न्यूज डेस्क, अमर उजाला, जयपुर
Updated Sun, 19 Jul 2020 10:17 PM IST
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राजस्थान में चल रही राजनीतिक उठापटक के बीच राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया ने फ्लोर टेस्ट की वकालत की। उन्होंने रविवार को कहा कि केवल फ्लोर टेस्ट से ही इस बात का फैसला किया जा सकता है कि सरकार के पास सत्ता में बने रहने के लिए पर्याप्त संख्या है या नहीं।
बता दें कि कांग्रेस के सूत्रों ने आज कहा था कि अगले सप्ताह विधानसभा का सत्र बुलाया जा सकता है। कटारिया का यह बयान इस जानकारी के सामने आने के कुछ ही घंटों बाद आया है। इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी शनिवार को राज्यपाल कलराज मिश्रा से मुलाकात की थी।
गहलोत की राज्यपाल से मुलाकात को लेकर भाजपा नेता कटारिया ने कहा कि उनकी बीच क्या बातचीत हुई इस बारे में केवल अनुमान लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हो सकता है मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार के समर्थन में विधायकों की सूची दी हो या चल रहे राजनीतिक संकट के समाधान के बारे में चर्चा की हो।
कटारिया ने कहा, लेकिन यह एक सत्य है कि केवल फ्लोर टेस्ट से ही इस बात का फैसला किया जा सकता है कि सरकार बहुमत के साथ विधानसभा में रह सकती है या नहीं। कांग्रेस के 19 बागी विधायकों की अयोग्यता पर फैसले के बाद अगर सरकार विधानसभा सत्र चाहती है तो राज्यपाल इस पर विचार कर सकते हैं।
वहीं, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पुनिया ने कहा कि राज्य इस समय सांविधानिक संकट से गुजर रहा है। पुनिया ने कहा कि अगर राज्यपाल चाहते हैं तो 21 दिनों के नोटिस पर या मौजूदा स्थिति के अनुसार एक विधानसभा सत्र बुलाया जा सकता है। पुनिया ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि सरकार के पास पर्याप्त संख्याबल है।
राजस्थान में चल रही राजनीतिक उठापटक के बीच राज्य विधानसभा में विपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया ने फ्लोर टेस्ट की वकालत की। उन्होंने रविवार को कहा कि केवल फ्लोर टेस्ट से ही इस बात का फैसला किया जा सकता है कि सरकार के पास सत्ता में बने रहने के लिए पर्याप्त संख्या है या नहीं।
बता दें कि कांग्रेस के सूत्रों ने आज कहा था कि अगले सप्ताह विधानसभा का सत्र बुलाया जा सकता है। कटारिया का यह बयान इस जानकारी के सामने आने के कुछ ही घंटों बाद आया है। इससे पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने भी शनिवार को राज्यपाल कलराज मिश्रा से मुलाकात की थी।
गहलोत की राज्यपाल से मुलाकात को लेकर भाजपा नेता कटारिया ने कहा कि उनकी बीच क्या बातचीत हुई इस बारे में केवल अनुमान लगाया जा सकता है। उन्होंने कहा कि हो सकता है मुख्यमंत्री ने अपनी सरकार के समर्थन में विधायकों की सूची दी हो या चल रहे राजनीतिक संकट के समाधान के बारे में चर्चा की हो।
कटारिया ने कहा, लेकिन यह एक सत्य है कि केवल फ्लोर टेस्ट से ही इस बात का फैसला किया जा सकता है कि सरकार बहुमत के साथ विधानसभा में रह सकती है या नहीं। कांग्रेस के 19 बागी विधायकों की अयोग्यता पर फैसले के बाद अगर सरकार विधानसभा सत्र चाहती है तो राज्यपाल इस पर विचार कर सकते हैं।
वहीं, भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष सतीश पुनिया ने कहा कि राज्य इस समय सांविधानिक संकट से गुजर रहा है। पुनिया ने कहा कि अगर राज्यपाल चाहते हैं तो 21 दिनों के नोटिस पर या मौजूदा स्थिति के अनुसार एक विधानसभा सत्र बुलाया जा सकता है। पुनिया ने कहा कि उन्हें नहीं लगता कि सरकार के पास पर्याप्त संख्याबल है।
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Sun Jul 19 , 2020
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटना Updated Sun, 19 Jul 2020 09:47 PM IST पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर कहीं भी, कभी भी। *Yearly subscription for just ₹249 + Free Coupon worth ₹200 ख़बर सुनें ख़बर सुनें चारा घोटाला मामले में सजा काट रहे बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री और राजद प्रमुख लालू […]