Corona Testing In Bihar: Chirag Paswan Targets Jdu On Pm Modi’s Tweet – बिहार में कोरोना टेस्टिंग: पीएम मोदी के ट्वीट पर चिराग का जेडीयू पर निशाना

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटना
Updated Wed, 12 Aug 2020 11:51 PM IST

नीतीश कुमार, नरेंद्र मोदी और चिराग पासवान
– फोटो : Amar Ujala

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बिहार में चुनाव नजदीक आने के साथ ही यहां की राजनीति में बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी तेज होता जा रहा है। कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण के बीच अब यहां राज्य की सत्ताधारी पार्टी जनता दल यूनाइटेड और लोक जनशक्ति पार्टी में ही नोक-झोंक शुरू हो गई है। बुधवार को पीएम नरेंद्र मोदी के एक ट्वीट पर भी दोनों ही पार्टियां आमने-सामने आ गईं। 

दरअसल प्रधानमंत्री मोदी ने एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने बिहार समेत कई अन्य राज्यों में कोरोना की टेस्टिंग बढ़ाने पर जोर दिया। पीएम ने कहा, ‘जिन राज्यों में टेस्टिंग रेट कम है और जहां संक्रमण के मामले ज्यादा हैं, वहां टेस्टिंग बढ़ाने की जरूरत सामने आई है। खासतौर पर बिहार, गुजरात, यूपी, पश्चिम बंगाल और तेलंगाना। यहां टेस्टिंग बढ़ाने पर खास बल देने की बात इस समीक्षा में निकली है।’

प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा किए गए इस ट्वीट को रिट्वीट करते हुए लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान ने लिखा, ‘पूर्व से ही यह मांग लोक जनशक्ति पार्टी करती आयी है कि बिहार में कोरोना टेस्टिंग बढ़ाने की आवश्यकता है। अब प्रधानमंत्री जी के हस्तक्षेप कर सुझाव देने के बाद आशा ही नहीं बल्कि विश्वास है कि बिहार सरकार टेस्टिंग बढ़ाएगी ताकि बिहार को कोरोना से सुरक्षित किया जा सके।’  

हालांकि चिराग का यह ट्वीट जेडीयू को नागवार गुजरा और उसके सांसद ललन सिंह ने पासवान को सूरदास एवं कालीदास बताते हुए उनपर पलटवार किया। उन्होंने चिराग की तुलना कालीदास करते हुए कहा कि कालीदास उसी डाल को काट रहे थे, जिस पर बैठे थे। चिराग भी कुछ ऐसा ही कर रहे हैं। जाे धरातल पर है, उनकी समझ में नहीं आ रहा है और वे विपक्ष की भूमिका निभा रहे हैं। ललन इतने पर ही नहीं रुके। एक कहावत ‘निंदक नियरे राखिए आंगन कुटी छवाए’ का हवाला देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन बातों पर ध्यान नहीं देते हैं। वे अपना काम करते हैं। आज की तारीख में बिहार में प्रतिदिन लगभग 83000 कोरोना जांच हो रही है, जिसे अगले तीन दिनों में एक लाख करने का लक्ष्य है। बिहार की रिकवरी दर भी लगभग 66 फीसद है।

ललन सिंह के जवाब के बाद लोजपा ने भी पलटवार करते हुए जेडीयू को घेरने की कोशिश की। ललन सिंह के बयान पर लोजपा के प्रवक्ता अशरफ अंसारी ने  उन्हें सूरदास करार दिया। अंसारी ने कहा कि ललन सिंह को कुछ भी ठीक से दिखाई नहीं देता है। उन्होंने कहा कि बीते दिनों मुंगेर में कोरोना वायरस को लेकर हुई बैठक के दौरान खुद ललन सिंह ने जांच की गति कम होने की बात कही थी। लेकिन आज वे इसे खारिज कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में कोरोना जांच को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चिंता जाहिर की है, चिराग पासवान प्रधानमंत्री की चिंता के साथ अपनी चिंता जता रहे हैं। लेकिन जेडीयू को यह बात समझ में नहीं आ रही है। जेडीयू को यह समझ लेना चाहिए कि एलजेपी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के कारण केंद्र सरकार में है, जेडीयू के कारण नहीं। उन्होंने ललन सिंह और जेडीयू के नेताओं को बेवजह चिराग पासवान के खिलाफ बयानबाजी से बाज आने की भी नसीहत दी।

बिहार में चुनाव नजदीक आने के साथ ही यहां की राजनीति में बयानबाजी और आरोप-प्रत्यारोप का दौर भी तेज होता जा रहा है। कोरोना महामारी के बढ़ते संक्रमण के बीच अब यहां राज्य की सत्ताधारी पार्टी जनता दल यूनाइटेड और लोक जनशक्ति पार्टी में ही नोक-झोंक शुरू हो गई है। बुधवार को पीएम नरेंद्र मोदी के एक ट्वीट पर भी दोनों ही पार्टियां आमने-सामने आ गईं। 

दरअसल प्रधानमंत्री मोदी ने एक ट्वीट किया जिसमें उन्होंने बिहार समेत कई अन्य राज्यों में कोरोना की टेस्टिंग बढ़ाने पर जोर दिया। पीएम ने कहा, ‘जिन राज्यों में टेस्टिंग रेट कम है और जहां संक्रमण के मामले ज्यादा हैं, वहां टेस्टिंग बढ़ाने की जरूरत सामने आई है। खासतौर पर बिहार, गुजरात, यूपी, पश्चिम बंगाल और तेलंगाना। यहां टेस्टिंग बढ़ाने पर खास बल देने की बात इस समीक्षा में निकली है।’

प्रधानमंत्री कार्यालय द्वारा किए गए इस ट्वीट को रिट्वीट करते हुए लोजपा अध्यक्ष चिराग पासवान ने लिखा, ‘पूर्व से ही यह मांग लोक जनशक्ति पार्टी करती आयी है कि बिहार में कोरोना टेस्टिंग बढ़ाने की आवश्यकता है। अब प्रधानमंत्री जी के हस्तक्षेप कर सुझाव देने के बाद आशा ही नहीं बल्कि विश्वास है कि बिहार सरकार टेस्टिंग बढ़ाएगी ताकि बिहार को कोरोना से सुरक्षित किया जा सके।’  

हालांकि चिराग का यह ट्वीट जेडीयू को नागवार गुजरा और उसके सांसद ललन सिंह ने पासवान को सूरदास एवं कालीदास बताते हुए उनपर पलटवार किया। उन्होंने चिराग की तुलना कालीदास करते हुए कहा कि कालीदास उसी डाल को काट रहे थे, जिस पर बैठे थे। चिराग भी कुछ ऐसा ही कर रहे हैं। जाे धरातल पर है, उनकी समझ में नहीं आ रहा है और वे विपक्ष की भूमिका निभा रहे हैं। ललन इतने पर ही नहीं रुके। एक कहावत ‘निंदक नियरे राखिए आंगन कुटी छवाए’ का हवाला देते हुए कहा कि मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन बातों पर ध्यान नहीं देते हैं। वे अपना काम करते हैं। आज की तारीख में बिहार में प्रतिदिन लगभग 83000 कोरोना जांच हो रही है, जिसे अगले तीन दिनों में एक लाख करने का लक्ष्य है। बिहार की रिकवरी दर भी लगभग 66 फीसद है।

ललन सिंह के जवाब के बाद लोजपा ने भी पलटवार करते हुए जेडीयू को घेरने की कोशिश की। ललन सिंह के बयान पर लोजपा के प्रवक्ता अशरफ अंसारी ने  उन्हें सूरदास करार दिया। अंसारी ने कहा कि ललन सिंह को कुछ भी ठीक से दिखाई नहीं देता है। उन्होंने कहा कि बीते दिनों मुंगेर में कोरोना वायरस को लेकर हुई बैठक के दौरान खुद ललन सिंह ने जांच की गति कम होने की बात कही थी। लेकिन आज वे इसे खारिज कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिहार में कोरोना जांच को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चिंता जाहिर की है, चिराग पासवान प्रधानमंत्री की चिंता के साथ अपनी चिंता जता रहे हैं। लेकिन जेडीयू को यह बात समझ में नहीं आ रही है। जेडीयू को यह समझ लेना चाहिए कि एलजेपी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और बीजेपी के कारण केंद्र सरकार में है, जेडीयू के कारण नहीं। उन्होंने ललन सिंह और जेडीयू के नेताओं को बेवजह चिराग पासवान के खिलाफ बयानबाजी से बाज आने की भी नसीहत दी।



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