17 मिनट पहले
जावेद मियांदाद (दाएं) इमरान खान के साथ। दोनों के बीच रिश्ते हमेशा खट्टे-मीठे रहे। इमरान जब पीएम बने तो मियांदाद ने खुशी जताई। आज वे इमरान से सख्त खफा हैं। (फाइल)
- जावेद मियांदाद ने प्रधानमंत्री इमरान खान पर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड में गलत लोगों को नियुक्त करने का आरोप लगाया
- मियांदाद ने कहा- इमरान खुद को खुदा समझने लगे हैं, उन्हें लगता है कि देश में पीसीबी चलाने के लिए काबिल लोग ही नहीं हैं
किसी वक्त खास दोस्त रहे इमरान खान और जावेद मियांदाद के रिश्ते टूट गए हैं। इमरान खान प्रधानमंत्री हैं और उनके लिए चुनाव प्रचार करने वाले जावेद मियांदाद खाली बैठे हैं। मियांदाद को उम्मीद थी कि इमरान पीएम बन गए हैं तो उन्हें पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड में बड़ा ओहदा मिलेगा। दो साल बाद भी मियांदाद के हाथ कुछ नहीं लगा। अब इस पूर्व बल्लेबाज ने इमरान के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है।
मियांदाद ने एक वीडियो में कहा- देश और क्रिकेट की बदहाली के लिए इमरान खान जिम्मेदार हैं। मैं मदद न करता तो इमरान प्रधानमंत्री न बन पाते। इमरान ने देश को धोखा दिया। अब मैं उन्हें सियासत सिखाउंगा।
मैं झूठा तो इमरान खंडन करें
मियांदाद ने कहा- अगर मेरी एक भी बात गलत है या झूठ है तो इमरान इसका खंडन करें। प्रधानमंत्री मनमानी कर रहे हैं। और जो लोग मुल्क के साथ गलत करेंगे मैं उन्हें छोड़ने वाला नहीं हूं।
बोर्ड में जाहिल लोग
मियांदाद ने इमरान पर पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड में गलत लोगों को नियुक्त करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा- इमरान खुद को खुदा समझने लगे हैं। मनमाने फैसले ले रहे हैं। उन्हें लगता है कि पीसीबी (पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड) चलाने के लिए काबिल लोग ही नहीं हैं। इसलिए उन्होंने बोर्ड में विदेशियों की नियुक्ति की है, जिन्हें क्रिकेट के बारे में कुछ नहीं पता। अगर बोर्ड में बैठे विदेशी करप्शन करके भाग गए, तो फिर इन्हें कौन पकड़ेगा?
मियांदाद का इशारा पीसीबी डायरेक्टर और सीईओ वसीम खान और चेयरमैन एहसान मनी की तरफ था। दोनों के पास ब्रिटेन की नागरिकता भी है। दरअसल, मियांदाद को उम्मीद थी कि चेयरमैन या डायरेक्टर का पद उन्हें मिलेगा। लेकिन, ऐसा नहीं हुआ। अब वे आगबबूला हो रहे हैं।
घरेलू क्रिकेटर बेरोजगार
1992 वर्ल्ड कप जीतने वाली टीम के सदस्य रहे मियांदाद ने इमरान पर घरेलू क्रिकेटरों को बेरोजगार करने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा- इमरान ने जानबूझकर डिपार्टमेंट क्रिकेट बंद किया। इससे खिलाड़ी बेरोजगार हो गए हैं। इसका जवाब कौन देगा?
पाकिस्तान में घरेलू क्रिकेट का मतलब सरकारी विभागों की टीमें हैं। कुछ बैंक और प्राईवेट लिमिटेड की टीमें भी इसमें शिरकत करती हैं। पिछले साल से डिपार्टमेंट क्रिकेट बंद कर दी गई। इसका नया फॉर्मेट आया। इसमें चार ही टीमें हैं। पहले 20 से 24 होती थीं। इसकी वजह से खिलाड़ी बेरोजगार हो गए हैं। मियांदाद की शिकायत इसी तरफ इशारा करती है। गैस डिपार्टमेंट की टीम तो पिछले ही महीने खत्म की गई। इसमें शोएब मलिक और फवाद आलम जैसे खिलाड़ी खेलते थे। इमरान खुद भी इस टीम से खेल चुके हैं।