Donald Trump Vs Joe Biden; US Election 2020 | Here’s Third Presidential Debate Latest News and Coverage Update | ट्रम्प ने भारत को गंदा बताया, बोले- चीन और रूस को देखिए, ये भी हवा खराब करने के लिए जिम्मेदार

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वॉशिंगटन11 मिनट पहले

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अमेरिका में 3 नवंबर को होने वाले राष्ट्रपति चुनाव के पहले तीसरी और आखिरी प्रेसिडेंशियल डिबेट हुई। टेनेसी की नेश्विले में हुई डिबेट 90 मिनट चली। पहली डिबेट की तुलना में यह बहस काफी शांतिपूर्ण और दोस्ताना माहौल में हुई। डिबेट में पहली बार म्यूट बटन का इस्तेमाल हुआ। हालांकि, इसकी जरूरत नहीं पड़ी क्योंकि डोनाल्ड ट्रम्प और जो बाइडेन ने एक दूसरे के बीच में बोलने से परहेज किया।

राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प और डेमोक्रेट जो बाइडेन के बीच शुक्रवार को (स्थानीय समयानुसार गुरुवार 9.30 बजे) आखिरी प्रेसिडेंशियल डिबेट हुई। इसमें ट्रम्प ने भारत को गंदा बताया। क्लाइमेट चेंज पर अपनी बात रखते हुए उन्होंने कहा कि चीन और रूस भी हवा खराब करने के लिए जिम्मेदार हैं।

ट्रम्प ने यह भी कहा कि खरबों पेड़ लगाने का प्रोग्राम चला रहे हैं। मुझे पर्यावरण से प्यार है। मैं एकदम साफ हवा और पानी देना चाहता हूं। हमने बीते 35 साल में सबसे कम कार्बन उत्सर्जन किया है। पूर्व राष्ट्रपति बराक ओबामा के समय इसका मानक काफी ज्यादा था। हम पेरिस समझौते से बाहर इसलिए आए, क्योंकि हम कई ट्रिलियन डॉलर खर्च कर रहे थे और हमारे साथ ही पक्षपात हो रहा था।

कमीशन ऑफ डिबेट (CPD) ने इस बार म्यूट बटन दिया गया था। यानी एक कैंडिडेट जब मॉडरेटर के सवाल का जवाब दे रहा था तो दूसरे का माइक्रोफोन बंद था। दूसरी बहस, 15 अक्टूबर को होनी थी। तब ट्रम्प कथित तौर पर संक्रमण मुक्त हो चुके थे। CPD ने इसे वर्चुअल फॉर्म में कराने को कहा था। राष्ट्रपति इसके लिए तैयार नहीं थे। बाद में इसे रद्द कर दिया गया था। राष्ट्रपति चुनाव 3 नवंबर को है।

कोरोनावायरस

बाइडेन: एक ऐसा व्यक्ति जिसकी वजह से लाखों अमेरिकी नागरिकों की जान गई हो। जो महामारी का जिम्मेदार हो। उसे राष्ट्रपति पद पर बने रहने का कोई हक नहीं है। ट्रम्प के पास इस महामारी से निपटने का कोई प्लान ही नहीं था। मैं आपको भरोसा दिलाता हूं कि अगर हम सत्ता में आए तो सभी को मास्क पहनना होगा। इसके अलावा टेस्टिंग बढ़ाई जाएगी।
ट्रम्प: आप गलत और बिना जानकारी के आरोप लगा रहे हैं। हमने हर मुमकिन कोशिश की। अमेरिका ही नहीं बल्कि दुनिया का हर देश इस महामारी की चपेट में है। कुछ ही हफ्तों में हम वैक्सीन लेकर आ रहे हैं।महामारी की वजह से हम अमेरिका को बंद नहीं कर सकते। आपकी तरह बेसमेंट में छिपना हमें मंजूर नहीं।

बाइडेन का आरोप: अगर मास्क पहनना जरूरी किया गया होता तो 10 हजार लोगों की जान बचाई जा सकती थी। मेरे पास इससे निपटने का प्लान है। ट्रम्प कोरोना टास्क फोर्स के चीफ डॉ. एंथोनी फौसी की बात ही नहीं मानते। क्या वे उनसे बड़े एक्सपर्ट हैं?
ट्रम्प का जवाब: यह कैसा डर है कि हमने दुनिया की सबसे बड़ी और सबसे ताकतवर इकोनॉमी को ही बंद कर दिया। ऐसी बीमारी जिसे चीन ने फैलाया। पहली की तुलना में डेथ रेट कम हुआ है। लॉकडाउन का फैसला राज्यों को करना है, केंद्र को नहीं। वैक्सीन अब तैयार है। साल के अंत तक बाजार में होगी। मैं संक्रमित हुआ तो बहुत कुछ सीखा। मैं सबकी बात सुनता हूं। लेकिन, मुझे लगता है कि डॉ. फौसी डेमोक्रेट हैं, लेकिन जाने दीजिए। इससे फर्क नहीं पड़ता।

नेश्विले में हुई तीसरी और आखिरी फाइनल डिबेट को एनबीसी की व्हाइट हाउस संवाददाता क्रिस्टीन वेकर ने मॉडरेट किया। वो शांत और संयमित नजर आईं। उनके काम की तारीफ भी हो रही है।

नेश्विले में हुई तीसरी और आखिरी फाइनल डिबेट को एनबीसी की व्हाइट हाउस संवाददाता क्रिस्टीन वेकर ने मॉडरेट किया। वो शांत और संयमित नजर आईं। उनके काम की तारीफ भी हो रही है।

चुनाव में विदेशी ताकतों का दखल
बाइडेन:
एक बात समझ लीजिए। अगर हम सत्ता में आए तो उन बाहरी ताकतों को सबक सिखाया जाएगा, जिन्होंने देश के चुनाव दखलंदाजी की साजिश रची। हम जानते हैं कि इस चुनाव में रूस, ईरान और चीन दखल देने की कोशिश कर रहे हैं। मैं जीता तो इन्हें सबक सिखाउंगा। रूस नहीं चाहता कि मैं चुनाव जीतूं। मैंने पूरी जिंदगी में किसी विदेशी कंपनी से एक पैसा नहीं लिया। ट्रम्प ने टैक्स चोरी की। उनका चीन के बैंक में अकाउंट है।
ट्रम्प: रूस पर मेरी जैसी सख्ती इतिहास में किसी ने नहीं दिखाई। बाइडेन को विदेशी कंपनियों से पैसा मिला। मैं टैक्स रिलीज की जानकारी इसलिए नहीं दे सकता, क्योंकि इसका ऑडिट चल रहा है। इतनी समझ तो आपको होना चाहिए कि कानून क्या कहता है। आपकी फैमिली ने विदेशी कंपनियों से खूब पैसा कमाया। जब बाइडेन वाइस प्रेसिडेंट थे तो उनके भाई और बेटे तिजोरियां भर रहे थे। आपका परिवार वैक्यूम क्लीनर की तरह है।

हेल्थ
बाइडेन: ट्रम्प ने ओबामाकेयर हेल्थ बिल को आगे लागू करने से इनकार कर दिया। वे यह भी नहीं बताते कि इसकी जगह कौन सा नया बिल लेकर आएंगे। आपके पास कोई प्लान नहीं है। हम 10 साल में 70 अरब डॉलर खर्च करेंगे।
ट्रम्प: मैंने कभी ओबामाकेयर लागू करने से मना नहीं किया। आप की तरह हम भी इस बिल का फायदा देना चाहते हैं। लेकिन, ये मेरा वादा कि हम इससे बेहतर बिल लेकर आ रहे हैं। उसका प्रीमियम ओबामाकेयर से कम होगा। लेकिन, अगर सुप्रीम कोर्ट को इस पर ऐतराज है तो फिर नया बिल लाना ही होगा। मैं इससे ज्यादा जानकारी नहीं दे सकता। दवाइयां सस्ती होंगी।

रिलीफ बिल
बाइडेन: हमें सोचना होगा कि रिलीफ बिल का क्या हुआ। संसद ने 3.4 ट्रिलियन डॉलर के बिल को मई में ही मंजूरी दे दी थी। आपने इसे घटाकर 2.4 ट्रिलियन डॉलर कर दिया। आपने सहयोगियों से भी सलाह लेने की जरूरत नहीं समझी। आपके लिए वो राज्य किसी काम के नहीं हैं, जहां डेमोक्रेट सरकारें हैं। आप देश को डेमोक्रेट्स और रिपब्लिकन में बांटकर देखते हैं।
ट्रम्प: स्पीकर नैंसी पेलोसी रिलीफ पैकेज को मंजूरी देने में देरी कर रही हैं। मैंने तो मई में ही इसे मंजूरी दे दी थी। वो अब तक विचार ही कर रहे हैं। पेलोसी को शायद 3 नवंबर का इंतजार है। उन्हें लगता है कि आप जीतेंगे तो इस बिल को मंजूरी दे देंगी।

इमीग्रेशन
बाइडेन: आपकी सरकार ने इमीग्रेशन के नाम पर मानवाधिकारों का हनन किया। मैक्सिको बॉर्डर पर पांच सौ बच्चों को हिरासत में लिया गया। उन्हें पेरेंट्स से दूर कर दिया। आप बच्चों को क्रिमिनल बता रहे हैं। मैं जीता तो 100 दिन में नई इमीग्रेशन पॉलिसी बनाऊंगा। बच्चों को पिंजड़ों में नहीं रखा जाएगा। ओबामा के दौर में भी हमने यही किया था।
ट्रम्प: मैक्सिको बॉर्डर पर बच्चों का इस्तेमाल ड्रग रैकेट में किया जा रहा है। सख्ती बेहद जरूरी है। हमने यही किया। अगर किसी को आना है तो उसे कानूनी रास्ता अख्तियार करना होगा। हम कोशिश कर रहे हैं कि जो बच्चे पेरेंट्स से अलग हुए हैं, उन्हें फिर मिलाया जाए। लेकिन, मैं साफ कर दूं कि इस मामले में देश की सुरक्षा और भविष्य से कोई समझौता नहीं किया जाएगा। इस मामले पर राजनीति बिल्कुल नहीं होनी चाहिए।

नस्लवाद
बाइडेन: ट्रम्प नस्लवाद के प्रतीक हैं। वे हमेशा आग में घी डालते हैं। अमेरिकी इतिहास में उनसे ज्यादा नस्लवाद करने वाला राष्ट्रपति नहीं हुआ। पिछली डिबेट में उन्होंने ‘व्हाइट सुप्रीमेसी’ यानी श्वेतों को सर्वश्रेष्ठ बताने वाले हिंसक संगठनों का विरोध तक नहीं किया। उल्टा ट्रम्प उनका समर्थन करते हैं। आज अश्वेत अपने बच्चों को, चाहे वो कितने ही अमीर परिवार से क्यों न हों, ये सिखाते हैं कि सड़क पर हूडी शर्ट (ऐसी शर्ट जिसमें सिर पर हुड यानी कैप लगा हो) पहनकर न निकलें, नहीं तो पुलिस पकड़ लेगी।
ट्रम्प: अब्राहम लिंकन को छोड़ दें तो अश्वेतों के लिए मुझसे ज्यादा काम किसी राष्ट्रपति ने नहीं किया। इस हॉल में भी मैं सबसे कम नस्लवादी सोच का व्यक्ति हूं। आपने और ओबामा ने तो अश्वेतों को इंसाफ दिलाने की सिर्फ बातें कीं। आप भूल जाते है कि 1990 में अश्वेतों के खिलाफ क्राइम बिल लाने वाले आप ही थे। उन्हें ड्रग्स के झूठे केसों में फंसाया गया। आज मैं सभी के लिए बराबरी से काम करता हूं। इसलिए सभी लोग मुझ से प्यार करते हैं।

क्लाइमेट चेंज
बाइडेन: क्लाइमेट चेंज एक बड़ा मुद्दा है। ट्रम्प इसको मजाक में लेते हैं। यह पूरी मानवता के लिए खतरा है। मैंने इस पर प्लान तैयार किया है। एक्सर्ट्स से बातचीत की है। इसके जरिए हम नई नौकरियां भी देंगे। हम ऑयल एनर्जी की जगह रीन्यूअल एनर्जी (अक्षय ऊर्जा) पर फोकस करना चाहते हैं।
ट्रम्प: मैं साफ हवा और साफ पानी देना चाहता हूं। हमने कई नियम बनाए हैं। जहां तक साफ हवा की बात है तो मैं बाइडेन से काफी ज्यादा जानता हूं। हमारे यहां कार्बन उत्सर्जन सबसे कम है। भारत, चीन और रूस को देखिए, उन्होंने हवा ज्यादा खराब की है।

फाइनल राउंड: इस राउंड में दोनों कैंडिडेट्स ने उस वोटर्स का समर्थन मांगा जो पारंपरिक तौर पर उनके वोटर्स नहीं हैं।
बाइडेन: मैं अगर जीता तो डेमोक्रेट्स या रिपब्लिकंस का नहीं, बल्कि अमेरिका का राष्ट्रपति रहूंगा। उन लोगों का भी जिन्होंने मुझे वोट नहीं दिया। डर से उम्मीद के माहौल में देश को ले जाउंगा। हमारे पास हजारों मौके हैं, देश को बेहतर बनाने के। इकोनॉमी बेहतर कर सकते हैं, नस्लवाद खत्म कर सकते हैं, क्लीन एनर्जी दे सकते हैं और नए रोजगार के अवसर ला सकते हैं। इस बार अमेरिकी कैरेक्टर बैलट यानी मतपत्र पर होगा। सभी को सम्मान और बराबरी का हक होगा। इसके पहले आपने इतनी निराशा इतना डिप्रेशन कभी नहीं देखा होगा। मैं इसे खत्म करूंगा।
ट्रम्प: हालात मुश्किल हैं, लेकिन हम इनसे बाहर आएंगे। हर मुश्किल को पार करके हर तरह से मजबूत देश बनाएंगे। चीन ने जो दिक्कत पैदा की है। उसका अंत अब नजदीक है। इकोनॉमी और डेमोक्रेसी को मजबूत बनाएंगे। इन मामलों में कामयाबी हमें साथ लाएगी। और भरोसा कीजिए कि हम जीत के रास्ते पर ही हैं। अगर बाइडेन जीत गए तो यकीन कीजिए, इस देश में ऐसी निराशा या ऐसा डिप्रेशन होगा, जो अमेरिकी इतिहास में पहले कभी नहीं हुआ होगा।

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