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- Chandrika Rai | Tej Pratap Yadav Father In Law Joins Nitish Kumar JDU Party; Ground Report From Chandrika Rai Bihar Parsa (Vidhan Sabha Constituency)
पटना/छपरा24 मिनट पहले
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चंद्रिका राय का जदयू में शामिल होना राजद के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है।
- राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के समधी चंद्रिका राय हजारों समर्थकों के साथ जदयू में शामिल हुए
- तेजप्रताप और ऐश्वर्या के तलाक प्रकरण के बाद दोनों परिवार के बीच तल्ख बढ़ रही थी
राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद यादव के समधी चंद्रिका राय गुरुवार को जदयू में शामिल हो गए हैं। समर्थकों के साथ चंद्रिका ने नीतीश की पार्टी का दामन थामेंगे। यह पहले ही तय हो चुका था कि चंद्रिका देर-सवेर राजद छोड़ जदयू में आएंगे। बस सही वक्त का इंतजार हो रहा था। फरवरी-मार्च में ही उनके जदयू में शामिल होने की चर्चा थी, लेकिन लॉकडाउन की वजह से यह मामला टलता चला गया।
चंद्रिका अभी परसा विधानसभा सीट से विधायक हैं। उनके जदयू में शामिल होने के बाद यह तय है कि पार्टी उन्हें परसा से उम्मीदवार बनाएगी। राजद ने इसका काट निकालते हुए चंद्रिका की भतीजी को यहां से उम्मीदवार बनाने का निर्णय लिया है। लेकिन, यहां के लोगों का कहना है कि अब किसी भी हाल में लालू यादव की पार्टी को वोट नहीं देंगे। तेजप्रताप और ऐश्वर्या के तलाक मामले के बाद लोगों में राजद के खिलाफ आक्रोश है। लोग कहते हैं कि बस चुनाव का इंतजार है और इसमें लालू परिवार को सबक सीखा कर रहेंगे। परसा से चंद्रिका राय की एकतरफा जीत होगी।

मई 2018 में तेजप्रताप-ऐश्वर्या की शादी हुई थी और नवंबर में तेजप्रताप ने तलाक के लिए अर्जी दे दी थी। उसी वक्त से ही दोनों परिवार के बीच तल्खी शुरू हो गई थी।
लोगों ने कहा-परसा सीट हमारी बेटी की इज्जत का सवाल, राजद का होगा सफाया
यहां की एक बुजुर्ग महिला उर्मिला देवी ने बताया कि इस बार का चुनाव हमारे गांव की बेटी की इज्जत का सवाल है। जिस लालू परिवार ने हमारी बेटी ऐश्वर्या को घर से बाहर निकाल दिया और उसे प्रताड़ित किया, अब उसके साथ नहीं जाएंगे। युवा वोटरों का रुख भी राजद के खिलाफ है। रघु राय का कहना है कि चंद्रिका राय ने राजद छोड़कर बिलकुल सही किया। उनके जदयू में जाने से क्षेत्र के विकास में और तेजी आएगी।
राजद में पदों पर बैठे कई नेता भी अब पार्टी छोड़ने की तैयारी में हैं। नाम नहीं छापने की शर्त पर एक नेता ने बताया कि ऐसे पार्टी में रहकर अब क्या करेंगे जिसे यहां की जनता नकार रही है। लालू परिवार ने अगर ऐश्वर्या के साथ गलत नहीं किया होता तो आज जनता राजद के खिलाफ नहीं होती। तलाक केस की वजह से लोग अब राजद छोड़ दूसरी तरफ रुख करना चाहते हैं। चंद्रिका राय की जीत अभी से ही पक्की है।
लोकसभा चुनाव में राजद की तरफ से लड़े थे चंद्रिका, तेजप्रताप ने खुलकर किया था विरोध
मई 2018 में हुई शादी के महज पांच महीने बाद तेजप्रताप ने तलाक के लिए पटना के परिवार न्यायालय में अर्जी दी थी। इसके बाद से ही दोनों परिवारों के बीच तल्खी बढ़ रही थी। पिछले साल हुए लोकसभा चुनाव में तेजप्रताप इस बात पर अड़े थे कि उनके ससुर को राजद से टिकट न मिले। सूत्रों के मुताबिक लालू-राबड़ी अपने बेटे की ही बात मानना चाहते थे। चंद्रिका राय के क्षेत्र के लोगों को जब यह लगा कि उन्हें टिकट नहीं मिल सकता है तो वे इसके लिए धरने पर बैठ गए। माहौल गरम होता इससे पहले ही राजद ने चंद्रिका राय को टिकट दे दिया। इससे नाराज तेजप्रताप ने अपने ससुर के खिलाफ चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया। बाद में पिता के समझाने पर वे मान गए। हालांकि, इस चुनाव में चंद्रिका राय पूर्व केंद्रीय मंत्री राजीव प्रताप रूडी से हार गए थे।
चंद्रिका राय का राजनीतिक करियर
पूर्व मुख्यमंत्री दारोगा राय के बेटे चंद्रिका राय 1985 में पहली बार कांग्रेस के टिकट पर परसा से विधायक बने। 1990 में वे लालू के साथ आ गए। 2005 और 2010 में परसा से चुनाव लड़ा लेकिन जदयू प्रत्याशी छोटेलाल से हार गए। 2015 में राजद के टिकट पर चुनाव लड़े और भाजपा को हरा दिया। महागठबंधन की सरकार में वे परिवहन मंत्री भी रह चुके हैं।
परसा सीट का जातीय समीकरण
परसा विधानसभा क्षेत्र में 3.30 लाख लोगों की आबादी है और 2.56 लाख वोटर हैं। एक अनुमान के मुताबिक परसा विधानसभा क्षेत्र में यादव 29%, कुर्मी 13%, राजपूत 10%, बनिया 11%, अनुसूचित जातियां 10% और मुस्लिम वोटर 8% हैं।
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