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नई दिल्ली10 मिनट पहले
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सरकार को टेलीकॉम सेक्टर की अर्फोडिबिलिटी बनाए रखने के लिए सेक्टर के विभिन्न शुल्कों को तर्कसंगत बनाना चाहिए और क्षेत्र के कामकाज पर बुरा असर डालने वाले लंबे समय से चले आ रहे कानूनी विवादों को बंद कर देना चाहिए।
- भारत में अभी भी दुनियाभर के लिहाज से डेटा पर सबसे कम शुल्क लिया जाता है, ऐसे में उद्योग मुश्किल से ही अपनी पूंजी लागत को वसूल पाता है।
- मित्तल ने कहा है कि इस उद्योग का सबसे बुरा दौर निकल चुका है लेकिन भविष्य में बेहतर प्रदर्शन के लिए सरकार की समर्थन की जरूरत है।
सरकार को टेलीकॉम सेक्टर की अर्फोडिबिलिटी बनाए रखने के लिए सेक्टर के विभिन्न चार्ज को उचित स्तर पर रखना चाहिए। क्षेत्र के कामकाज पर बुरा असर डालने वाले लंबे समय से चले आ रहे कानूनी विवादों को बंद कर देना चाहिए। ये बातें भारती एयरटेल के चेयरमैन सुनील भारती मित्तल ने कही है। मित्तल ने कहा कि टेलीकॉम सेक्टर में सरकार को आगे बढ़कर विभिन्न शुल्कों को उचित बनाना चाहिए।
भारत में डेटा पर सबसे कम शुल्क लिया जाता है
भारती एयरटेल की ताजा वार्षिक रिपोर्ट में मित्तल ने कहा कि यह स्पष्ट है कि दूरसंचार उद्योग का सबसे बुरा दौर निकल चुका है। हालांकि अभी भी कुछ समस्याएं बनी हुई हैं। 2019- 20 की वार्षिक रिपोर्ट में मित्तल ने कहा है कि भारत में अभी भी दुनियाभर के लिहाज से डेटा पर सबसे कम शुल्क लिया जाता है।ऐसे में उद्योग मुश्किल से ही अपनी पूंजी लागत को वसूल पाता है।
सरकार की समर्थन की जरूरत है
टेलीकॉम सेक्टर के वित्तीय नुकसान की भरपाई और टेलीकॉम ऑपरेटर्स को भविष्य की टेक्नोलॉजी में निवेश करने लायक बनाने के लिए समर्थन की जरूरत है। मित्तल ने कहा कि हाल की शुल्क वृद्धि से बेशक उद्योग को कुछ सहारा मिला है लेकिन यह अभी भी उद्योग को लाभदायक बनाए रखने के लिहाज से काफी कम है।
उन्होंने सरकार से टेलीकॉम कंपनियों की आवश्यक जरूरतों की तरफ ध्यान दिए जाने पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि सरकार को टेलीकॉम क्षेत्र के शुल्कों को तर्कसंगत बनाने पर ध्यान देना चाहिए। इसके साथ ही लंबे समय से चले आ रहे कानूनी विवादों को बंद कर देना चाहिए। इन विवादों की वजह से टेलीकॉम ऑपरेटर्स के प्रदर्शन को बड़ा नुकसान पहुंचता है।
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