मधुबनएक घंटा पहले
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- कोरोना महामारी को लेकर पारसनाथ आने पर लगी है रोक, घर बैठे श्रद्धालु पार्श्वनाथ बंदना करेंगे
जैनियों के विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल मधुबन के पारसनाथ पर्वत में आगामी 26 जुलाई 2020 को श्रावण शुक्ल सप्तमी, मोक्ष सप्तमी के परम पावन अवसर पर 20 तीर्थंकरों की निर्वाण भूमि शाश्वत सिद्धक्षेत्र सम्मेद शिखरजी के श्री सुवर्णभद्र कूट में स्थित पार्श्वनाथ टोंक पर भगवान के चरणों में अपने परिवार की ओर से घर बैठे निर्वाण लाडू समर्पित करने का अभूतपूर्व अवसर श्रद्धालुओं को दिया जा रहा है। इसके लिए लाडू का अॉनलाइन बोली लगाई जाएगी और फेसबुक के माध्यम से लाडू चढ़ाने और पूजा का भी सौभाग्य श्रद्धालुओं को मिलेगा।
गौरतलब हो कि पूरे विश्व में फैले कोरोना वायरस महामारी के कारण डुमरी के अनुमंडल पदाधिकारी प्रेमलता मुर्मू के आदेशानुसार मधुबन के किसी भी धर्मशाला में यात्रियों को ठहराने पर प्रतिबंध लगा रखा है। जिसके कारण यहां श्रद्धालुओं का आना बंद हो गया है। पारसनाथ में देश व विदेशों से जैन श्रद्धालु आते थे। भगवान का मोक्ष लाडू चढ़ाने की परंपरा रही है, जिसके लिए देश-विदेश से आए श्रद्धालु लाडू की बोली लगाते हैं। जो अधिक बोली लगाता है उसे ही लाडू भोग लगाने का सौभाग्य मिलता है।
गौरतलब हो की इस पावन अवसर पर प्रत्येक वर्ष पूरे भारत के अलावा विदेशों से करीब तीस से बतीस हजार श्रद्धालु उपस्थित होकर पूरे विधि विधान से माेक्ष लाडू चढ़ाते आ रहे थे। लेकिन इस वर्ष पूरे विश्व में फैला पिछले पांच माह से चल रहे कोराेना वायरस महामारी के कारण मधुबन के तमाम करीब छोटी-बड़ी 35 संस्थाओं में ताले लटके हुए हैं। जिसके कारण संस्थाओं का आर्थिक स्थिति चरमरा गई है। वहीं संस्थाओं में काम करने वाले कर्मचारियों के साथ साथ दैनिक मजदूर, डोली ढोने वाला मजदूरों की हालत काफी खास्ता हो गया है।
दुकानदार एवम वाहन चलाने वाले मजदूरों का स्थिति काफी दयनीय हो गयी है। ऐसी स्थिति को देखते हुए मधुबन के तमाम स्थाई व अस्थायी वर्ग के कामगार काम खुलने की आशा में बैठे हैं। सभी कोठियां संस्थाएं प्रचार कर रही है कि निर्माण सप्तमी के अवसर पर निर्वाण लाडू की बोली ऑनलाइन लगाकर फेसबुक के माध्यम से निर्वाण लाडू चढ़ाकर पूजा व दर्शन का लाभ उठाएं।
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