नई दिल्ली3 घंटे पहले
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बैंकों के निजीकरण से सरकार की आय बढ़ेगी, जो कोरोनावायरस महामारी के कारण बुरी तरह से प्रभावित हुई है
- पंजाब एंड सिंध बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्र्रा, यूको बैंक और आईडीबीआई बैंक का होगा निजीकरण
- सरकार के पास प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से इन बैंकों की बहुमत हिस्सेददारी है और उसका वह विनिवेश करना चाहती है
सरकार इस कारोबारी साल के आखिर तक चार सरकारी बैंकों का निजीकरण कर सकती है। आधिकारिक सूत्रों के मुताबिक सरकर ने चार सरकारी बैंकों की एक लिस्ट बना ली है। ये बैंक हैं पंजाब एंड सिंध बैंक, बैंक ऑफ महाराष्ट्रा, यूको बैंक और आईडीबीआई बैंक।
इन बैंकों में प्रत्यक्ष या परोक्ष रूप से सरकारी की बहुमत हिस्सेदारी है। इसका सरकार विनिवेश करना चाहती है। यह इसलिए भी किया जा रहा है कि इससे सरकार की आय बढ़ेगी,जो कोरोनावायरस महामारी के कारण बुरी तरह से प्रभावित हुई है।
सिर्फ 5 सरकारी बैंक रखने का है विचार
फाइनेंशियल एक्सप्रेस की एक रिपोर्ट के मुताबिक हाल में प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ) ने हिस्सेदारी बिक्री की प्रक्रिया में तेजी लाने के लिए वित्त मंत्रालय को एक पत्र भी लिखा था। सरकारी बैंकों की वित्तीय दशा ठीक करने के लिए सरकार सिर्फ 5 पीएसयू बैंक रखना चाहती है। शेष सभी बैंकों का निजीकरण कर देने का विचार है।
इसी साल 10 सरकारी बैंकों को मिलाकर 4 बैंक बनाया गया
मार्च 2020 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने 10 सरकारी बैंकों को मिलाकर 4 सरकारी बैंक बनाने के एक प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। इसके तहत पंजाब नेशनल बैंक में ओरिएंटल बैंक ऑफ कॉमर्स और युनाइटेड बैंक का विलय हो गया। केनरा बैंक में सिंडिकेट बैंक का विलय हो गया। यूनियन बैंक ऑफ इंडिया ने आंध्रा बैंक और कॉरपोरेशन बैंक को मिला लिया। इंडियन बैंक का इलाहाबाद बैंक में विलय हो गया।
2017 में एसबीआई में उसके 5 सहयोगी बैंकों का हुआ विलय
इससे पहले 2017 में भारतीय स्टेट बैंक में उसके 5 सहयोगी बैंकों और भारतीय महिला बैंक का विलय कर दिया गया था। 2018 में बैंक ऑफ बड़ौदा में विजया बैंक और देना बैंक का विलय कर देने का फैसला किया गया था। सरकर ने लाइफ इंश्योरेंस कंपनी को आईडीबीआई बैंक की 51 फीसदी हिस्सेदारी लेने की भी अनुमति दे दी। इसके बाद आईडीबीआई तकनीकी तौर पर प्राइवेट बैंक बन चुका है।
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