Sachin Pilot Camp Anti-Disqualification Rajasthan High Court Hearing Today Latest News Updates | विधानसभा अध्यक्ष के वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने कहा- पायलट गुट की याचिका प्री-मैच्योर, अभी सिर्फ नोटिस जारी किए गए हैं

जयपुर2 मिनट पहले

  • कॉपी लिंक

सचिन पायलट और उनके समर्थकों को विधानसभा स्पीकर ने नोटिस भेजा था। पायलट समेत 19 विधायकों ने नोटिस के खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। (फाइल फोटो)

  • कोर्ट नंबर-1 के बाहर गार्ड और वकीलों के बीच कहासुनी के बाद हंगामा
  • पायलट गुट के विधायकों की ओर से हरीश साल्वे पैरवी कर रहे

राजस्थान में सियासी घमासान के बीच हाईकोर्ट में सचिन पायलट गुट की याचिका पर सुनवाई हो रही है। विधानसभा अध्यक्ष की ओर से जारी नोटिस के खिलाफ पायलट गुट ने याचिका लगाई थी। चीफ जस्टिस इंद्रजीत महांती और जस्टिस प्रकाश गुप्ता की बेंच इस मामले की सुनवाई कर रही है। विधानसभा अध्यक्ष की ओर से पैरवी कर रहे अभिषेक मनु सिंघवी ने दलील दी है कि पायलट गुट की याचिका प्री-मैच्योर है, यह खारिज होनी चाहिए।

सुनवाई के बीच कोर्ट के बाहर हंगामा हो गया है। वकीलों को अंदर जाने से रोक दिया गया। कोर्ट नंबर-1 में एंट्री को लेकर गार्ड और वकीलों के बीच कहासुनी हो गई। इसके बाद कुछ वकील धरने पर बैठ गए।

इससे पहले वरिष्ठ वकीलों की आपसी सहमति के आधार पर 19 विधायकों को दिए गए नोटिस पर सुनवाई 21 जुलाई तक स्थगित कर दी गई। कोर्ट के इस आदेश के बाद विधानसभा अध्यक्ष द्वारा पायलट गुट के विधायकों को नोटिस का जवाब देने के लिए 21 जुलाई शाम 5.30 बजे तक का वक्त दिया गया है। 

शुक्रवार को हुई सुनवाई में पायलट गुट के कांग्रेस विधायकों की ओर से हरीश साल्वे ने कहा था- विधानसभा के बाहर किसी भी गतिविधि को दलबदल विरोधी अधिनियम का उल्लंघन नहीं माना जा सकता। इस मामले में सचिन पायलट के वकील मुकुल रोहतगी हैं।

इन विधायकों को नोटिस दिया गया

सचिन पायलट, रमेश मीणा, इंद्राज गुर्जर, गजराज खटाना, राकेश पारीक, मुरारी मीणा, पीआर मीणा, सुरेश मोदी, भंवर लाल शर्मा, वेदप्रकाश सोलंकी, मुकेश भाकर, रामनिवास गावड़िया, हरीश मीणा, बृजेन्द्र ओला, हेमाराम चौधरी, विश्वेन्द्र सिंह, अमर सिंह, दीपेंद्र सिंह और गजेंद्र शक्तावत। 

हाईकोर्ट में एक दिन की पैरवी 1.75 करोड़ की

सचिन पायलट सहित 19 विधायकों को दिए अयोग्यता नोटिस केस में देश के दिग्गज सीनियर एडवोकेट पायलट गुट के एमएलए और स्पीकर की ओर से हाईकोर्ट में पैरवी कर रहे हैं। जानकारों की मानें तो शुक्रवार को हुई सुनवाई में की गई पैरवी की फीस ही करोड़ों में होगी।

हरीश साल्वे, मुकुल रोहतगी व अभिषेक सिंघवी जैसे सीनियर एडवोकेट एक दिन की पैरवी के लिए ही 40 से 50 लाख रु. फीस लेते हैं। राज्य के एजी एमएस सिंघवी भी स्पेशल केस में 11 से 15 लाख फीस लेते हैं। ऐसे में सचिन पायलट गुट व स्पीकर की ओर से पैरवी करने वाले एडवोकेट द्वारा केसों में ली जाने वाली कुल फीस की बात करें तो इन सभी एडवोकेट की कुल फीस करीब 1.75 करोड़ रुपए बैठती है।

अभिषेक मनु सिंघवी: विधानसभा स्पीकर की ओर से मुख्य तौर पर सीनियर एडवोकेट व कांग्रेस का चर्चित चेहरा अभिषेक मनु सिंघवी पैरवी कर रहे हैं। अभिषेक मनु सिंघवी ने ही अंबानी बंधुओं के बीच रहे विवाद में मुकेश अंबानी की ओर से पैरवी की थी। वे वोडाफोन के टैक्स संबंधी केसों में पैरवी करने के लिए भी चर्चा में रहे हैं। सिंघवी भी किसी केस में एक दिन की पैरवी के लिए करीब 50 लाख रुपए तक लेते हैं।

हरीश साल्वे: इस केस में सचिन पायलट गुट की ओर से सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे लंदन से पैरवी कर रहे हैं। साल्वे देश के पूर्व सॉलिसीटर जनरल रह चुके हैं और उन्होंने पाकिस्तान की जेल में बंद कुलभूषण जाधव मामले में भारत की ओर से इंटरनेशनल कोर्ट में पक्ष रखा था। कानूनी जानकारों के अनुसार साल्वे हाईकोर्ट व सुप्रीम कोर्ट में एक दिन की पैरवी के लिए करीब 50 लाख रुपए तक लेते हैं। हिट एंड रन केस में फिल्म एक्टर सलमान खान को बचाने वाले एडवोकेट साल्वे ही थे।

गहलोत गुट के लिखाफ कोरोना नियमों के उल्लंघन की याचिका दायर
गहलोत गुट के 104 विधायकों के खिलाफ एक याचिका मजिस्ट्रेट के सामने पेश की गई है। जो सियासी घमासान या वायरल ऑडियो टेप से संबंधित नहीं है, बल्कि कोरोना के नियमों का उल्लंघन करने के लिए दर्ज की गई है। इस याचिका में सभी 104 विधायकों के साथ कोरोना के नियम लागू कराने के जिम्मेदार सभी अधिकारियों के खिलाफ भी मामला दर्ज करवाया गया है।

0

Source link

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

Pillar number 436 re-imposed at the same place on the consent of Indo-Nepal, worship stopped near Sita Cave | भारत-नेपाल की सहमति पर फिर से उसी जगह लगाया गया पिलर नंबर 436, सीता गुफा के पास पूजा पर रोक

Mon Jul 20 , 2020
सहोदरा4 घंटे पहले कॉपी लिंक पिलर को यथावत गड़वाते भारतीय अधिकारी व अन्य। शनिवार की रात आठ बजे पिलर स्थापित करने के बाद से जवानों की तैनाती हुई पिलर को उखाड़कर फेंक दिए जाने के कारण दोनों देशों के बीच तनाव की स्थिति उत्पन्न हो गई थी इंडो-नेपाल सीमा के […]

You May Like