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नई दिल्लीएक घंटा पहले
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सितंबर तिमाही में बैंक ने ऑपरेटिंग एक्सपेंसेज में 21% की गिरावट दर्ज की है
- कॉस्ट घटाने के लिए ब्रांच व एटीएम रेशनलाइजेशन और रेंट रीनिगोशिएन का सहारा लिया जा रहा है
- लोन रिकवरी में इसलिए देरी हो रही है क्योंकि बड़े डिफॉल्टर्स कोर्ट चले जाते हैं
यस बैंक में पहले कॉस्ट कंट्र्रोल का कोई कल्चर नहीं था। नया मैनेजमेंट इस कारोबारी साल में बैंक के ऑपरेशनल एक्सपेंसेज को 20 फीसदी घटाने की कोशिश कर रहा है। इसके लिए ब्रांच और एटीएम रेशनलाइजेशन और रेंट रीनिगोशिएन का सहारा लिया जा रहा है।
बैंक के नए CMD प्रशांत कुमार ने एक साक्षात्कार में यह भी कहा कि लोन रिकवरी में इसलिए देरी हो रही है क्योंकि बड़े डिफॉल्टर्स कोर्ट जा रहे हैं। बैंक पर गवर्नेंस में खराबी का आरोप लगने के बाद SBI की अगुआई में बैंकों के कंसोर्टियम ने इसे उबारने की कोशिश के तहत मार्च में बैंक का मैनेजमेंट कुमार के हाथ में दे दिया गया था। सितंबर तिमाही में बैंक ने ऑपरेटिंग एक्सपेंसेज में 21 फीसदी की गिरावट दर्ज की है।
ग्लोबल कंसल्टेंट ने खर्च घटाने के लिए स्टेप-बाई-स्टेप एजेंडा सुझाए हैं
कुमार ने बताया कि ग्लोबल कंसल्टेंट ने खर्च घटाने के लिए स्टेप-बाई-स्टेप एजेंडा सुझाए हैं। बैंक ने मुंबई में इंडियाबुल्स फाइनेंस सेंटर के दो तल को खाली कर दिया है। इस भवन में बैंक का कॉरपोरेट ऑफिस चलता है।
50 शाखाएं बंद होंगी
बैंक सभी 1,100 शाखाओं के रेंट कांट्रैक्ट्स को भी रीनिगोशिएट कर रहा है। इससे रेंट्स में 20 फीसदी कटौती करने का लक्ष्य है। रेशनलाइजेशन के तहत बैंक 50 शाखाओं को बंद कर देगा। कुमार ने कहा कि कई शाखाएं एक-दूसरे के काफी नजदीक हैं , जो व्यावहारिक नहीं है।
कार्यालय का आकार घटाया जाएगा
ATM नेटवर्क को भी रेशनलाइज किया जा रहा है। नेटवर्क विस्तार का काम 2022 में होगा, लेकिन कार्यालय का आकार अभी के मुकाबले काफी छोटा होगा। कुमार ने कहा कि डिजिटल सेवा का ज्यादा से ज्यादा उपयोग किया जाएगा और शाखाओं पर से निर्भरता घटाई जाएगी।
सितंबर तिमाही में 35 रूरल ब्रांच को बिजनेस कॉरसपोंडेंट लोकेशन बनाया गया
उन्होंने कहा कि सितंबर तिमाही में 35 रूरल ब्रांच को बिजनेस कॉरसपोंडेंट लोकेशन बनाया गया। इससे 2 लाख रुपए मासिक परिचालन खर्च को घटाकर 35,000 रुपए मासिक पर लाया गया। जरूरत के मुताबिक कर्मचारियों को नई जिम्मेदारियां दी जा रही हैं।
मौजूदा कर्मचारियों को कम से कम एक साल तक नौकरी पर रखने के लिए बाध्य
रेस्क्यू स्कीम के तहत बैंक अपने सभी मौजूदा कर्मचारियों को कम से कम एक साल तक नौकरी पर रखे रहने के लिए बाध्य है। बैंक ने हाल में कंप्लायंस चीफ और रिस्क्स चीफ की नियुक्ति की है। वे दोनों इंटरनल कंडिडेट्स हैं और काफी जांच परख के बाद उनका चुनाव किया गया है।
कोरोनावायरस महामारी के कारण 9,000 करोड़ रुपए से ज्यादा के नए असेट्स स्ट्रेस्ड श्रेणी में आए
बैंक पर पहले से 50,000 करोड़ रुपए से ज्यादा का NPA है। कुमार ने कहा कि इस कारोबारी साल में कोरोनावायरस महामारी के कारण 9,000 करोड़ रुपए से ज्यादा के नए असेट्स स्ट्रेस्ड श्रेणी में आ गए हैं। स्ट्र्रेस्ड असेट्स के लिए 1,900 करोड़ रुपए की प्रॉविजनिंग की गई है। उन्होंने कहा कि कॉस्ट घटाने और मैनेजमेंट में बदलाव करने के बाद कोर इनकम और ऑपरेटिंग प्रॉफिट्स बढ़ाने पर ध्यान दिया जाएगा।