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- US President Donald Trump Tested Negative For Covid 19 NYT | Today Latest United States Presidential Election 2020 Opinion From NYT
वॉशिंगटनएक घंटा पहलेलेखक: मैगी हेबरमैन और एनी केरनी
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- डोनाल्ड ट्रम्प ने कोरोना से ठीक होने के बाद अपनी पहली रैली के लिए फ्लोरिडा को चुना
कोरोना संक्रमण से ठीक होने के बाद डोनाल्ड ट्रम्प अब फिर कैम्पेन मोड में आ गए हैं। सोमवार रात वे फ्लोरिडा पहुंचे और यहां हजारों समर्थकों की मौजूदगी में रैली की। कहा- मैं पहले ज्यादा पावरफुल महसूस कर रहा हूं। दूसरी तरफ, उनके डॉक्टर ने भी दावा किया है कि राष्ट्रपति की कोरोना टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आ चुकी है।
डॉक्टर का दावा
राष्ट्रपति के डॉक्टर सीन कोनले ने व्हाइट हाउस की प्रेस सेक्रेटरी कैली मैक्नेनी को एक चिट्ठी के जरिए बताया है कि राष्ट्रपति का लगातार दो दिन तक कोरोना टेस्ट किया गया है। दोनों रिपोर्ट निगेटिव आई हैं। मैक्नेनी ने इसकी जानकारी मीडिया को दी। कैली ने कहा- कई लोग यह जानना चाहते हैं कि राष्ट्रपति की सेहत कैसी है। उनका कोरोना टेस्ट दोबारा किया गया है या नहीं। मेरे पास डॉक्टर कोनले का मैसेज आया है। राष्ट्रपति के दो दिन में दो टेस्ट किए गए हैं। दोनों की रिपोर्ट निगेटिव आई है।
ट्रम्प फिर मैदान में
पिछले हफ्ते संक्रमित होने के बाद ट्रम्प तीन दिन मेरिलैंड के वॉल्टर रीड हॉस्पिटल में रहे थे। डॉक्टर ने उन्हें शनिवार से कैम्पेन करने की इजाजत दी थी। लेकिन, ट्रम्प ने सोमवार से चुनाव प्रचार फिर शुरू किया। वे फ्लोरिडा पहुंचे और यहां एक विशाल रैली की। हजारों समर्थकों की मौजूदगी में ट्रम्प ने कहा- मैं पहले से ज्यादा ताकतवर महसूस कर रहा हूं। यह रैली फ्लोरिडा के सैनफोर्ड में हुई।
ये जल्दबाजी तो नहीं
ट्रम्प ने सैनफोर्ड में आधे घंटे से कुछ ज्यादा वक्त भाषण दिया। इस दौरान महसूस किया जा सकता था कि वे खुद को सेहतमंद दिखाने की जल्दबाजी में हैं। ट्रम्प बार-बार यह दावा करते रहे है कि वे पूरी तरह ठीक हो चुके हैं। खास बात ये है कि जब वे यह रैली कर रहे थे तब तक इस बात की औपचारिक पुष्टि नहीं हो सकी थी कि उनकी टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आई है। ट्रम्प जिस बारे में दावा कर रहे हैं उसमें एक बात जरूर नोट की जानी चाहिए कि इस बीमारी से अमेरिका में 2 लाख 15 हजार लोगों की मौत हो चुकी है।
बाइडेन का मजाक उड़ाते रहे
ट्रम्प की बेफिक्री का आलम यह है कि वे डेमोक्रेट कैंडिडेट जो बाइडेन की छोटी रैलियों का मजाक उड़ाते रहे। उन्होंने यहां तक कहा कि बाइडेन और डेमोक्रेट्स वैक्सीन जल्द लाने में बाधा बन रहे हैं। सवाल तो राष्ट्रपति के डॉक्टर पर भी उठ रहे हैं। सबसे ज्यादा हैरानी की बात यह है कि अपने कैंडिडेट के पॉजिटिव होने और अस्पताल में भर्ती होने के बावजूद ट्रम्प के समर्थन सुधरने को तैयार नहीं हैं। सोमवार की रैली में सैकड़ों लोग ऐसे थे, जिन्होंने मास्क नहीं लगाया था। यह देश के लिए और खुद इन लोगों के लिए दिक्कत का सबब बन सकता है।
शेखी बघारने की कोशिश
सैनफोर्ड के अपने भाषण में ट्रम्प का पुराना अंदाज ही दिखा। कोरोना और अमेरिका में उससे पैदा हुए हालात पर उन्होंने ज्यादा कुछ नहीं कहा। ये जरूर बताया कि किस तरह उन्होंने आतंकवाद पर सख्ती दिखाई। कितने टेरेरिस्ट खत्म कर दिए। ईरान को लेकर सख्त रवैया अपनाया। ज्यादातर मीडिया खबरों को फेक बताया। शनिवार का बयान भी दोहराया। कहा- मुझे नोबेल प्राइज के लिए नॉमिनेट इसलिए नहीं किया गया क्योंकि मीडिया फेक खबरें चलाता है। जबकि 2009 में ओबामा को फौरन नॉमिनेट कर दिया गया था।