न्यूज डेस्क, अमर उजाला, वाराणसी
Updated Thu, 30 Jul 2020 12:57 AM IST
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वाराणसी के ब्राह्मण चेतना परिषद के सदस्य प्रजा नाथ शर्मा ने राम मंदिर का मुहूर्त निकालने वाले विद्वान से पूछा है कि राममंदिर के लिए जो संकल्प लिया जाएगा उसमें श्रावण मास बोला जाएगा कि भाद्रपद। वहीं शिलापट्ट पर भी श्रावण रहेगा या भाद्रपद मास। प्रजानाथ शर्मा ने वक्तव्य जारी किया है कि उत्तरप्रदेश में काशी से प्रकाशित होने वाले ऋषिकेश और विश्व पंचांग में पांच अगस्त को 32 सेकंड वाले मुहूर्त का कहीं उल्लेख नहीं है। इसके बावजूद तथाकथित विद्वान बार-बार शिलान्यास भूमिपूजन के 5 अगस्त को 32 सेकंड के मुहूर्त को श्रावण मास बता रहे हैं।
उन्होंने कहा कि जब तीन अगस्त तक श्रावण मास रहेगा और चार अगस्त से भाद्रपद मास आरंभ हो जाएगा तो पांच को श्रावण कैसे होगा। हम पूछना चाहते हैं कि मुहूर्त चिंतामणि ग्रंथ जो मुहूर्त ज्योतिष का सर्वमान्य ग्रंथ है उस ग्रंथ का उद्धरण क्यों नहीं दिया जा रहा है। अष्टक वर्ग से शास्त्रों में मुहूर्त निकालने की परंपरा नहीं है और अभिजीत मुहूर्त बुधवार को निषिद्ध किया गया है।
ज्योतिष शास्त्र का अपमान करने का अधिकार नहीं
कुंडली की महादशा, अंतर्दशा, प्रत्यंतर्दशा से मुहूर्त नहीं निकाला जाता है, यदि ऐसा होता तो मुहूर्त ग्रंथ बनते ही क्यों, दशा से ही मुहूर्त निकाल लिया जाता। जो लोग बार-बार अप्रमाणिक तथ्य सिद्ध करने का प्रयास कर रहे हैं वो या तो दिग्भ्रमित हैं या डरे हुए हैं। वेद, पुराण और ज्योतिष शास्त्र का अपमान करने का किसी को भी अधिकार नहीं है। हमारा सनातन धर्म बहुत प्राचीन और श्रेष्ठ है। सनातनी लोग इसका अपमान कभी भी सहन नहीं कर सकते।
सार
- उत्तरप्रदेश के पंचांग में कहीं नहीं है पांच अगस्त को 32 सेकेंड का मुहूर्त
- तीन अगस्त को समाप्त हो रहा सावन तो पांच को भाद्रपद कैसे
विस्तार
वाराणसी के ब्राह्मण चेतना परिषद के सदस्य प्रजा नाथ शर्मा ने राम मंदिर का मुहूर्त निकालने वाले विद्वान से पूछा है कि राममंदिर के लिए जो संकल्प लिया जाएगा उसमें श्रावण मास बोला जाएगा कि भाद्रपद। वहीं शिलापट्ट पर भी श्रावण रहेगा या भाद्रपद मास। प्रजानाथ शर्मा ने वक्तव्य जारी किया है कि उत्तरप्रदेश में काशी से प्रकाशित होने वाले ऋषिकेश और विश्व पंचांग में पांच अगस्त को 32 सेकंड वाले मुहूर्त का कहीं उल्लेख नहीं है। इसके बावजूद तथाकथित विद्वान बार-बार शिलान्यास भूमिपूजन के 5 अगस्त को 32 सेकंड के मुहूर्त को श्रावण मास बता रहे हैं।
राम मंदिर का प्रस्तावित मॉडल
– फोटो : अमर उजाला
उन्होंने कहा कि जब तीन अगस्त तक श्रावण मास रहेगा और चार अगस्त से भाद्रपद मास आरंभ हो जाएगा तो पांच को श्रावण कैसे होगा। हम पूछना चाहते हैं कि मुहूर्त चिंतामणि ग्रंथ जो मुहूर्त ज्योतिष का सर्वमान्य ग्रंथ है उस ग्रंथ का उद्धरण क्यों नहीं दिया जा रहा है। अष्टक वर्ग से शास्त्रों में मुहूर्त निकालने की परंपरा नहीं है और अभिजीत मुहूर्त बुधवार को निषिद्ध किया गया है।
राम मंदिर
– फोटो : अमर उजाला
ज्योतिष शास्त्र का अपमान करने का अधिकार नहीं
कुंडली की महादशा, अंतर्दशा, प्रत्यंतर्दशा से मुहूर्त नहीं निकाला जाता है, यदि ऐसा होता तो मुहूर्त ग्रंथ बनते ही क्यों, दशा से ही मुहूर्त निकाल लिया जाता। जो लोग बार-बार अप्रमाणिक तथ्य सिद्ध करने का प्रयास कर रहे हैं वो या तो दिग्भ्रमित हैं या डरे हुए हैं। वेद, पुराण और ज्योतिष शास्त्र का अपमान करने का किसी को भी अधिकार नहीं है। हमारा सनातन धर्म बहुत प्राचीन और श्रेष्ठ है। सनातनी लोग इसका अपमान कभी भी सहन नहीं कर सकते।
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