अमर उजाला, ब्यूरो मुंबई।
Updated Sat, 24 Oct 2020 02:00 AM IST
शिवसेना सांसद संजय राउत
– फोटो : पीटीआई
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संजय राउत ने कहा कि भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉ हर्षवर्धन ने कोरोना का टीका आने पर सबको टीका दिए जाने की बात कही है, लेकिन चुनावी घोषणा पत्र में मुफ्त में टीका देने का दावा कर अब यह नया सिस्टम बनाया जा रहा है।
उन्होंने सवाल किया कि क्या भाजपा को वोट देने वाले लोगों को ही मुफ्त में कोरोना वैक्सीन मिलेगी। वोट देने वालों को वैक्सीन देने का लालच देना क्रूरता है। क्या बिहार के मतदाताओं ने दूसरे दल को वोट दिया, तो उन्हें वैक्सीन मुफ्त में नहीं मिलेगी। यह तो एक तरह से देश में बंटवारे की तैयारी है। पहले धर्म और जाति के आधार पर बंटवारा किया गया और अब वैक्सीन के नाम पर बंटवारा किया जा रहा है।
मुफ्त वैक्सीन का वादा कानूनन गलत नहीं, पर नैतिकता का प्रश्न
वहीं, देश के तीन पूर्व मुख्य चुनाव आयुक्तों ने कहा है कि बिहार चुनाव में भाजपा का जनता को मुफ्त कोरोनारोधी टीका देने का वादा कानूनी तौर पर गलत नहीं है। एसवाई कुरैशी ने कहा कि इस कदम से नैतिकता का प्रश्न खड़ा होगा, क्योंकि चुनाव आचार संहिता नैतिकता की ही बात करती है।
वहीं, ओपी रावत ने याद दिलाया कि सुप्रीम कोर्ट ने यह स्पष्ट कर दिया है कि राजनीतिक दल अपने घोषणापत्र में कोई वादा करता है तो उसे पूरा करने के लिए बजट में भी उसका प्रावधान करना चाहिए। एक अन्य पूर्व चुनाव आयुक्त ने नाम जाहिर न करने पर बताया कि घोषणापत्र जारी करने का समय भी महत्वपूर्ण है।
उन्होंने कहा कि चुनाव आयोग घोषणापत्र को मतदान की पूर्व संध्या पर नहीं बल्कि काफी पहले जारी करने के सुझाव को अब तक अमल नहीं करवा पाया है। गौरतलब है कि गुरुवार को जारी घोषणापत्र में भाजपा ने बिहार के सभी लोगों को मुफ्त टीका देने का वादा किया है, जिस पर राजद सहित अन्य विपक्षी दलों ने आपत्ति उठाई है।