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नई दिल्ली6 मिनट पहले
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कोई शख्स एक वित्त वर्ष में मिनिमम 1 ग्राम और मैक्सिमम 4 किलोग्राम तक वैल्यू का बॉन्ड खरीद सकता है
- इस बार प्रति ग्राम सोने की कीमत 5334 रुपए तय की गई है
- गोल्ड बॉन्ड में इश्यू प्राइस पर हर साल 2.50% ब्याज मिलता है
आज यानी 3 अगस्त से एक बार फिर सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड खरीदने का मिलेगा। 3 से 7 अगस्त तक गोल्ड बॉन्ड में निवेश किया जा सकेगा। इसके तहत प्रति ग्राम सोने की कीमत 5334 रुपए तय की गई है। जो लोग इनके लिए ऑनलाइन आवेदन करेंगे और डिजिटल पेमेंट के जरिए भुगतान करेंगे, उन्हें प्रति ग्राम 50 रुपए का डिस्काउंट मिलेगा।
53,450 रुपए प्रति 10 ग्राम पर पहुंचा सोना
राजधानी दिल्ली में 2 अगस्त को सोना 53,450 रुपए प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया। इस हिसाब से 1 ग्राम सोने की कीमत 5345 रुपए हुई। वहीं सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड के तहत प्रति ग्राम सोने की कीमत 5334 रुपए तय की गई है। यानी इसमें आपको बाजार रेट से सस्ता सोना मिल रहा है।
RBI जारी कर रहा ये बॉन्ड
RBI ये बॉन्ड भारत सरकार की तरफ से जारी कर रहा है। RBI के अनुसार ‘‘बॉन्ड की कीमत 999 शुद्धता वाले सोने के लिए पिछले 3 वर्किंग डेज में साधारण औसत बंद भाव (इंडिया बुलियन एंड जूलर्स एसोसिशन द्वारा प्रकाशित) मूल्य पर आधारित है। इससे पहले 6 से 10 जुलाई के बीच यानी चौथी सीरीज में सब्सक्रिप्शन के लिए खुला बॉन्ड का इश्यू प्राइस 4,852 रुपए प्रति ग्राम था।
इश्यू प्राइस पर मिलता है 2.50 फीसदी ब्याज
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में इश्यू प्राइस पर हर साल 2.50 फीसदी का निश्चित ब्याज मिलता है। यह पैसा हर 6 महीने में अपने आप आपने खाते में पहुंच जाता है। फिजिकल गोल्ड और गोल्ड ईटीएफ पर आपको इस तरह का फायदा नहीं मिलता। एनएसई के वेबसाइट पर दी गई जानकारी के अनुसार सॉवरेन 8 साल के मैच्योरिटी पीरियड के बाद इससे होने वाले लाभ पर कोई टैक्स नहीं लगता। इसके साथ ही हर छह महीने पर मिलने वाले ब्याज पर कोई टीडीएस भी नहीं लगता।
कितना सोना खरीद सकते हैं?
कोई शख्स एक वित्त वर्ष में मिनिमम 1 ग्राम और मैक्सिमम 4 किलोग्राम तक वैल्यू का बॉन्ड खरीद सकता है। हालांकि किसी ट्रस्ट के लिए खरीद की अधिकतम सीमा 20 किग्रा है। बॉन्ड का मेच्योरिटी पीरियड 8 साल का है। लेकिन निवेशकों को 5 साल के बाद बाहर निकलने का मौका मिलता है। यानी अगर आप निकालना चाहते हैं तो 5 साल के बाद निकाल सकते हैं। एनएसई के मुताबिक लोन लेने के दौरान कॉलेटरल के रूप में भी इन सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड का उपयोग किया जा सकता है। इसके अलावा ये बांड एनएसई पर ट्रेड भी करते हैं।
शुद्धता और सुरक्षा की कोई चिंता नहीं
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड में शुद्धता की चिंता करने की कोई जरूरत नहीं होती है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) के मुताबिक गोल्ड बांड की कीमत इंडियन बुलियन एंड ज्वेलर्स एसोसिएशन (आईबीरेए) द्वारा प्रकाशित 24 कैरेट शुद्धता वाले सोने की कीमत से लिंक होती है। इसके साथ ही इसे डीमैट रूप में रखा जा सकता है, जो काफी सुरक्षित है और उस पर कोई खर्च भी नहीं होता है।
6 बार सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड होने हैं जारी
सरकार ने 6 महीने में यानी 20 अप्रैल से लेकर 4 सितंबर तक 6 बार सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड जारी करने का फैसला किया था। 4 बार जारी हो चुके हैं जबकि पांचवी बार 3 से 7 अगस्त के बीच जारी होना है। अप्रैल में सबसे पहले सरकार ने 20 से 24 अप्रैल के बीच पहली सीरीज लॉन्च की थी। इसके तहत प्रति ग्राम सोने की कीमत 4,639 रुपए तय की गई थी।
क्या है सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड?
सॉवरेन गोल्ड बॉन्ड एक सरकारी बांड होता है। इसे डीमैट रूप में परिवर्तित कराया जा सकता है। इसका मूल्य रुपए या डॉलर में नहीं होता है, बल्कि सोने के वजन में होता है। यदि बॉन्ड पांच ग्राम सोने का है, तो पांच ग्राम सोने की जितनी कीमत होगी, उतनी ही बॉन्ड की कीमत होगी। इसे खरीदने के लिए सेबी के अधिकृत ब्रोकर को इश्यू प्राइस का भुगतान करना होता है। बॉन्ड को भुनाते वक्त पैसा निवेशक के खाते में जमा हो जाता है। यह बॉन्ड भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) सरकार की ओर से जारी करता है।
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