Board of Control for Cricket in India (BCCI) has appointed IPL chief operating officer Hemang Amin as the interim chief executive officer | आईपीएल सीओओ हेमंग अमीन होंगे बोर्ड के अंतरिम सीईओ, 6 दिन पहले सीईओ राहुल जौहरी का इस्तीफा मंजूर हुआ था

  • बीसीसीआई सीईओ राहुल जौहरी पर बोर्ड की गोपनीय जानकारी लीक करने का आरोप था
  • आईपीएल सीओओ हेमंग अमीन ने बोर्ड की कई बड़ी कंपनियों से कमर्शियल डील करवाने में अहम रोल निभाया
  • उन्होंने आईपीएल की ओपनिंग सेरेमनी न कराते हुए सारा पैसा पुलवामा के शहीदों के परिवार को डोनेट किया था

दैनिक भास्कर

Jul 14, 2020, 03:29 PM IST

हेमंग अमीन भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अंतरिम सीईओ होंगे। अमीन इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के चीफ ऑपरेटिंग ऑफिसर (सीओओ) हैं। 6 दिन पहले ही सीईओ का पद राहुल जौहरी के इस्तीफे के कारण खाली हुआ था। अमीन 2017 से ही आईपीएल के ऑपरेशन का काम देख रहे हैं। 

बीसीसीआई के एक पदाधिकारी ने न्यूज एजेंसी को बताया कि अमीन इस पद के लिए सबसे सही व्यक्ति हैं और बीसीसीआई में उनका योगदान पूर्व सीईओ जौहरी से कहीं ज्यादा है।  

बोर्ड की एपेक्स काउंसिल की मीटिंग में अंतिम फैसला होगा

बोर्ड सूत्रों के मुताबिक, दो महीने के भीतर नया सीईओ ढूंढ लिया जाएगा। 17 जुलाई को होने वाली बोर्ड की एपेक्स काउंसिल की मीटिंग में भी इस पर चर्चा होगी। 

अमीन ने पुलवामा के शहीदों के परिवारों को मदद पहुंचाई 

अमीन आईपीएल के सीओओ हैं। पिछले साल लीग की ओपनिंग सेरेमनी न कराने के फैसले के पीछे उनकी बड़ी भूमिका थी। उन्होंने ओपनिंग सेरेमनी में खर्च होने वाली सारी राशि पुलवामा हमले में शहीद हुए सीआरपीएफ जवानों के परिवारों को डोनेट की थी। उनके इस कदम की भी काफी तारीफ हुई थी। पिछले साल फरवरी में जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में हुए आतंकी हमले में सीआरपीएल के 40 जवान शहीद हो गए थे। 

पिछले हफ्ते जौहरी का इस्तीफा मंजूर हुआ
बीसीसीआई ने बीते गुरुवार को सीईओ राहुल जौहरी का इस्तीफा मंजूर किया था। उन्होंने पिछले साल 27 दिसंबर को ही पद से इस्तीफा दे दिया था। लेकिन, तब बोर्ड ने इसे मंजूर नहीं किया था और उन्हें इस साल 30 अप्रैल तक एक्सटेंशन दिया था। लेकिन गुरुवार को अचानक उनका इस्तीफा मंजूर कर लिया गया। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, उन पर गोपनीय जानकारी मीडिया को लीक करने का शक है था।

जौहरी को 2016 में बीसीसीआई का पहला सीईओ बनाया गया था। तब शशांक मनोहर बोर्ड अध्यक्ष थे। 

जौहरी के पास ज्यादा जिम्मेदारी नहीं थी 
गांगुली की अगुआई वाली कमेटी के हाथों में बोर्ड की कमान आने के बाद से ही जौहरी की जिम्मेदारी बहुत कम हो गई थी। आईसीसी से जुड़े मामले भी सचिव जय शाह ही देख रहे थे। ऐसे में वे बोर्ड में रहना नहीं चाह रहे थे। 

जौहरी का कार्यकाल विवादों में रहा 
बीसीसीआई के सीईओ के तौर पर राहुल का कार्यकाल विवादों में घिरा रहा था। उन पर एक महिला ने यौन शोषण के आरोप लगाए थे। उस वक्त पूरी दुनिया में मीटू कैम्पन चल रहा था। उन पर लगे आरोपों की जांच के लिए कमेटी बनाई गई थी। हालांकि, जांच कमेटी ने जौहरी को क्लीन चिट दी थी। 

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