वर्ल्ड डेस्क, अमर उजाला, बीजिंग।
Updated Sat, 10 Oct 2020 12:57 AM IST
ईरान के विदेश मंत्री मोहम्मद जवाद जरीफ (फाइल फोटो)
– फोटो : Facebook
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ट्रंप प्रशासन द्वारा ईरान की अर्थव्यवस्था को निशाना बनाते हुए उसके लगभग सभी वित्तीय क्षेत्रों को काली सूची में डालने के बाद ईरानी विदेश मंत्री चीन का दौरा कर रहे हैं। चीन ने बताया कि ईरान के विदेश मंत्री जावद जरीफ चीनी विदेश मंत्री वांग यी के निमंत्रण पर यह दौरा कर रहे हैं।
बता दें कि चीन एक कट्टर ईरानी सहयोगी रहा है और 2015 के उस ईरान परमाणु समझौते का एक पक्ष रहा है। इस समझौते से अमेरिका ने अपने हाथ खींचते हुए ईरान पर पाबंदियां लगा दी थीं।
बृहस्पतिवार को अमेरिका की काली सूची के दायरे में ईरान के 18 बैंक भी आ गए हैं। ऐसे में इन बैंकों के साथ लेनदेन करने वाले विदेशी, गैर-ईरानी वित्तीय संस्थानों को जुर्माने का सामना करना पड़ेगा। इन पाबंदियों के चलते ईरानी बैंक वैश्विक वित्तीय प्रणाली से कट जाएंगे।
यूरोपीय देशों ने भी इन पाबंदियों का विरोध किया है। जरीफ ने कहा है कि वैश्विक संकट के दौरान अमेरिका का यह कदम ‘मानवता के खिलाफ अपराध’ है।
ट्रंप प्रशासन द्वारा ईरान की अर्थव्यवस्था को निशाना बनाते हुए उसके लगभग सभी वित्तीय क्षेत्रों को काली सूची में डालने के बाद ईरानी विदेश मंत्री चीन का दौरा कर रहे हैं। चीन ने बताया कि ईरान के विदेश मंत्री जावद जरीफ चीनी विदेश मंत्री वांग यी के निमंत्रण पर यह दौरा कर रहे हैं।
बता दें कि चीन एक कट्टर ईरानी सहयोगी रहा है और 2015 के उस ईरान परमाणु समझौते का एक पक्ष रहा है। इस समझौते से अमेरिका ने अपने हाथ खींचते हुए ईरान पर पाबंदियां लगा दी थीं।
बृहस्पतिवार को अमेरिका की काली सूची के दायरे में ईरान के 18 बैंक भी आ गए हैं। ऐसे में इन बैंकों के साथ लेनदेन करने वाले विदेशी, गैर-ईरानी वित्तीय संस्थानों को जुर्माने का सामना करना पड़ेगा। इन पाबंदियों के चलते ईरानी बैंक वैश्विक वित्तीय प्रणाली से कट जाएंगे।
यूरोपीय देशों ने भी इन पाबंदियों का विरोध किया है। जरीफ ने कहा है कि वैश्विक संकट के दौरान अमेरिका का यह कदम ‘मानवता के खिलाफ अपराध’ है।
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