ICC Cricket Ball Rules Kookaburra in Australia Duke ball in England SG Test ball Used in Indian Cricket News Updates | अब घरेलू फर्स्ट क्लास क्रिकेट में देशी कूकाबुरा बॉल से खेलेंगे खिलाड़ी, 4 साल से इस्तेमाल हो रही इंग्लैंड की ड्यूक बॉल को हटाया

  • बोर्ड ने यह फैसला 2020-21 सीजन के लिए लिया है, कूकाबुरा बल्लेबाजों और ड्यूक तेज गेंदबाजों को मदद करती है
  • ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड की कंडीशन में खेलने की तैयारी को लेकर घरेलू क्रिकेट में 2016 से ड्यूक बॉल इस्तेमाल कर रहा

दैनिक भास्कर

Jul 02, 2020, 06:38 PM IST

क्रिकेट ऑस्ट्रेलिया (सीए) ने फर्स्ट क्लास क्रिकेट टूर्नामेंट शेफील्ड शील्ड में ड्यूक बॉल का इस्तेमाल नहीं करने का फैसला किया है। इसकी जगह इस सीजन 2020-21 में सिर्फ देशी कूकाबुरा बॉल से ही सभी टूर्नामेंट खेले जाएंगे। ड्यूक बॉल इंग्लैंड में, जबकि कूकाबुरा ऑस्ट्रेलिया में ही बनती है।

ऑस्ट्रेलिया ने इंग्लैंड की कंडीशन में खेलने की तैयारी को लेकर घरेलू क्रिकेट में 2016 से ड्यूक बॉल इस्तेमाल कर रहा था। सीए के क्रिकेट ऑपरेशंस के हेड पीटर रोच ने कहा कि ड्यूक को छोड़ने का फैसला सही समय पर लिया गया है।

एशेज सीरीज के लिए ड्यूक बॉल से प्रैक्टिस सही रही
रोच ने कहा, ‘‘ड्यूक से शुरुआत में प्रैक्टिस करना बेहतर रहा। खासतौर पर इंग्लैंड की मेजबानी में होने वाली एशेज सीरीज के लिए इस बॉल से ट्रेनिंग करना हमारे लिए फायदेमंद रहा है। हम 4 साल से ऑस्ट्रेलिया में इस बॉल से खेल रहे हैं।’’

ऑस्ट्रेलिया समेत ज्यादातर टीमें कूकाबुरा से ही खेलती हैं
उन्होंने कहा कि दुनियाभर के ज्यादातर देशों में कूकाबुरा बॉल से ही क्रिकेट खेला जा रहा है। ऐसे में हमें लगता है कि फिर से इस देशी बॉल का इस्लेमाल करना हमारे गेंदबाजों के लिए चैलेंज होगा। लेकिन, फायदा भी ज्यादा मिलेगा।

ड्यूक बॉल से स्पिन गेंदबाजों को फायदा नहीं
रोच ने कहा, ‘‘हाल ही में यह देखा गया है कि घरेलू क्रिकेट में ड्यूक बॉल से स्पिन गेंदबाज ज्यादा प्रभावशाली साबित नहीं हुए हैं। हमें फर्स्ट क्लास में स्पिनर्स की जरूरत है, ताकि स्पिन गेंदबाजी का सामना करने वाले बल्लेबाज तैयार हो सकें। हमें ऐसे बल्लेबाजों की जरूरत है, जो स्पिनर्स का डटकर सामना कर सकें।’’

भारत की एसजी बॉल स्पिनर्स के लिए ज्यादा मददगार
एसजी बॉल हाथों से बनाई जाती है और स्पिनरों के लिए ज्यादा मुफीद होती है। शुरुआती 10 से 20 ओवर तक ही इसमें नेचुरल स्विंग होता है। गेंद की चमक भी जल्द ही चली जाती है। हालांकि, सीम के मामले में यह बेहतर है। 80-90 ओवर तक मजबूत रहती है।

ड्यूक से तेज गेंदबाजों को मदद
ड्यूक बॉल भी एसजी की तरह हाथों से बनाई जाती है। इसकी नेचुरल स्विंग 50 से 60 ओवर तक रहती है। सीम सीधी होती है, जिससे यह तेज गेंदबाजों के लिए मुफीद बन जाती है। इस बॉल में 20 से 30 ओवर के बाद ही रिवर्स स्विंग मिलनी शुरू हो जाती है। यह रंग में एसजी और कूकाबुरा से ज्यादा गहरी होती है।

कूकाबुरा से बल्लेबाजी करना आसान
ऑस्ट्रेलिया में बनाई जाने वाली कूकाबुरा बॉल हाथ की जगह मशीन से बनाई जाती है। यह 20 से 25 ओवर तक ही नेचुरल स्विंग होती है। इसके बाद बल्लेबाजों के लिए सबसे ज्यादा मुफीद हो जाता है। स्पिनरों के लिए अन्य बॉल की तुलना में कम मददगार होती है।

बॉल के इस्तेमाल को लेकर कोई आईसीसी नियम नहीं
बॉल के इस्तेमाल को लेकर अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट परिषद (आईसीसी) के कोई खास दिशा-निर्देश नहीं हैं। सभी देश अपनी कंडीशन के लिहाज से बॉल का इस्तेमाल करते हैं। भारत में एसजी, इंग्लैंड और वेस्टइंडीज में ड्यूक, जबकि अन्य देशों में कूकाबुरा बॉल का इस्तेमाल किया जाता है।

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