न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Sun, 30 Aug 2020 11:06 PM IST
चीनी सैनिक की कब्र
– फोटो : सोशल मीडिया
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चीन के सोशल मीडिया पर वायरल हो रही 19 साल के एक चीनी सैनिक की कब्र की तस्वीर गलवां घाटी में हुई झड़प में चीन के सैनिकों की मौत का सबूत हो सकती है। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि चीन के सोशल मीडिया पर ये तस्वीर जारी हुई है। सूत्रों ने बताया कि भारत के पास पहले से ही इस बात के सबूत हैं कि गलवां झड़प में चीनी पक्ष को भी नुकसान हुआ था। माना जा रहा है कि इस झड़प में चीन के करीब 35 सैनिकों की मौत हुई थी। इस कब्र को चीन के नुकसान का पहला सबूत माना जा रहा है।
एक रक्षा अधिकारी ने कहा, ‘भारतीय सेना कभी भी दुश्मन के मारे गए सैनिकों पर टिप्पणी नहीं करती है। यह चीन की सेना में असंतोष का परिणाम है कि ऐसी घटनाएं हो रही हैं। जहां तक हमारा सवाल है तो हमें चीनी नुकसान की जानकारी थी।’ बता दें कि पूर्वी लद्दाख में स्थित गलवां घाटी क्षेत्र में भारत और चीन की सेना के बीच 14 और 15 जून की रात हिंसक झड़प हुई थी। इस झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हुए थे वहीं, चीन ने अपने नुकसान की जानकारी साझा नहीं की थी।
कब्र पर लिखा, जून में भारत से संघर्ष में हुई मौत
कब्र पर मंदारिन भाषा में लिखा है कि ‘शहीद चेन शियानग्रोंग की कब्र, चाइनीज पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की 13वीं रेजिमेंट के दक्षिणी शिनजियांग सैन्य जिले की यूनिट 69316 इकाई के सैनिक।’ कब्र पर लिखा है कि सैनिक का जन्म दिसंबर 2001 में फुजियान प्रांत के पिंगनान काउंटी में हुआ था। इस पर यह भी लिखा है कि सैनिक जून 2020 में सीमा पर भारत से संघर्ष के दौरान शहीद हुआ। सैनिक की कब्र पर लिखे ये वाक्य इस बात की पुष्टि करते हैं कि उसकी मौत गलवां घाटी में हुए संघर्ष के दौरान ही हुई थी।
चीन के सोशल मीडिया पर वायरल हो रही 19 साल के एक चीनी सैनिक की कब्र की तस्वीर गलवां घाटी में हुई झड़प में चीन के सैनिकों की मौत का सबूत हो सकती है। रक्षा मंत्रालय के सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि चीन के सोशल मीडिया पर ये तस्वीर जारी हुई है। सूत्रों ने बताया कि भारत के पास पहले से ही इस बात के सबूत हैं कि गलवां झड़प में चीनी पक्ष को भी नुकसान हुआ था। माना जा रहा है कि इस झड़प में चीन के करीब 35 सैनिकों की मौत हुई थी। इस कब्र को चीन के नुकसान का पहला सबूत माना जा रहा है।
एक रक्षा अधिकारी ने कहा, ‘भारतीय सेना कभी भी दुश्मन के मारे गए सैनिकों पर टिप्पणी नहीं करती है। यह चीन की सेना में असंतोष का परिणाम है कि ऐसी घटनाएं हो रही हैं। जहां तक हमारा सवाल है तो हमें चीनी नुकसान की जानकारी थी।’ बता दें कि पूर्वी लद्दाख में स्थित गलवां घाटी क्षेत्र में भारत और चीन की सेना के बीच 14 और 15 जून की रात हिंसक झड़प हुई थी। इस झड़प में भारत के 20 जवान शहीद हुए थे वहीं, चीन ने अपने नुकसान की जानकारी साझा नहीं की थी।
कब्र पर लिखा, जून में भारत से संघर्ष में हुई मौत
कब्र पर मंदारिन भाषा में लिखा है कि ‘शहीद चेन शियानग्रोंग की कब्र, चाइनीज पीपुल्स लिबरेशन आर्मी की 13वीं रेजिमेंट के दक्षिणी शिनजियांग सैन्य जिले की यूनिट 69316 इकाई के सैनिक।’ कब्र पर लिखा है कि सैनिक का जन्म दिसंबर 2001 में फुजियान प्रांत के पिंगनान काउंटी में हुआ था। इस पर यह भी लिखा है कि सैनिक जून 2020 में सीमा पर भारत से संघर्ष के दौरान शहीद हुआ। सैनिक की कब्र पर लिखे ये वाक्य इस बात की पुष्टि करते हैं कि उसकी मौत गलवां घाटी में हुए संघर्ष के दौरान ही हुई थी।
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Mon Aug 31 , 2020
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