Trump administration rescinds order blocking foreign students taking classes online from living in the U.S. | विदेशी छात्रों के वीजा रद्द करने का फैसला ट्रम्प प्रशासन ने वापस लिया, कोर्ट में सुनवाई के दौरान इस आदेश की जानकारी दी

  • पिछले हफ्ते ही ट्रम्प प्रशासन ने अमेरिका में रहकर ऑनलाइन क्लास करने वाले छात्रों का वीजा रद्द करने और उन्हें वापस उनके देश जाने का आदेश दिया था
  • हार्वर्ड और एमआईटी ने बीते बुधवार को ट्रम्प प्रशासन के इस फैसले के खिलाफ कोर्ट में याचिका दायर की थी

दैनिक भास्कर

Jul 15, 2020, 02:06 AM IST

न्यूयॉर्क. अमेरिका में रहकर ऑनलाइन एजुकेशन हासिल कर रहे विदेशी छात्रों का वीजा रद्द करने के फैसले को ट्रम्प प्रशासन ने वापस ले लिया है। यह जानकारी मंगलवार को यूएस इमीग्रेशन और कस्टम विभाग की तरफ से कोर्ट में दी गई। ट्रम्प प्रशासन के इस नए फैसले से बड़ी संख्या में छात्रों को राहत मिली है।  

बता दें कि ट्रम्प प्रशासन ने पिछले हफ्ते ही आदेश दिया था कि जो विदेशी छात्र अमेरिकन यूनिवर्सिटीज से ऑनलाइन एजुकेशन हासिल कर रहे हैं, उन्हें वापस उनके देश जाना होगा। ऐसे सभी छात्रों का वीजा रद्द करने का आदेश दिया गया था। ट्रम्प के इस फैसले के खिलाफ जॉन हॉप्किन्स यूनिवर्सिटी, हार्वर्ड, एमआईटी (मैसाच्युसेट्स इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी) यूनिवर्सिटीज ने बीते बुधवार को कोर्ट में याचिका दायर कर दी थी।  

सुनवाई के दौरान कोर्ट में जानकारी दी
अमेरिका के एक कोर्ट में जारी सुनवाई के दौरान ट्रम्प प्रशासन ने अपने इस फैसले की जानकारी दी। जस्टिस एलीसन बरोज ने सुनवाई में कहा, “सरकार ने अपना पुराना फैसला रद्द कर दिया है। साथ ही पुराने फैसले पर चल रही कार्रवाई को तुरंत रोकने पर भी सहमति दे दी है।”

कई शिक्षण संस्थानों ने किया था विरोध
हार्वर्ड के प्रेसिडेंट लॉरेंस एस बैकॉ ने यूनिवर्सिटी कम्युनिटी को दिए मैसेज में कहा था कि, “ट्रम्प प्रशासन ने यह आदेश बिना किसी सूचना के दिया। ऐसा लगता है कि कॉलेजों और यूनिवर्सिटीज पर क्लासरूम खोलने के लिए दबाव बनाया जा रहा है। प्रशासन को स्टूडेंट, इंस्ट्रक्टर और अन्य लोगों के स्वास्थ्य और सुरक्षा की कोई चिंता नहीं है।” 

10 लाख छात्रों पर पड़ने वाला था असर
अमेरिका में रहने वाले विदेशी छात्रों के लिए अमेरिकी सरकार ने कहा था कि जिन स्टूडेंट्स की सभी क्लासेस ऑनलाइन शिफ्ट हो गईं हैं, उन्हें देश लौटना होगा। इस फैसले से कुल 10 लाख स्टूडेंट्स पर असर पड़ने वाला था। अमेरिका में इस वक्त 2 लाख से ज्यादा भारतीय छात्र हैं।

यहां सबसे ज्यादा स्टूडेंट्स चीन से आते हैं। इसके बाद भारतीयों का नंबर है। ग्रेजुएशन या पोस्ट ग्रेजुएशन वाले स्टूडेंट्स के लिए एफ-1 और एम-1 कैटेगरी के वीजा जारी किए जाते हैं। इसलिए सरकार के इस फैसले का असर भी भारतीय छात्रों पर ही पड़ता। 

तीन साल में अमेरिका गए भारतीय स्टूडेंट्स

2019 में 2 लाख 2 हजार 14 भारतीय छात्र अमेरिका गए थे। 2018 में 1 लाख 96 हजार 271 और 2017 में 1 लाख 86 हजार 267 छात्र अमेरिका पढ़ने गए थे। लगातार 6 साल से अमेरिका में इंडियन स्टूडेंट्स बढ़ रहे हैं। 2018 के मुकाबले 2019 में 2.9% ज्यादा भारतीय छात्र अमेरिका पहुंचे।

यूनेस्को की एक रिपोर्ट के मुताबिक, भारत के कुल 3 लाख 32 हजार 033 स्टूडेंट्स विदेश में पढ़ाई कर रहे हैं। इनमें सबसे ज्यादा अमेरिका में हैं। इसके बाद ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, ब्रिटेन और जर्मनी का नंबर आता है। अमेरिका के न्यूयॉर्क, कैलिफोर्निया, टेक्सास, मेसाचुसेट्स और इलिनॉय में भारतीय छात्रों की संख्या ज्यादा है।

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2. नई वीजा नीति के विरोध में उतरीं गूगल, फेसबुक, माइक्रोसॉफ्ट समेत 10 से ज्यादा टेक कंपनियां, ट्रम्प प्रशासन के खिलाफ केस

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