Bihar Assembly Elections 2020 Tejashwi Yadav Attacks Nitish Kumar Reminds Him Of 60 Scams Worth Rs 30,000 Crore – Bihar Election 2020: तेजस्वी का नीतीश पर प्रहार, याद दिलाए 30000 करोड़ रुपये के 60 घोटाले

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटना

Updated Thu, 22 Oct 2020 12:35 PM IST

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बिहार विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण का मतदान 28 अक्तूबर को होने वाला है। जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है राज्य में चुनावी सरगर्मी भी बढ़ रही है। कोरोना काल में हो रहे चुनावों में चुनाव आयोग ने प्रचार के कई दिशानिर्देश जारी किए थे। इसलिए इस बार चुनावी रैलियों की बजाए प्रचार की सरगर्मी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर ज्यादा महसूस की जा रही है। 243 सदस्यीय विधानसभा के लिए तीन चरणों में मतदान होंगे। 

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर लगातार निशाना साध रहे हैं। तेजस्वी ने मुख्यमंत्री को थका हुआ करार दिया है और राज्य में हुए भ्रष्टाचार पर भी सवाल खड़े किए हैं। 

तेजस्वी ने सोशल मीडिया फेसबुक पर लिखे पोस्ट के जरिए नीतीश के शासन पर सवाल खड़े किए हैं। 

तेजस्वी ने लिखा, “माना कि माननीय मुख्यमंत्री जी मानसिक व शारीरिक रूप से थक चुके है। लोकतंत्र में जीत-हार चलती रहती है। वो हार देखकर घबराए नहीं और भाषा की शालीनता और मर्यादा को बनाए रखे। नीतीश कुमार जी, आजकल बौखलाहट में कुछ भी बोल रहे है। कह रहे है जेल से पैसा आएगा। 15 साल शासन करने के बाद भी इनको नहीं पता कि बजट में क्या-क्या प्रावधान है और कैसे उन्हें खर्च करना है।” 

बिहार में विकास का लेखा जोखा और बजट पर नीतीश को कटघरे में खड़ा करते हुए तेजस्वी ने लिखा, “बिहार का वित्तीय बजट 2 लाख 11 हजार 761 करोड़ है, जिसका 40 फीसदी राशि एनडीए सरकार अपनी ढुलमुल, गैर-जिम्मेदारना, भ्रष्ट और लचर नीतियों के कारण खर्च ही नहीं कर पाती है और अंत में 80 हजार करोड़ रुपये ये हर वर्ष सरेंडर कर देते है। कोई कार्यकुशल सरकार लगभग 40 फीसद फंड सरेंडर क्यों करेगी? आदरणीय नीतीश जी और सुशील जी, हम इस विशालकाय राशि का आपकी तरह जातीय वोट बैंक बनाने की बजाय आसानी से नए विकास कार्यों और नई बहाली के लिए वेतन के रूप में कर सकते हैं।”

बिहार में हुए घोटालों का जिक्र करते हुए उन्होंने उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार पर भी निशाना साधा। उन्होंने आगे लिखा, “मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री जी को बजट का कैसे पता चलेगा? आपके कार्यकाल में सृजन घोटाले, धान घोटाले, तटबंध घोटाले सहित 30000 करोड़ के 60 घोटाले हुए है। यानि आपने गरीब जनता का 30 हजार करोड़ भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिए। इन घोटालों को स्वयं माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी विगत चुनाव में स्वीकार कर चुके है। इस 30 हजार करोड़ की राशि को क्या आप अनुबंध या नियोजन के नाम पर शोषण सह रहे युवाओं की नौकरियों को नियमित कर के वेतनमान नहीं दे सकते थे?” 

तेजस्वी यादव ने नीतीश पर भ्रष्चार के आरोप लगाए और यह वादा किया कि उनकी सरकार राज्य में विकास कैसे लाएगी। उन्होंने लिखा, “हमारी सरकार बिना भ्रष्टाचार पूरी पारदर्शिता से एक एक पैसा सही कार्य में लगाएगी, राज्य की उत्पादकता बढ़ाएगी, पूंजीपतियों को निवेश के लिए आकर्षित कर नए उद्योग लगाएगी और राज्य की आय कई गुणा बढ़ाएगी।” 

बिहार विधानसभा चुनाव के लिए पहले चरण का मतदान 28 अक्तूबर को होने वाला है। जैसे-जैसे चुनाव की तारीख नजदीक आ रही है राज्य में चुनावी सरगर्मी भी बढ़ रही है। कोरोना काल में हो रहे चुनावों में चुनाव आयोग ने प्रचार के कई दिशानिर्देश जारी किए थे। इसलिए इस बार चुनावी रैलियों की बजाए प्रचार की सरगर्मी डिजिटल प्लेटफॉर्म पर ज्यादा महसूस की जा रही है। 243 सदस्यीय विधानसभा के लिए तीन चरणों में मतदान होंगे। 

राष्ट्रीय जनता दल (राजद) नेता तेजस्वी यादव मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर लगातार निशाना साध रहे हैं। तेजस्वी ने मुख्यमंत्री को थका हुआ करार दिया है और राज्य में हुए भ्रष्टाचार पर भी सवाल खड़े किए हैं। 

तेजस्वी ने सोशल मीडिया फेसबुक पर लिखे पोस्ट के जरिए नीतीश के शासन पर सवाल खड़े किए हैं। 

तेजस्वी ने लिखा, “माना कि माननीय मुख्यमंत्री जी मानसिक व शारीरिक रूप से थक चुके है। लोकतंत्र में जीत-हार चलती रहती है। वो हार देखकर घबराए नहीं और भाषा की शालीनता और मर्यादा को बनाए रखे। नीतीश कुमार जी, आजकल बौखलाहट में कुछ भी बोल रहे है। कह रहे है जेल से पैसा आएगा। 15 साल शासन करने के बाद भी इनको नहीं पता कि बजट में क्या-क्या प्रावधान है और कैसे उन्हें खर्च करना है।” 

बिहार में विकास का लेखा जोखा और बजट पर नीतीश को कटघरे में खड़ा करते हुए तेजस्वी ने लिखा, “बिहार का वित्तीय बजट 2 लाख 11 हजार 761 करोड़ है, जिसका 40 फीसदी राशि एनडीए सरकार अपनी ढुलमुल, गैर-जिम्मेदारना, भ्रष्ट और लचर नीतियों के कारण खर्च ही नहीं कर पाती है और अंत में 80 हजार करोड़ रुपये ये हर वर्ष सरेंडर कर देते है। कोई कार्यकुशल सरकार लगभग 40 फीसद फंड सरेंडर क्यों करेगी? आदरणीय नीतीश जी और सुशील जी, हम इस विशालकाय राशि का आपकी तरह जातीय वोट बैंक बनाने की बजाय आसानी से नए विकास कार्यों और नई बहाली के लिए वेतन के रूप में कर सकते हैं।”

बिहार में हुए घोटालों का जिक्र करते हुए उन्होंने उप-मुख्यमंत्री सुशील कुमार पर भी निशाना साधा। उन्होंने आगे लिखा, “मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री जी को बजट का कैसे पता चलेगा? आपके कार्यकाल में सृजन घोटाले, धान घोटाले, तटबंध घोटाले सहित 30000 करोड़ के 60 घोटाले हुए है। यानि आपने गरीब जनता का 30 हजार करोड़ भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा दिए। इन घोटालों को स्वयं माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी विगत चुनाव में स्वीकार कर चुके है। इस 30 हजार करोड़ की राशि को क्या आप अनुबंध या नियोजन के नाम पर शोषण सह रहे युवाओं की नौकरियों को नियमित कर के वेतनमान नहीं दे सकते थे?” 

तेजस्वी यादव ने नीतीश पर भ्रष्चार के आरोप लगाए और यह वादा किया कि उनकी सरकार राज्य में विकास कैसे लाएगी। उन्होंने लिखा, “हमारी सरकार बिना भ्रष्टाचार पूरी पारदर्शिता से एक एक पैसा सही कार्य में लगाएगी, राज्य की उत्पादकता बढ़ाएगी, पूंजीपतियों को निवेश के लिए आकर्षित कर नए उद्योग लगाएगी और राज्य की आय कई गुणा बढ़ाएगी।” 

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