दुबईएक घंटा पहले
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विराट कोहली ने कहा है कि बायो-बबल में रहने से खिलाड़ियों के मेंटल पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर चर्चा होनी चाहिए। फाइल
टीम इंडिया के कप्तान विराट कोहली ने कहा कि टूर्नामेंट के ज्यादा दिनों को कम करने पर विचार किया जाना चाहिए। क्योंकि बायो- बबल में खिलाड़ियों के मेंटल कंडीशन पर ज्यादा प्रभाव पड़ रहा है। कोहली ने रॉयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की यूट्यूब चैनल से बातचीत में यह बात कही।
उन्होंने कहा कि बायो-बबल में सभी एक साथ रह रहे हैं। यह अच्छी बात है। साथ मिलकर टूर्नामेंट में खेल रहे हैं और टीम मैनेजमेंट की ओर से भी यहां पर हर प्रकार की सुविधा दी गई है। स्विमिंग पूल, इंडोर गेम्स आदि सभी सुविधाएं हैं। लेकिन ये सभी चीजें मेंटल प्रेसर को कम करने में सहायक हो सकते हैं, पर इससे मेंटल प्रेसर खत्म नहीं होगा। बायो- बबल कुछ वक्त तो ठीक रहता, लेकिन उसमें बाद समस्या होने लगती है। क्योंकि आपका रुटीन ऐसा जैसा ही होने लगता है। उसमें नयापन नहीं होता है।
बायो- बबल पर चर्चा हो
उन्होंने कहा, ”इसलिए हम चाहते हैं कि मेंटल वेलनेस और बायो- बबल को लेकर हमेशा चर्चा होनी चाहिए। बायो-बबल कितने दिनों के लिए बेहतर होगा। कितने दिनों की सीरीज हो। 80 दिनों तक एक ही वातावरण में रहने से खिलाड़ी मेंटली किस तरह की फील कर रहे हैं। उन्हें लिमिटेड जगहों तक ही सीमित रहना होता है।ऐसे में वह कैसे मेंटली फिट रह सकते हैं। इस पर गंभीरता से विचार किए जाने की जरूरत है।
दुबई से ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना होंगे भारतीय खिलाड़ी
आईपीएल-13 में राॅयल चैलेंजर्स बेंगलुरु की टीम एलिमिनेटर में शुक्रवार को सनराइजर्स हैदराबाद की टीम के साथ भिड़ेगी। तब तक अन्य सहयोगी स्टाफ के साथ उनके बायो-बबल में रहते हुए 75 दिन हो जाएंगे। आईपीएल खत्म होने के बाद खिलाड़ी दुबई से ही ऑस्ट्रेलिया के लिए रवाना हो जाएंगे। टीम इंडिया के कोचिंग स्टाफ और टेस्ट स्पेशलिस्ट भी दुबई में क्वारेंटाइन पीरियड पूरा करके टीम के साथ जुड़ जाएंगे।
5 महीने तक घर से दूर रहेंगे भारतीय खिलाड़ी
ऑस्ट्रेलिया टूर फरवरी में खत्म होगा। ऐसे में खिलाड़ियों के घर से दूर रहते हुए करीब 5 महीने हो जाएंगे। हालांंकि बीसीसीआई की ओर से खिलाड़ियों को अपने परिवार को साथ ले जाने की अनुमति देना का भरोसा दिया गया है।
सैम कुरेन भी उठा चुके हैं सवाल
इंग्लैंड के ऑल राउंडर सैम कुरेन ने भी बायो -बबल में खिलाड़ियों के मेंटल पर पड़ रहे प्रभाव को लेकर सवाल उठाए थे। वे चेन्नई सुपरकिंग्स टीम के हिस्सा रहे हैं। उन्होंने कहा था कि लंबे समय तक बायो-बबल में रहना कठिन होता है।