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पटना44 मिनट पहले
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- लोकसभा सांसद रहे आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद जीते लेेकिन पत्नी लवली आनंद हारीं
- बालिका गृह कांड की आरोपी और पूर्व मंत्री मंजू वर्मा हारीं, बाहुबली नेता बिंदी यादव की पत्नी मनोरमा देवी भी हारीं
बिहार चुनाव में वोटों की गिनती जारी है। परसा से जदयू के टिकट पर लड़ रहे लालू के समधी चंद्रिका राय हार गए हैं। उन्हें लालू की ही पार्टी राजद के उम्मीदवार छोटेलाल राय ने हरा दिया है। 2015 में चंद्रिका राय ने छोटेलाल राय को हराया था, लेकिन उस वक्त चंद्रिका राय राजद और छोटेलाल लोजपा से लड़े थे।
वहीं, खुद को बिहार का अगला मुख्यमंत्री बताकर राजनीति में आने वालीं पुष्पम प्रिया चौधरी ने बांकीपुर और बिस्फी से चुनाव लड़ा। बिस्फी में वो हार गई हैं। बांकीपुर में उन्हें 1 प्रतिशत वोट भी नहीं मिल सके। दोनों सीटों पर वो अपनी जमानत तक नहीं बचा पाईं। वहीं पहली बार चुनाव लड़ रहीं श्रेयसी सिंह जमुई से जीत गई हैं। श्रेयसी 30 साल की हैं। उन्होंने 50 साल के राजद के विजय प्रकाश को 41,049 वोटों से हरा दिया है।
राघोपुर से लालू यादव के बेटे तेजस्वी यादव और हसनपुर सीट से तेज प्रताप यादव ने जीत दर्ज की है। वहीं इमामगंज से पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी जीते। उन्होंने पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और राजद उम्मीदवार उदय नारायण चौधरी काे 16034 वोटों से हराया। छातापुर सीट से भाजपा प्रत्याशी और सुशांत सिंह के चचेरे भाई नीरज कुमार सिंह ने दोबारा जीत हासिल की।
शिवहर से लोकसभा सांसद रहे आनंद मोहन के बेटे चेतन आनंद को शिवहर सीट से जीत मिली लेकिन उनकी पत्नी लवली आनंद को सहरसा से हार का सामना करना पड़ा। बालिका गृह कांड की आरोपी और पूर्व मंत्री रह चुकी मंजू वर्मा को चेरिया बरियारपुर सीट से हार मिली। वहीं बिहार के बाहुबली नेता रहे बिंदेश्वरी उर्फ बिंदी यादव की पत्नी मनोरमा देवी को भी अतरी सीट पर हार का सामना करना पड़ा। विकासशील इंसान पार्टी यानी VIP के संस्थापक मुकेश सहनी को 1759 वोटों से हार का सामना करना पड़ा।
पहली बार चुनावी मैदान में उतरे शत्रुघ्न सिन्हा के बेटे लव सिन्हा को बीजेपी के नितिन नबीन ने 35000 से ज्यादा वोटों से हराया। मधेपुरा सीट से जन अधिकार पार्टी के पप्पू यादव हार गए, वो यहां तीसरे नंबर पर रहे। देखें 15 बड़े चेहरों का क्या है हाल?
1. तेजस्वी यादव, राजद
सीट: राघोपुर
रुझानः जीते
तेजस्वी दूसरी बार इस सीट से मैदान में हैं। 2015 में भाजपा के सतीश कुमार को 22 हजार से अधिक वोट से हराया था। इस बार उन्होंने सतीश कुमार को 38174 वोटों से हराया। सतीश इस सीट से 2010 में जदयू के टिकट पर जीत चुके हैं।
2. तेज प्रताप यादव, राजद
सीट: हसनपुर
रुझानः जीते
जदयू के राजकुमार राय को 21139 वोटों से हराया। 2015 में पहली बार महुआ सीट से विधायक बने थे। इस बार हसनपुर से मैदान में थे। 2015 में इस सीट से राय ने रालोसपा के विनोद चौधरी को 29600 वोटों से हराया था।
3. पुष्पम प्रिया चौधरी, प्लूरल्स
सीट: बिस्फी, बांकीपुर
रुझानः बिस्फी और बांकीपुर से हारीं
8 मार्च 2020 को देशभर के अखबारों में दो पेज का ऐड देकर खुद को बिहार का अगला सीएम बताकर चर्चा में आई पुष्पम प्रिया दो सीटों से मैदान में हैं। पहली बार चुनाव लड़ रही हैं। बिस्फी सीट पर उनका मुकाबला राजद के फैयाज अहमद है। अहमद ने 2015 में यहां रालोसपा के मनोज कुमार यादव को 35325 वोट से हराया था। वहीं, बांकीपुर में उनके सामने भाजपा के नितिन नवीन और कांग्रेस के लव सिन्हा हैं।
4. लव सिन्हा, कांग्रेस
सीट: बांकीपुर
रुझानः हारे
शत्रुघ्न सिन्हा के बेटे हैं। पहली बार चुनाव मैदान में उतरे हैं। पिता पटना साहिब लोकसभा सीट से सांसद रहे हैं। अब बेटा पटना जिले की बांकीपुर सीट से चुनाव मैदान में है। यहां उनका मुकाबला भाजपा के नितिन नवीन से है। नितिन ने 2015 में कांग्रेस के कुमार आशीष को 39,767 वोट से हराया था।
5. जीतनराम मांझी, हम (सेक्युलर)
सीट: इमामगंज
रुझान : जीते
16034 वोटों से जीत हासिल की, इस बार पूर्व विधानसभा अध्यक्ष और राजद उम्मीदवार उदय नारायण चौधरी से मुकाबला था। मांझी बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री हैं, 2015 में उन्होंने उदय नारायण चौधरी को 29,408 वोट से हराया था। तब चौधरी जदयू के उम्मीदवार थे। इस बार मांझी एनडीए के गठबंधन में शामिल हुए थे।
6. पप्पू यादव, जन अधिकार पार्टी
सीट: मधेपुरा
रुझानः हारे
जन अधिकार पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं। कभी लालू यादव के सबसे खास लोगों में शामिल थे। 2014 में राजद के टिकट पर मधेपुरा लोकसभा सीट से संसद पहुंचे थे। 2019 लोकसभा चुनाव में हार के बाद अब विधानसभा चुनाव में उतरे हैं। उनका मुकाबला राजद के चंद्रशेखर से था। चंद्रशेखर ने 2015 में भाजपा के विजय कुमार को 37,642 वोटों से हराया था। इस बार जेडीयू के निखिल मंडल और पप्पू यादव को बड़े मार्जिन से हराया है।
7. चंद्रिका राय, जदयू
सीट: परसा
रुझानः हारे
लालू यादव के समधी हैं। पहले राजद में थे। लेकिन नवंबर 2018 में तेज प्रताप यादव और ऐश्वर्या राय के बीच तलाक की अर्जी दाखिल होने के बाद दोनों परिवार के रिश्तों में खटास आ गई। इसके बाद चंद्रिका राय राजद छोड़कर जदयू में शामिल हो गए। चंद्रिका 2015 में राजद के टिकट से जीते थे। उन्होंने लोजपा के छोटे लाल राय को 42,335 वोटों से हराया था। इस बार भी छोटे लाल राय से मुकाबला है, लेकिन इस बार छोटे लाल राजद के उम्मीदवार हैं। परसा से आरजेडी के प्रत्याशी छोटेलाल राय ने जदयू प्रत्याशी चंद्रिका राय को हराया है।
8. अनंत सिंह, राजद
सीट: मोकामा
रुझान : जीते
जदयू के राजीव लोचन को 35757 वोटों से हराया। बाहुबली नेता हैं। लगातार पांचवी बार जीते हैं। 2015 के चुनावों से पहले उन्होंने जदयू छोड़ दी और यहां से निर्दलीय जीते। इस बार राजद के टिकट पर लड़ रहे हैं। अनंत सिंह पिछले चुनाव के वक्त भी जेल में थे और इस बार भी जेल से ही चुनाव लड़ रहे हैं। अनंत सिंह के ऊपर, सबसे ज्यादा, 38 क्रिमिनल केस दर्ज हैं। पिछली बार अनंत सिंह ने जदयू के नीरज कुमार को 18,348 वोटों से हराया था।
9. श्रेयसी सिंह, भाजपा
सीट: जमुई
नतीजा : जीतीं
आरजेडी के विजय प्रकाश को 41049 वोटों से हराया। के ता दिग्विजय सिंह केंद्र में मंत्री रहे हैं। मां पुतुल देवी सांसद रही हैं। श्रेयसी कभी राजनीति में नहीं रहीं, वो इंटरनेशनल लेवल की शूटर हैं। श्रेयसी कॉमनवेल्थ गोल्ड मेडलिस्ट रही हैं। 2015 में विजय प्रकाश ने इस सीट पर भाजपा के अजय प्रताप को 8,249 वोट से हराया था।
10. सुभाषिनी यादव, कांग्रेस
सीट: बिहारीगंज
रुझान : हारीं
जदयू के निरंजन कुमार मेहता ने 18711 वोटों से हराया। शरद यादव की बेटी हैं। शरद यादव जदयू के अध्यक्ष रहे हैं, साथ ही लोकसभा और राज्यसभा सांसद भी रहे हैं। निरंजन ने 2015 में भाजपा के रविंद्र चरण यादव को 29,253 वोटों से हराया था
11. मुकेश सहनी, NDA की सहयोगी VIP के प्रमुख
सीट: सिमरी बख्तियारपुर
रुझानः हारे
विकासशील इंसान पार्टी यानी VIP के संस्थापक मुकेश सहनी को हार का मुंह देखना पड़ा। राजनीति में आने से पहले बॉलीवुड में स्टेज डिजाइनर रहे हैं। 2015 के चुनाव में भाजपा के लिए प्रचार किया था। 2015 में खुद की पार्टी बनाई। अभी चुनाव से पहले वो महागठबंधन की प्रेस कॉन्फ्रेंस में बैठे थे, लेकिन उसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में उन्होंने महागठबंधन छोड़ने का ऐलान कर दिया। उनका मुकाबला राजद के यूसुफ सलाउद्दीन से था। यूसुफ सलाउद्दीन ने उन्हें 1759 वोटों से हराया। सलाउद्दीन 2015 में लोजपा से लड़े थे तब उन्हें जदयू के दिनेश चंद्र यादव ने 37,806 वोट से हराया था।
12. नीरज कुमार सिंह, भाजपा
सीट: छातापुर
रुझान : जीते
आरजेडी प्रत्याशी डॉ. विपिन कुमार नोनिया को 20635 वाेटों से हराया। नीरज बॉलीवुड एक्टर सुशांत राजपूत के चचेरे भाई हैं। 1988 से राजनीति में सक्रिय हैं। पहले जदयू में थे। नवंबर 2005 में जदयू के टिकट पर ही पहली बार छातापुर से चुने गए थे। 2010 में भी जदयू से ही लड़े और जीते। लेकिन, 2015 में जदयू के महागठबंधन में जाने के बाद उन्होंने जदयू छोड़कर भाजपा ज्वॉइन कर ली। इस बार भी भाजपा से ही उम्मीदवार हैं। नीरज ने 2015 में राजद के जहूर आलम को 9,292 वोट से हराया था।
13. मां-बेटा चेतन आनंद, लवली आनंद, दोनों राजद से
सीट: चेतन शिवहर और लवली सहरसा से
रुझान : लवली आनंद हारीं और चेतन आनंद जीते
चेतन आनंद ने जदयू के शरफुद्दीन को 36686 वोटों से हराया। चेतन पहली बार चुनाव लड़ रहे हैं। चेतन महिषी से विधायक और शिवहर से लोकसभा सांसद रहे आनंद मोहन के बेटे हैं। आनंद मोहन फिलहाल डीएम की हत्या के मामले में सजा काट रहे हैं। वहीं चेतन की मां और आनंद मोहन की पत्नी लवली आनंद सहरसा से उम्मीदवार थीं, उन्हें बीजेपी के आलोक रंजन ने 19679 वोटों से हराया।
14. मंजू वर्मा,जदयू
सीट: चेरिया बरियारपुर
रुझान : हारीं
पूर्व मंत्री रह चुकी मंजू वर्मा 2018 में बालिका गृह कांड की आरोपी हैं। वह नीतीश कैबिनेट में सामाजिक न्याय मंत्री थीं। फिलहाल, जमानत पर बाहर हैं। 2010 और 2015 में भाजपा से विधायक हैं। इस बार उनका मुकाबला राजद के राजवंशी महतो से था, महतो ने उन्हें 40897 वोटों से हराया। मंजू ने 2015 में लोजपा के अनिल कुमार चौधरी को 29736 वोटों से हराया था।
15. मनोरमा देवी, जदयू
सीट: अतरी
रुझान : हारीं
आरजेडी के अजय देव यादव 7931 वोटों से हराया। वो बिहार के बाहुबली नेता रहे बिंदेश्वरी उर्फ बिंदी यादव की पत्नी हैं। इसी साल बिंदेश्वरी यादव की कोरोना से मौत हो गई थी। पहली बार विधानसभा चुनाव लड़ रही थीं। 2003 और 2009 में राजद से एमएलसी रहीं। 2015 में जदयू से एमएलसी रहीं। 2016 में गया में मशहूर रोडरेज कांड हुआ था, जिसमें मनोरमा देवी के बेटे रॉकी ने कार ओवरटेक करने वाले को गोली से उड़ा दिया था। रॉकी इस समय उम्रकैद की सजा काट रहा है।