Punjab Dinanagar (Gurdaspur) Army Helped daughter of a soldier, who was passing her life on beg | 12 साल से मांगकर दिन तोड़ रही थी ड्यूटी के दौरान शहीद हुए फौजी की बेटी,  अब लगी 21 हजार रुपए पेंशन

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दीनानगर(गुरदासपुर)38 मिनट पहले

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दीनानगर में अपनी व्यथा सुनाते हुए शकुंतला देवी। साथ हैं शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविंदर सिंह विक्की।

  • 12 मार्च 1978 को ड्यूटी के दौरान हो गया था सिख रेजीमेंट में तैनात दीनागनर की हरिजन कॉलोनी निवासी सेवा राम का निधन
  • पत्नी ने अपने दो बेटों और एक बेटी को पाल-पोसकर उसका घर बसाया, बाद में सैनिक की पत्नी और दोनों बेटों की भी मौत हो गई
  • 12 वर्ष पहले पति रवि कुमार के लापता होने पर इकलौती बेटी शकुंतला देवी बेसहारा हुई, तीन दिन पहले मिला 21 हजार पेंशन और 7 लाख एरियर

कहते हैं ’12 साल बाद तो रूड़ी के भी दिन फिर जाते हैं’। यह बात गुरदासपुर जिले के कस्बा दीनानगर की एक बहन के जीवन से बहुत हद तक मेल खाती है। करीब 42 साल पहले वह छोटी बच्ची ही थी, जब उसके फौजी पिता ड्यूटी करते वक्त एक हादसे शिकार हो गए थे। पिता के शहीद होने के बाद मां ने जैसे-तैसे उसका और दो भाइयों का पेट पाला और उसका घर बसाया। शादी के बाद मां और दोनों भाइयों की मौत हो गई, पति भी लापता हो गया तो नौबत यह आ गई कि दो जून की रोटी भी नसीब नहीं रही थी। 12 साल से मांगकर गुजारा कर रही इस महिला की उम्र 55 साल हो चुकी है और अब जाकर तब आधे-अधूरे जीवन में थोड़ी सी आशा की किरण आई, जब सेना ने इसकी पेंशन लगा दी।

पीड़िता शकुंतला देवी कस्बे की हरिजन कॉलोनी के एक परिवार से ताल्लुक रखती है। मिली जानकारी के अनुसार सेना की सिख रेजीमेंट में तैनात सेवा राम का 12 मार्च 1978 को ड्यूटी के दौरान निधन हो गया था। उनकी पत्नी ने अपने दो बेटों और एक बेटी को पाल-पोसकर उसका घर बसाया। बाद में सैनिक की पत्नी और दोनों बेटों की भी मौत हो गई। इकलौती बेटी शकुंतला देवी का 12 वर्ष पहले पति रवि कुमार कहीं लापता हो गया तो बेसहारा हो गई शकुंतला को दो जून की रोटी के लाले पड़ गए। आखिर भीख मांगकर गुजारा करने लग गई।

21 सब एरिया वैटर्न सहायता केंद्र के कर्नल राणा बने मददगार
शकुंतला देवी 2018 में पठानकोट स्थित सेना के 21 सब एरिया के वैटर्न सहायता केंद्र पहुंची। वहां वह इंचार्ज कर्नल एमएस राणा से मिली। कर्नल राणा ने केस स्टडी करने पर पाया कि पति की मौत का प्रमाणपत्र उसे अपने पिता की फैमिली पेंशन का हकदार बना सकता है। उन्होंने शकुंतला को पति का परज्यूम डेथ सर्टिफिकेट जारी करवाने के लिए अदालत की शरण में भेजा। केस की सुनवाई कर गुरदासपुर की सिविल जज हरिसमरत कौर ने 24 जनवरी 2019 को उसके पक्ष में फैसला सुनाते पति का पांच जनवरी 2007 से डेथ सर्टिफिकेट जारी करने का आदेश दिया, लेकिन नगर कौंसिल दीनानगर ने इसे लटकाए रखा तो कर्नल राणा ने खुद केस की पैरवी कर एक साल बाद परज्यूम डेथ सर्टिफकेट जारी करवाने में मदद की।

अब मिली यह आर्थिक मदद

इसके बाद फैमिली पेंशन का केस तैयार कर स्वीकृति के लिए यूनिट सेंटर रामगढ़ भिजवाया। शकुंतला देवी को पांच अगस्त को 21 सब एरिया के कमांडर से 25 हजार रुपए की आर्थिक मदद भी दिलवाई। तीन दिन पहले उसकी फैमिली पेंशन की स्वीकृति भी आ गई। उसे 21 हजार रुपए मासिक पेंशन लगी वहीं सात लाख रुपए एरियर भी मिला।

बेसहारा सैनिक परिवारों का सहारा बने कर्नल राणा : रविंदर विक्की
शहीद सैनिक परिवार सुरक्षा परिषद के महासचिव कुंवर रविंदर सिंह विक्की ने बताया कि सेना के 21 सब एरिया का वैटर्न सहायता केंद्र का पूर्व सैनिकों, उनके परिवारों, वीरनारियों और शहीद परिवारों को उनका बनता हक दिलाने में उल्लेखनीय भूमिका है। इसमें कर्नल राणा का विशेष योगदान है।

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