Suzlon Energy consolidated loss widens to Rs 399 crore in June quarter | सुजलॉन एनर्जी का घाटा बढ़ा, जून तिमाही में 399 करोड़ रुपए का हुआ  कंसॉलिडेटेड नुकसान

नई दिल्ली5 घंटे पहले

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एक साल पहले की जून तिमाही में सुजलॉन एनर्जी को 336.88 करोड़ रुपए का कंसॉलिडेटेड लॉस हुआ था

  • कंपनी का कुल कंसॉलिडेटेड इनकम 851.09 करोड़ से घटकर 528.22 करोड़ रुपए पर आ गया
  • पहली तिमाही में डेट रीस्ट्रक्चरिंग की प्रक्रिया पूरी हो गई, आने वाली तिमाहियों में इसका फायदा दिखने का अनुमान

विंड टर्बाइन जनरेटर बनाने वाली कंपनी सुजलॉन एनर्जी ने शनिवार को कहा कि उसके कंसॉलिडेटेड लॉस में बढ़ोतरी हुई है। इस साल अप्रैल-जून तिमाही में उसे 398.86 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ। यह नुकसान रेवेन्यू घटने से हुआ।

शेयर बाजार को दी गई सूचना में कंपनी ने कहा कि एक साल पहले की समान तिमाही में कंपनी को 336.88 करोड़ रुपए का कंसॉलिडेटेड लॉस हुआ था। इस अवधि में कंपनी का कुल कंसॉलिडेटेड इनकम घटकर 528.22 करोड़ रुपए पर आ गया, जो एक साल पहले की समान तिमाही में 851.09 करोड़ रुपए था। कंपनी ने कहा कि कोरोनावायरस महामारी के कारण आने वाले समय में कंपनी का कैश फ्लो प्रभावित होगा।

महामारी और डेट रीस्ट्रक्चरिंग से पहली तिमाही में विंड टर्बाइन कारोबार प्रभावित हुआ

सुजलॉन एनर्जी के सीओओ वीआर टांटी ने कहा कि कोरोनावायरस महामारी और डेट रीस्ट्रक्चरिंग के कारण पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में विंड टर्बाइन कारोबार प्रभावित हुआ। कंपनी के डेट रीस्ट्रक्चरिंग की प्रक्रिया 30 जून 2020 को पूरी हो गई है। हमें नए ऑर्डर मिलने लगे हैं और अभी हमारे पास 867 मेगावाट का ऑर्डर बुक है।

ओएमएस और फॉर्जिंग एंड फाउंडरी कारोबार का बेहतर प्रदर्शन

उन्होंने कहा कि महामारी के बावजूद हमारे ऑपरेशंस एंड मेंटेनेंस सर्विस (ओएमएस) कारोबार ने बेहतर प्रदर्शन करना जारी रखा। इस दौरान फॉर्जिंग एंड फाउंडरी कारोबार ने बेहतर प्रदर्शन किया। आत्मनिर्भर भारत पर फोकस से विंड सेक्टर में डोमेस्टिक मैन्यूफैक्चरिंग को बढ़ावा मिलेगा और निश्चित रूप से इसका लाभ विंड टर्बाइन कारोबार को भी मिलेगा।

आईएसटीएस शुल्क में छूट की अवधि बढ़ने का मिलेगा फायदा

उन्होंने कहा कि उद्योग के स्तर पर कई सकारात्मक नीतिगत घोषणाएं हुई हैं। बिजली मंत्रालय ने इंटर-स्टेट ट्रांसमिशन सिस्टम (आईएसटीएस) शुल्क में छूट की सुविधा को बढ़ा दिया है। अब 25 साल तक आईएसटीएस शुल्क नहीं लगेगा। यह सुविधा कैप्टिव पावर परियोजना के लिए भी है। इससे एक नए मार्केट सेगमेंट का विकास होगा।

फिक्स्ड कॉस्ट घटाने में मिली सफलता

कंपनी के सीएफओ स्वप्निल जैने ने कहा कि पहली तिमाही में परिणाम में पिछले साल के मुकाबले एबिडा में सुधार दिख रहा है, इससे पता चलता है कि कंपनी को फिक्स्ड कॉस्ट घटाने में सफलता मिली है। डेट रीस्ट्रक्चरिंग के कारण ब्याज लागत में आई कमी का फायदा अगली तिमाहियों में दिखेगा। बीएसई पर कंपनी के शेयर 1.29 फीसदी गिरकर 3.84 रुपए पर बंद हुए।

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