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- Indian Cricket Board Invited Bids For The Team’s Kit Sponsor And Official Merchandising Partner Rights Through A Tender Process To Replace Outgoing Sponsor Nike
9 घंटे पहले
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कोरोना के कारण मार्च में भारत-दक्षिण अफ्रीका सीरीज कैंसिल हुई। वहीं, भारत का श्रीलंका और जिम्बाब्वे दौरा भी नहीं होगा। इससे भी नाइकी को काफी नुकसान हुआ। -फाइल
- नाइकी कंपनी से बोर्ड की 2006 में पहली बार डील हुई थी, कंपनी भारतीय टीम को शूज, जर्सी और दूसरे सामान मुफ्त में देती है
- अंतरराष्ट्रीय सीरीज रद्द होने से हुए नुकसान की भरपाई के लिए नाइकी डील रिन्यू करना चाहती थी, लेकिन बोर्ड से बातचीत बेनतीजा रही
भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने टीम इंडिया के किट स्पॉन्सर की तलाश तेज कर दी है। बोर्ड ने सोमवार को नया किट स्पॉन्सर और ऑफिशियल मर्चेंडाइजिंग पार्टनर तय करने के लिए टेंडर प्रोसेस शुरू की। भारतीय क्रिकेट टीम की मौजूदा जर्सी स्पॉन्सर नाइकी का करार अगले महीने खत्म हो रहा है।
कंपनी ने बोर्ड से 370 करोड़ रुपए में 4 साल की डील की थी। इसमें 85 लाख प्रति मैच फीस और 30 करोड़ की रॉयल्टी भी शामिल थी। नाइकी कंपनी डील के मुताबिक, भारतीय टीम को शूज, जर्सी और अन्य सामान मुफ्त में देती है। पहली बार बोर्ड की 2006 में कंपनी से डील हुई थी।
टेंडर प्रोसेस में शामिल होने के लिए 1 लाख रुपए की फीस चुकानी होगी
बीसीसीआई ने एक बयान में कहा कि इन्विटेशन टू टेंडर (आईटीटी) के तहत जीतने वाले बिडर को किट स्पॉन्सर और ऑफिशियल मर्चेंडाइजिंग पार्टनर बनने का अधिकार मिल जाएगा। आईटीटी के अंदर टेंडर की पात्रता, शर्तें और कंडीशंस की जानकारी दी गई है। इसे 1 लाख रुपए की फीस चुकाकर 26 अगस्त तक खरीदा जा सकता है।
बोर्ड को बीडिंग प्रोसेस में बदलाव का अधिकार
बोर्ड ने साफ किया है कि बिना किसी कारण के किसी भी स्तर पर बीडिंग प्रोसेस को रद्द करने या उसमें बदलाव करने का अधिकार उसके पास है। सिर्फ आईटीटी खरीदने से खरीददार बोली लगाने का हकदार नहीं हो सकता, बल्कि बोली लगाने के लिए उसे किसी व्यक्ति या कंपनी के नाम पर आईटीटी लेनी होगी, जिसे स्पॉन्सरशिप डील हासिल करने के लिए बोली लगानी है।
अंतरराष्ट्रीय सीरीज रद्द होने से नाइकी को नुकसान हुआ
बोर्ड सूत्रों के मुताबिक, नाइकी यह डील रिन्यू करना चाहती थी, क्योंकि लॉकडाउन से उसे काफी नुकसान हुआ था। कोरोना के कारण मार्च में भारत-दक्षिण अफ्रीका वनडे सीरीज रद्द करनी पड़ी थी। इसके अलावा भारतीय टीम का श्रीलंका और जिम्बाब्वे दौरा भी कैंसिल हो गया। नुकसान की वजह से कंपनी डील को लेकर बोर्ड से रियायत चाह रही थी, लेकिन बीसीसीआई से उसकी बातचीत बेनतीजा रही।
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