Bihar Government Announces Only Residents Of Bihar Can Apply For State Panchayat Primary School Teachers Recruitment – बिहार सरकार का बड़ा एलान, केवल राज्य के निवासी ही बनेंगे प्राथमिक शिक्षक

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बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव से पहले नीतीश सरकार ने शिक्षक भर्ती को लेकर बड़ा एलान किया है। बिहार शिक्षा विभाग के मुताबिक, केवल बिहार के निवासी ही राज्य पंचायत प्राथमिक विद्यालय शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन कर सकते हैं। इन स्कूलों में अब दूसरे राज्यों के रहने वाले लोग शिक्षक के तौर पर आवेदन नहीं कर सकेंगे।
 

नीतीश सरकार के इस फैसले के बाद राज्य के करीब 72 हजार सरकारी प्रारंभिक विद्यालयों में शिक्षक पद पर सिर्फ और सिर्फ राज्य के निवासी ही नियुक्त हो सकेंगे। इन प्रारंभिक स्कूलों में दूसरे राज्यों के शिक्षक अभ्यर्थियों के लिए नियुक्ति का रास्ता बंद हो गया है। शनिवार को विभाग की ओर से अधिसूचित बिहार राज्य नगर प्रारंभिक विद्यालय सेवा तथा बिहार राज्य पंचायत प्रारंभिक विद्यालय सेवा (नियुक्ति, प्रोन्नति, स्थानांतरण, अनुशासनिक कार्रवाई एवं सेवाशर्त) नियमावली, 2020 में इसका स्पष्ट प्रावधान कर दिया गया है कि बिहार में इन दोनों नियोजन नियमावलियों के तहत नियुक्ति में बिहार के निवासी ही आवेदन कर सकेंगे।

 

माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों के नियोजन में यह नियम पहले से लागू
गौरतलब है कि वर्ष 2006 से राज्य में लागू माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षकों के नियोजन में यह व्यवस्था लागू है। इसके तहत हाईस्कूलों और प्लस-टू में केवल राज्य के निवासी की ही नियुक्ति हो रही है। शुरुआत में प्रारंभिक शिक्षकों के नियोजन नियमावली में भी यही प्रावधान किया गया था, लेकिन वर्ष 2012 से लागू नियोजन नियमावली में इसका स्पष्ट उल्लेख नहीं होने से दूसरे राज्यों के भी कुछ शिक्षक नियुक्त हो गए हैं।

जारी अधिसूचना के मुताबिक, नगर प्रारंभिक शिक्षकों की दो श्रेणियां होंगी- नगर शिक्षक प्राथमिक विद्यालय और नगर शिक्षा मध्य विद्यालय। इसमें तीन संवर्ग होंगे। पहला मूल संवर्ग (कक्षा एक से पांच), दूसरा स्नातक कोटि (कक्षा छह से आठ) और तीसरा मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक। स्नातक कोटि के 50 फीसदी पद मूल संवर्ग के शिक्षकों की प्रोन्नति से भरे जाएंगे। 50 फीसदी पदों को सीधी भर्ती से भरा जाएगा। वहीं मध्य विद्यालयों के प्रधानाध्यापक के पद प्रोन्नति से भरे जाएंगे।

पंचायत प्रारंभिक शिक्षकों की भी दो श्रेणी हैं। प्रखंड प्रारंभिक शिक्षक और पंचायत प्रारंभिक शिक्षक। पंचायत प्रारंभिक शिक्षक संवर्ग में स्नातक कोटि के 50 प्रतिशत पद प्रोन्नति से जबकि 50 फीसदी पद सीधी नियुक्ति से भरे जाएंगे। प्रारंभिक शिक्षकों की कुल रिक्ति में विषयवार 50 फीसदी सीट महिलाओं के लिए आरक्षित होगा। रिक्ति विषम संख्या में रहने पर अंतिम पद भी महिलाओं को ही जाएगा। इसके साथ ही नई नियमावली में शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशक तथा आर्ट (संगीत एवं कला) अनुदेशकों तथा कार्य अनुदेशक की नियुक्ति का भी प्रावधान किया गया है।
 

नियोजित शिक्षकों का वेतन 20 फीसदी बढ़ाया
बता दें कि इससे पहले मंगलवार (18 अगस्त) को नीतीश कुमार ने नियोजित शिक्षकों को लेकर एक और बड़ा फैसला किया था। नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में जिला परिषद, बिहार नगर निकाय माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय सेवा, और बिहार पंचायत प्रारंभिक विद्यालय  (नियुक्ति, प्रोन्नति, स्थनांतरण, कार्रवाई एवं सेवा शर्ता) नियमावली 2020 को मंजूरी दी गई थी। 

राज्य के पंचायतीराज और नगर निकाय संस्थानों के नियोजित शिक्षकों के मूल वेतन में 15 फीसद की वृद्धि का एलान किया है। इससे साढ़े तीन लाख शिक्षकों को पहली अप्रैल 2021 से यह लाभ मिलने लगेगा। इसके साथ ही उन्हें सामाजिक सुरक्षा के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) का भी लाभ भी दिया जाएगा। इस प्रकार कार्यरत शिक्षक, पुस्तकालयाध्यक्ष के वेतन में ईपीएफ स्कीम के साथ 20 फीसदी से अधिक की वृद्धि होगी।

बिहार में इसी साल विधानसभा चुनाव होने हैं। चुनाव से पहले नीतीश सरकार ने शिक्षक भर्ती को लेकर बड़ा एलान किया है। बिहार शिक्षा विभाग के मुताबिक, केवल बिहार के निवासी ही राज्य पंचायत प्राथमिक विद्यालय शिक्षक भर्ती के लिए आवेदन कर सकते हैं। इन स्कूलों में अब दूसरे राज्यों के रहने वाले लोग शिक्षक के तौर पर आवेदन नहीं कर सकेंगे।

 

नीतीश सरकार के इस फैसले के बाद राज्य के करीब 72 हजार सरकारी प्रारंभिक विद्यालयों में शिक्षक पद पर सिर्फ और सिर्फ राज्य के निवासी ही नियुक्त हो सकेंगे। इन प्रारंभिक स्कूलों में दूसरे राज्यों के शिक्षक अभ्यर्थियों के लिए नियुक्ति का रास्ता बंद हो गया है। शनिवार को विभाग की ओर से अधिसूचित बिहार राज्य नगर प्रारंभिक विद्यालय सेवा तथा बिहार राज्य पंचायत प्रारंभिक विद्यालय सेवा (नियुक्ति, प्रोन्नति, स्थानांतरण, अनुशासनिक कार्रवाई एवं सेवाशर्त) नियमावली, 2020 में इसका स्पष्ट प्रावधान कर दिया गया है कि बिहार में इन दोनों नियोजन नियमावलियों के तहत नियुक्ति में बिहार के निवासी ही आवेदन कर सकेंगे।

 

माध्यमिक और उच्च माध्यमिक शिक्षकों के नियोजन में यह नियम पहले से लागू

गौरतलब है कि वर्ष 2006 से राज्य में लागू माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक शिक्षकों के नियोजन में यह व्यवस्था लागू है। इसके तहत हाईस्कूलों और प्लस-टू में केवल राज्य के निवासी की ही नियुक्ति हो रही है। शुरुआत में प्रारंभिक शिक्षकों के नियोजन नियमावली में भी यही प्रावधान किया गया था, लेकिन वर्ष 2012 से लागू नियोजन नियमावली में इसका स्पष्ट उल्लेख नहीं होने से दूसरे राज्यों के भी कुछ शिक्षक नियुक्त हो गए हैं।

जारी अधिसूचना के मुताबिक, नगर प्रारंभिक शिक्षकों की दो श्रेणियां होंगी- नगर शिक्षक प्राथमिक विद्यालय और नगर शिक्षा मध्य विद्यालय। इसमें तीन संवर्ग होंगे। पहला मूल संवर्ग (कक्षा एक से पांच), दूसरा स्नातक कोटि (कक्षा छह से आठ) और तीसरा मध्य विद्यालय के प्रधानाध्यापक। स्नातक कोटि के 50 फीसदी पद मूल संवर्ग के शिक्षकों की प्रोन्नति से भरे जाएंगे। 50 फीसदी पदों को सीधी भर्ती से भरा जाएगा। वहीं मध्य विद्यालयों के प्रधानाध्यापक के पद प्रोन्नति से भरे जाएंगे।

पंचायत प्रारंभिक शिक्षकों की भी दो श्रेणी हैं। प्रखंड प्रारंभिक शिक्षक और पंचायत प्रारंभिक शिक्षक। पंचायत प्रारंभिक शिक्षक संवर्ग में स्नातक कोटि के 50 प्रतिशत पद प्रोन्नति से जबकि 50 फीसदी पद सीधी नियुक्ति से भरे जाएंगे। प्रारंभिक शिक्षकों की कुल रिक्ति में विषयवार 50 फीसदी सीट महिलाओं के लिए आरक्षित होगा। रिक्ति विषम संख्या में रहने पर अंतिम पद भी महिलाओं को ही जाएगा। इसके साथ ही नई नियमावली में शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशक तथा आर्ट (संगीत एवं कला) अनुदेशकों तथा कार्य अनुदेशक की नियुक्ति का भी प्रावधान किया गया है।
 

नियोजित शिक्षकों का वेतन 20 फीसदी बढ़ाया
बता दें कि इससे पहले मंगलवार (18 अगस्त) को नीतीश कुमार ने नियोजित शिक्षकों को लेकर एक और बड़ा फैसला किया था। नीतीश कुमार की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में जिला परिषद, बिहार नगर निकाय माध्यमिक एवं उच्च माध्यमिक विद्यालय सेवा, और बिहार पंचायत प्रारंभिक विद्यालय  (नियुक्ति, प्रोन्नति, स्थनांतरण, कार्रवाई एवं सेवा शर्ता) नियमावली 2020 को मंजूरी दी गई थी। 

राज्य के पंचायतीराज और नगर निकाय संस्थानों के नियोजित शिक्षकों के मूल वेतन में 15 फीसद की वृद्धि का एलान किया है। इससे साढ़े तीन लाख शिक्षकों को पहली अप्रैल 2021 से यह लाभ मिलने लगेगा। इसके साथ ही उन्हें सामाजिक सुरक्षा के लिए कर्मचारी भविष्य निधि (ईपीएफ) का भी लाभ भी दिया जाएगा। इस प्रकार कार्यरत शिक्षक, पुस्तकालयाध्यक्ष के वेतन में ईपीएफ स्कीम के साथ 20 फीसदी से अधिक की वृद्धि होगी।

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