- परीक्षा के लिए रजिस्टर्ड करीब 3,46,000 कैंडिडेट्स में से सिर्फ 53,000 ने ही लिया ’ऑप्ट आउट’ विकल्प
- जो छात्र परीक्षा में शामिल नहीं हो पा रहे हैं, उन्हें ऑप्ट आउट केस माना जाएं: सुप्रीम कोर्ट
दैनिक भास्कर
Jul 02, 2020, 10:04 PM IST
गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट में सीए परीक्षा को लेकर हुई सुनवाई में इंस्टीट्यूट ऑफ चार्टर्ड अकाउंटेंट्स ऑफ इंडिया (ICAI) ने बताया कि तमिलनाडु और महाराष्ट्र समेत कई राज्यों में कोरोना के बढ़ते मामलों के कारण 29 जुलाई से CA परीक्षा आयोजित करने में परेशानियां आ रही हैं। मामले में ICAI का पक्ष रख रहे सीनियर एडवोकेट रामजी श्रीनिवासन ने हालातों का आकलन करने के लिए परीक्षा केंद्रों से संपर्क करने के लिए समय मांगा। जिसके बाद अब इस मामले पर अगली सुनवाई 10 जुलाई को होगी।
परीक्षा केंद्र बढ़ाने की मांग
इंडिया वाइड पेरेंट्स एसोसिएशन के अध्यक्ष द्वारा दायर याचिका में कहा गया कि “ऑप्ट-आउट” विकल्प देश के दूरदराज के इलाकों या कंटेनमेंट क्षेत्रों में रह रहे स्टूडेंट्स के साथ भेदभावपूर्ण है। इसके साथ ही याचिका में हर जिले में कम से कम एक परीक्षा केंद्र बनाने की मांग की गई। इस पर अपनी असमर्थता जताते हुए ICAI ने कोर्ट को बताया था कि 500 से ज्यादा परीक्षा केंद्रों को ठीक से सैनिटाइज किया गया है। यह भी बताया कि करीब 3,46,000 रजिस्टर्ड कैंडिडेट्स में से सिर्फ 53,000 ने ही ’ऑप्ट आउट’ विकल्प लिया है।
इससे पहले 29 जून को हुई सुनवाई
इससे पहले 29 जून को हुई सुनवाई में कोर्ट ने कहा था कि जो छात्र परीक्षा में शामिल नहीं हो पा रहे हैं, उन्हें ऑप्ट आउट केस माना जाएं। भले ही स्टूडेंट ने ऑप्ट आउट विकल्प का चुनाव ना किया हो। कोर्ट ने यह भी कहा कि लगातार बदलती स्थिति के बीच अगर कोई उम्मीदवार ऑप्ट ऑउट ऑप्शन नहीं चुन पाता है और कंटेमेंट जोन में आ जाता है तो ऐसे स्टूडेंट्स को परीक्षा केंद्र बदलने का विकल्प दिया जाना चाहिए।