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- Flood Erosion In Sobhepur Village Of Sonpur Causing Heavy Damage, Dozens Of Buildings And Huts Submerged
सोनपुरएक घंटा पहले
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सोनपुर के शोभेपुर गांव में बाढ़ के कारण पीपल का पेड़ गिर गया। स्थानीय लोगों में भय का माहौल है।
- पिछले एक सप्ताह से ग्रामीण झेल रहे नदी के कटाव का दंश
- भय के कारण गांव छोड़कर बाहर जा रहे हैं लोग
बिहार विधानसभा चुनाव के दौरान ताबड़तोड़ चुनावी सभाओं का दौर जारी है। पक्ष-प्रतिपक्ष प्रचार में मशगुल है लेकिन जनता का दर्द हुक्मरानों तक नहीं पहुंच रहा है। ताजा मामला सारण के सोनपुर का है, जहां बाढ़ के कटाव के कारण भारी नुकसान हुआ है। डुमरी बुजुर्ग पंचायत के शोभेपुर गांव में नदी के कटाव ने आफत मचा दी है।
जनता परेशान, बेखबर हुक्मरान
कटाव से अब तक काफी नुकसान हो चुका है लेकिन प्रशसान और जनप्रतिनिधि बेरुखी से पेश आ रहे हैं। अब तक कई भवन, झुग्गी झोपड़ियां इसकी चपेट में आ चुके हैं। शिव मंदिर, पीपल का पेड़ और मुख्यमंत्री के सात निश्चय योजना के तहत बनाया गया पानी टंकी भी जलमग्न हो चुका है। स्थानीय लोगों ने बताया सोनपुर एसडीएम सुनील कुमार व सोनपुर अंचलाधिकारी से फोन पर संपर्क करने की कोशिश की गई लेकिन दोनों पदाधिकारियों का मोबाइल आउट ऑफ रेंज बता रहा है।
स्थानीय लोगों में भय का माहौल है। पिछले एक हफ्ते से भीषण कटाव के कारण डुमरी बुजुर्ग पंचायत त्रासदी झेल रहा है। ये इलाका भाजपा के वरिष्ठ नेता ठाकुर उदय प्रताप सिंह का है लेकिन अभी तक कोई जनप्रतिनिधि कटाव देखने नहीं पहुंचा है।
इसमें वार्ड सदस्य छट्ठू महतो का दो मंजिला मकान कटाव में बह गया है। दो विशाल पीपल के वृक्ष भी कटाव में धाराशायी हो गए हैं। पिछड़ा, अतिपिछड़ा, दलित महादलित वर्ग के शोभेपुर निवासी रात दिन अपने जुगाड़ से काटव रोकने का प्रयास कर रहे हैं, लेकिन कटाव रुकने का नाम नहीं ले रहा है। बहरहाल, शोभेपुर बांध के आसपास बसे लोगों में हड़कंप मचा हुआ है और वह गांव से बाहर जा रहे हैं।
बीडीसी सदस्य व वरिष्ठ भाजपा नेता ठाकुर उदय प्रताप सिंह ने बताया कि हमारे नेता राजीव प्रताप रूडी व विनय कुमार सिंह चाहकर भी कुछ नहीं कर पा रहे हैं ।आचार संहिता के कारण हम और एनडीए विवश है और प्रशासन उदासीन है। पूर्व विधायक विनय कुमार सिंह भी यहां पहुंचे हैं लेकिन, प्रशासन कोई ठोस कदम नहीं उठा रहा है कि कटाव व ग्रामीणों के विस्थापन को रोका जा सके।
इसलिए आई ये नौबत…
नेपाली जल विस्तार से विस्तारित पानी तेजी से माही नदी से गंगा में गिर रही है। गंगा का गर्भ खाली है, जिसके कारण सारे स्लुइस गेट खोल दिए गए हैं ताकि लोग रबी फसलों की बुआई कर सकें। अब इस भीषण कटाव ने जन जीवन को अस्त-व्यस्त कर दिया है। चुनाव आचार संहिता के भय से लोग अब सड़क पर भी नहीं आ पा रहे हैं ।