Shaibal Gupta Remembers By Nobel-winning economist Amartya Sen | शोकसभा में बोले- उन्होंने सिर्फ बिहार ही नहीं, पूरे देश के लिए काम किया, हमेशा खलेगी कमी

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पटना3 मिनट पहले

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शोकसभा में अर्थशास्त्री शैबाल गुप्ता को किया गया याद। - Dainik Bhaskar

शोकसभा में अर्थशास्त्री शैबाल गुप्ता को किया गया याद।

  • अर्थशास्त्री शैबाल गुप्ता का 28 जनवरी को पटना में हुआ था निधन
  • शनिवार को ऑनलाइन शोकसभा का हुआ आयोजन

अर्थशास्त्री शैबाल गुप्ता के निधन के बाद शनिवार को शोकसभा का आयोजन किया गया। शोकसभा में ऑनलाइन शिरकत करते हुए नोबेल पुस्कार और भारत रत्न प्राप्त अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने शैबाल गुप्ता के कामकाज की तारीफ की। उन्होंने कहा कि शैबाल गुप्ता ने सिर्फ बिहार के लिए नहीं, बल्कि पूरे देश के लिए काम किया है। उनकी गिनती दुनिया के प्रसिद्ध अर्थशास्त्रियों में होती है। शैबाल गुप्ता के निधन को उन्होंने निजी क्षति बताया। इस दौरान अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन ने यह भी कहा कि शैबाल गुप्ता की कमी हमेशा खलेगी।

शोकसभा में बोलते सीएम नीतीश कुमार।

शोकसभा में बोलते सीएम नीतीश कुमार।

सीएम नीतीश कुमार ने यूं किया याद
शोकसभा में राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर के कई दिग्गजों ने भी हिस्सा लिया। पद्मभूषण लॉर्ड मेघनाद देसाई, पूर्व विदेश सचिव मुचकुंद दुबे, डॉ. एए हई ने भी शोकसभा में शैबाल गुप्ता को श्रद्धांजलि दी। सीएम नीतीश कुमार भी इस दौरान ऑनलाइन जुड़े हुए थे। सीएम ने कहा कि शैबाल गुप्ता विचार से कम्युनिस्ट थे, लेकिन सभी पार्टियों के नेताओं के साथ उनके मधुर संबंध थे। उनकी राय हमलोग हमेशा लेते रहते थे। आर्थिक रिपोर्ट वर्ष 2008 से शुरू किया गया। इसे तैयार करने में उनका महत्वपूर्ण सहयोग मिलता रहा। सेंटर फॉर इकोनॉमिक पॉलिसी एंड पब्लिक फाइनांस गठित किया गया। इसमें भी उनका सहयोग मिला। बिहार को विशेष राज्य का दर्जा दिलाने के लिए हमलोगों ने अभियान चलाया। इसको लेकर वर्ष 2013 में यूपीए सरकार द्वारा गठित रघुराम राजन कमिटी में शैबाल गुप्ता को सदस्य के रुप में शामिल किया गया था।

शोकसभा में शामिल हुए कई शख्सियत।

शोकसभा में शामिल हुए कई शख्सियत।

28 जनवरी को हुआ था निधन
अर्थशास्त्री शैबाल गुप्ता का 28 जनवरी को निधन हो गया था। पटना के पारस अस्पताल में 67 साल की उम्र में अंतिम सांस ली थी। डॉ गुप्ता मूलत: बेगूसराय के रहने वाले थे, लेकिन तकरीबन 20 साल पहले उनका परिवार बेगूसराय छोड़ दिया था। डॉ गुप्ता बिहार सरकार के सलाहकार थे। आर्थिक नीति और सार्वजनिक वित्त केंद्र (CEPPF) के निदेशक भी थे, जिसे बिहार सरकार द्वारा सार्वजनिक वित्त पर अनुसंधान के लिए समर्पित केंद्र के रूप में ADRI में स्थापित किया गया है। डॉ. गुप्ता पिछले दो दशकों से अर्थशास्त्र और औद्योगिक अर्थशास्त्र के क्षेत्र में अनुसंधान कर रहे थे।

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