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- Cabinet Approved The Expenditure Of Rs 3874 Crore To Fill The Countrys Oil Reserves At A Cheaper Price
नई दिल्ली43 मिनट पहले
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पेट्रोलियम और नेचुरल गैस मंत्रालय ने अप्रैल-मई में 3,874 करोड़ रुपए में 1.671 करोड़ बैरल क्रूड की खरीदारी की थी और विशाखापट्टनम, मंगलुरु व पाडुर में स्थित स्ट्र्रैटेजिक स्टोरेज को भर लिया था
- अप्रैल-मई में क्रूड बेहद सस्ता हो गया था और सरकार ने इसका फायदा उठाकर तीनों भंडारों को भर लिया था
- दो दशक के निचले स्तर पर गिरे क्रूड की खरीदारी से देश को 5,000 करोड़ रुपए से ज्यादा की बचत हुई
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने बुधवार को सस्ती कीमत पर तेल भंडारण पर हुए 3,874 करोड़ रुपए के खर्च को मंजूरी दे दी। इसे पैसे से खरीदे गए कच्चे तेल को देश के तीन रणनीतिक भूमिगत भंडारों में जमा किया गया है। केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा कि आर्थिक मामलो की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) अबुधाबी नेशनल ऑयल कंपनी (एडनॉक) को देश के रणनीतिक भंडार में जमा किए गए अपने तेल का ट्रेड करने की भी अनुमति दे दी।
अप्रैल-मई में कच्चे तेल की कीमत दो दशकों के निचले स्तर पर पहुंच गई थी। सरकार ने कीमत में इस गिरावट का फायदा उठाया और तीनों रणनीतिक भूमिगत क्रूड ऑयल स्टोरेजेज को भर लिया। इससे देश को 5,000 करोड़ रुपए से ज्यादा की बचत हुई।
सरकार ने तीन रणनीतिक क्रूड भंडार बनाए हैं
आपात जरूरतों को पूरा करने के लिए सरकार ने तीन भूमिगत स्ट्रैटेजिक क्रूड स्टोरेज बनाए हैं। सस्ते क्रूड का फायदा उठाने के लिए सरकार ने अप्रैल-मई में 1.671 करोड़ बैरल क्रूड की खरीदारी की थी और विशाखापट्टनम, मंगलुरु व पाडुर में स्थित स्ट्र्रैटेजिक स्टोरेजेज को भर लिया था। पेट्रोलियम और नेचुरल गैस मंत्रालय ने इस खरीदारी पर 3,874 करोड़ रुपए खर्च किए थे। इस खरीदारी को बुधवार को कैबिनेट ने पोस्ट फक्टो मंजूरी दी।
औसत 19 डॉलर प्रति बैरल पर हुई थी खरीदारी
क्रूड की खरीदारी औसत 19 डॉलर प्रति बैरल की दर से हुई थी। जनवरी 2020 में यह प्राइस 60 डॉलर प्रति बैरल था। इससे सरकार को 68.511 करोड़ डॉलर या 5,069 रुपए की बचत हुई।
ADNOC मंगलुरु स्टोरेज में रखा है अपना क्रूड
जावेड़कर ने कहा कि सरकार ने अबुधाबी नेशनल ऑयल कंपनी (ADNOC) को स्ट्रैटेजिक स्टोरेज में रखे अपने क्रूड का ट्र्रेड करने की भी अनुमति दे दी। मंगलुरु स्टोरेज की कुल क्षमता 15 लाख टन है। इसका आधा हिस्सा ADNOC ने अपने तेल जमा रखने के लिए पहले से किराए पर लिया हुआ था। बाकी आधा हिस्सा अप्रैल-मई में भरा गया। ADNOC के साथ हुए समझौते के मुताबिक आपात स्थिति में इस भंडार में रखे तेल पर पहला राइट भारत का होगा।