NEP 2020| IIT, NIT students to get option to study in Hindi, local languages, union education minister instructs during the meeting held on national education policy | अगले सेशन से मातृभाषा में पढ़ाई कराएंगे IIT और NIT, नई शिक्षा नीति पर आयोजित बैठक में केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने दिए निर्देश

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38 मिनट पहले

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एकेडमिक ईयर 2020-21 से इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) और नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (NIT) में नई शिक्षा नीति के तहत बड़े बदलाव किए जाएंगे। गुरुवार को केंद्रीय शिक्षा मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक ने नई शिक्षा नीति 2020 पर एक उच्च स्तरीय बैठक ली। इस दौरान केंद्रीय शिक्षा मंत्री ने फैसला लिया कि अगले साल से IIT, NIT समेत कई इंजीनियरिंग कॉलेजों में मातृभाषा में पढ़ाई होगी।

चुनिंदा संस्थानों का हुआ चयन

मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी के मुताबिक, नई शिक्षा नीति के तहत राज्य और शिक्षण संस्थानों को अपनी मातृभाषा में पढ़ाने की आजादी दी गई है। इसके तहत अगले शैक्षिक सत्र से उपलब्ध होगा. इसके लिए कुछ आईआईटी और एनआईटी को चुना जा रहा है। नई नीति के बाद अब बंगाली, तमिल, कन्नड़, तेलगू, मलयालम, असमिया, कश्मीरी, गुजराती, मराठी, पंजाबी आदि भाषाओं में इंजीनियरिंग प्रोग्राम की किताबे पढ़ने का मिलेंगी।

मातृभाषा से संपूर्ण विकास

सरकार द्वारा कई सालों बाद नई शिक्षा को मिली मंजूरी के तहत स्कूलों में आठवीं तक की पढ़ाई मातृभाषा में अनिवार्य कर दी गई है। इसके अलावा अगर राज्य सरकारें चाहें तो मेडिकल, इंजीनियरिंग समेत सामान्य डिग्री प्रोग्राम की पढ़ाई भी अपने यहां मातृभाषा में करवा सकती हैं। इसके लिए राज्यों के साथ केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय की समिति की बैठक चल रही हैं।

यूजीसी समय पर स्कॉलरशिप- फैलोशिप जारी करें

बैठक के दौरान शिक्षा मंत्री ने यूनिवर्सिटी ग्रांट्स कमीशन (UGC) के अधिकारियों को स्कॉलरशिप और फैलोशिप धनराशि समय पर जारी करने का भी निर्देश दिया। इसके साथ ही मंत्री ने शिकायतों और दिक्कतों को देखते हुए स्कॉलरशिप और फैलोशिप के मुद्दे पर एक हेल्पलाइन शुरू करने को कहा। इसके अलावा विभिन्न यूनिवर्सिटी में स्टूडेंट प्रकोष्ठ सेल में जो भी शिकायतें हैं, उनका निवारण कर रिपोर्ट भी तैयार करनी होगी।

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