तावादी नेताओं ने हमेशा चीनी सेना की ताकत को बढ़ाने का काम किया है, जो उनसे पहले वाले नेता नहीं कर सके हों। ऐसे में शी जिनपिंग चीन में पॉलिटिकल लॉयल्टी और सामाजिक अशांति को लेकर काफी बौखलाए हुए हैं।

चीनी सेना ने की थी घुसपैठ की कोशिश
पैगॉन्ग सो झील के दक्षिणी हिस्से में स्थित इस चोटी पर चीन कब्जा करना चाहता है, क्योंकि यह रणनीतिक लिहाज से काफी अहम मानी जाती है। यह पहाड़ी भारतीय सीमा में है। 29-30 अगस्त की दरमियानी रात चीनी सैनिकों ने इस पर कब्जे की साजिश रची। लेकिन, भारतीय सेना ने हाल ही में तैनात स्पेशल ऑपरेशन बटालियन ने न सिर्फ उन्हें खदेड़ दिया, बल्कि यह पूरी चोटी अपने कब्जे में ले ली।

चोटी पर भारत के कब्जे का महत्व
सूत्रों के मुताबिक, पैगॉन्ग सो झील के करीब ठाकुंग इलाका है। यहां की एक चोटी पर भारतीय सेना के स्पेशल ऑपरेशन बटालियन ने कब्जा कर लिया है। इसका रणनीतिक फायदा होगा। झील के दक्षिणी हिस्से पर नियंत्रण किया जा सकेगा।

चीन का आरोप
चीनी सेना के वेस्टर्न थिएटर कमांड ने आरोप लगाया था कि दोनों देशों के बीच जो सहमति बनी थी, भारत उसका पालन नहीं कर रहा है। सरकारी अखबार ग्लोबल टाइम्स ने कहा था कि भारत से तनाव बढ़ने की आशंका है, क्योंकि उसकी तरफ से भड़काने वाली कार्रवाई हो रही है। भारतीय सैनिक लगातार एलएसी क्रॉस कर रहे हैं।

0

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

Bihar Floods Why Is A Floating Society Sinking? - बिहार बाढ़: तैरने वाला समाज आखिर डूब क्यों रहा है?

Tue Sep 8 , 2020
बिहार में गंडक, बागमती, लखनदेई, कमला और कोसी समेत आधा दर्जन से भी ज्यादा नदियों में आई बाढ़ से तक़रीबन 84 लाख लोग प्रभावित हैंराज्य के 16 प्रभावित जिलों के बीसियों गाँव बाढ़ के पानी में डूबे हुए हैं, सैकड़ों बेघर लोग तटबंधों से लेकर सड़कों तक पर रहने को मजूबर हो […]

You May Like