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- Sudeeksha Achieved 4 Crore Scholarships On The Basis Of Ability, Said While Going To America One Day I Will Change The Appearance Of My Village And Society By Returning To The Country
4 घंटे पहले
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- अमेरिका के बॉब्सन कॉलेज से एंंटरप्रेन्योरशिप में ग्रेजुएशन कर रही थीं सुदीक्षा
- बॉब्सन कॉलेज के ग्लोबल स्कॉलरशिप प्रोग्राम के तहत हुआ था सुदीक्षा का सिलेक्शन
सोमवार सुबह उत्तरप्रदेश के बुलंदशहर में देश की एक होनहार छात्रा ने मनचलों की छेड़छाड़ से बचने की कोशिश करते हुए सड़क हादसे में अपनी जान गंवा दी। सुदीक्षा भाटी लॉकडाउन के चलते अमेरिका से अपने घर लौटी थीं।
परिवार का आरोप है कि जब सुदीक्षा अपने भाई के साथ बाइक पर जा रही थीं, तब दो बाइक सवार उनसे छेड़खानी कर रहे थे। हादसे में सुदीक्षा के भाई भी गंभीर रूप से घायल हुए हैं। पुलिस ने केस दर्ज कर मामले की जांच शुरू कर दी है।
सुदीक्षा एक ऐसी होनहार लड़की थी। जो न सिर्फ अपनी काबिलियत के दम पर अमेरिका के कॉलेज में एडमिशन पाने में सफल रही। बल्कि वह वापस देश लौटकर समाज की सूरत भी बदलना चाहती थी।
पिता चाय बेचते थे, बेटी पढ़ाई के लिए अमेरिका पहुंची
छह भाई-बहनों में सुदीक्षा सबसे बड़ी थीं। पिता चाय बेचकर परिवार का भरण-पोषण करते हैं। जाहिर है परिवार की आर्थिक हालत ऐसी नहीं थी कि वे अमेरिका जाकर पढ़ाई कर सकें। लेकिन, जज्बा भरपूर था। कड़ी मेहनत और इस जज्बे के दम पर ही सुदीक्षा अमेरिका पहुंचने में कामयाबी हुईं। सुदीक्षा को अमेरिका के बॉब्सन कॉलेज से ग्रेजुएशन करने के लिए फुल ट्यूशन फीस स्कॉलरशिप मिली थी। यह स्कॉलरशिप लगभग 3.80 करोड़ रुपए थी। सुदीक्षा बॉब्सन कॉलेज से ही एंटरप्रेन्योरशिप में ग्रेजुएशन कर रही थीं।
2011 के बाद सफलता की सीढ़ियां चढ़ना शुरू कीं
2011 में सुदीक्षा का सिलेक्शन विद्या ज्ञान लीडरशिप एकेडमी में हुआ। यह सफलता ही सुदीक्षा के करियर का टर्निंग पॉइंट थी। साल 2018 में CBSE की 12वीं परीक्षा में उनका 98% स्कोर रहा। सुदीक्षा उस साल बुलंदशहर की टॉपर रही थीं। यूएस का बॉब्सन कॉलेज, ग्लोबल स्कॉलरशिप प्रोग्राम के तहत हर साल अपने यहां पढ़ाई करने के लिए दुनिया भर के स्टूडेंट्स से स्कॉलरशिप के आवेदन आमंत्रित करता है। सुदीक्षा इसी स्कॉलरशिप के लिए चयनित हुई थीं।
महिलाओं की स्थिति पर बेबाकी से बोलती थीं सुदीक्षा
यूट्यूब पर सुदीक्षा का दो साल पुराना एक वीडियो है। इसमें वे अपनी सफलता की कहानी बता रही हैं। कि किस तरह 2011 के बाद उन्हें जिंदगी ने अच्छे अवसर दिए। इस वीडियो में सुदीक्षा बेबाकी से देश में महिलाओं की स्थिति और छेड़-छाड़ की समस्या पर अपनी राय रखती दिख रही हैं। सुदीक्षा ने कहा – मैं उत्तरप्रदेश से आती हूं, जहां ईव-टीजिंग एक बड़ी समस्या है। इसलिए पैरेंट्स लड़कियों को बाहर पढ़ने के लिए भेजना सुरक्षित नहीं मानते। मेरे पिता का बहुत आभार जो उन्होंने मुझे अपने सपनों को पूरा करने की अनुमति दी। अमेरिका जाते वक्त सुदीक्षा ने कहा था कि, एक दिन देश लौटकर अपने गांव और समाज की स्थिति को सुधारने की कोशिश जरूर करूंगी।
अपनी होनहार दोस्त को याद करते हुए सुदीक्षा के सहपाठी न्याय की मांग कर रहे हैं
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