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अत्याधुनिक कंप्यूटर सिमुलेशन का इस्तेमाल करते हुए वैज्ञानिकों ने पहले से मौजूद एक दवा की पहचान की है, जिसका उपयोग कोरोना उपचार में हो सकता है। इस दवा का उपयोग कई रोगों के उपचार के लिए किया जाता है, जिसमें बाइपोलर डिसऑर्डर और बहरेपन जैसे रोग शामिल हैं। इस दवा की मदद से वैश्विक कोरोना महामारी को कोशिकाओं में प्रतिकृति करने से रोका जा सकता है। इस दवा से कोरोना से शुरुआती दौर में निजात पाई जा सकती है।
जर्नल साइंस अडवांसेज में प्रकाशित अध्ययन रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक कोराना वायरस का मुख्य प्रोटीज एम्प्रो (Mpro) ही वह अंजाइम है जो इसके लाइफ साइकल में मुख्य भूमिका निभाता है। अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो सहित अन्य शोधकर्ताओं के मुताबिक Mpro वायरस को जेनेटिक मेटेरियल (आरएनए) से प्रोटीन बनाने की क्षमता प्रदान करता है और इसकी वजह से ही वायरस संक्रमित व्यक्ति के सेल्स में अपनी संख्या बढ़ाते हैं।
बायोलॉजिकल मोलिक्यूल्स के मॉडलिंग में विशेषज्ञता का इस्तेमाल करते हुए वैज्ञानिकों ने कोरोना के खिलाफ संभावित प्रभावी हजारों कंपाउंड्स की तेजी से जांच की। वैज्ञानिकों ने पाया कि एम्प्रो के खिलाफ जिस दवा में संभावना नजर आई वह एब्सेलेन (Ebselen) है। यह एक केमिकल कंपाउंड है जिसमें एंटी वायरल, एंटी इंफ्लामेट्री, एंटी ऑक्सीडेटिव, बैक्ट्रीसिडल और सेल प्रोटेक्टिव प्रॉपर्टीज है।
अत्याधुनिक कंप्यूटर सिमुलेशन का इस्तेमाल करते हुए वैज्ञानिकों ने पहले से मौजूद एक दवा की पहचान की है, जिसका उपयोग कोरोना उपचार में हो सकता है। इस दवा का उपयोग कई रोगों के उपचार के लिए किया जाता है, जिसमें बाइपोलर डिसऑर्डर और बहरेपन जैसे रोग शामिल हैं। इस दवा की मदद से वैश्विक कोरोना महामारी को कोशिकाओं में प्रतिकृति करने से रोका जा सकता है। इस दवा से कोरोना से शुरुआती दौर में निजात पाई जा सकती है।
जर्नल साइंस अडवांसेज में प्रकाशित अध्ययन रिपोर्ट में कहा गया है कि वैश्विक कोराना वायरस का मुख्य प्रोटीज एम्प्रो (Mpro) ही वह अंजाइम है जो इसके लाइफ साइकल में मुख्य भूमिका निभाता है। अमेरिका के यूनिवर्सिटी ऑफ शिकागो सहित अन्य शोधकर्ताओं के मुताबिक Mpro वायरस को जेनेटिक मेटेरियल (आरएनए) से प्रोटीन बनाने की क्षमता प्रदान करता है और इसकी वजह से ही वायरस संक्रमित व्यक्ति के सेल्स में अपनी संख्या बढ़ाते हैं।
बायोलॉजिकल मोलिक्यूल्स के मॉडलिंग में विशेषज्ञता का इस्तेमाल करते हुए वैज्ञानिकों ने कोरोना के खिलाफ संभावित प्रभावी हजारों कंपाउंड्स की तेजी से जांच की। वैज्ञानिकों ने पाया कि एम्प्रो के खिलाफ जिस दवा में संभावना नजर आई वह एब्सेलेन (Ebselen) है। यह एक केमिकल कंपाउंड है जिसमें एंटी वायरल, एंटी इंफ्लामेट्री, एंटी ऑक्सीडेटिव, बैक्ट्रीसिडल और सेल प्रोटेक्टिव प्रॉपर्टीज है।
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Sat Aug 15 , 2020
पटना। राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) की घटक लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) की शनिवार को पटना स्थित पार्टी कार्यालय में बैठक हुई। इसमें इस साल के अंत में होने वाले बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर कई मुद्दों पर चर्चा हुई। पार्टी अध्यक्ष चिराग पासवान ने कहा कि उन्हें चुनाव की नहीं, […]