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- Police Arrived Moga With The Accused Of Khalistani Flag Hoisting At The DC Office Controlled By Delhi, On 6 Days Remand
मोगा12 मिनट पहले
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खालिस्तान समर्थक आरोपियों जसपाल सिंह और इंद्रजीत सिंह को लेकर कोर्ट पहुंची मोगा पुलिस।
- बचाव पक्ष के वकीलों ने पुलिस पर सवाल उठाते हुए रिमांड और आरोपियों पर लगाई गई धाराओं का विरोध किया
- पुलिस ने कहा-झंडा फहराने के एवज में वैस्टर्न यूनियन के जरिये विदेश से 20 हजार रुपए आए, और भी कई सबूत मौजूद
खालिस्तानी झंडा लहराने और तिरंगे का अपमान करने के मामले में दिल्ली से गिरफ्तार दोनों आरोपियों को पुलिस सोमवार को मोगा लेकर पहुंची। 12 घंटे बाद शाम 4 बजे इन्हें अदालत में पेश किया गया तो अदालत ने दोनों को 5 सितंबर तक पुलिस रिमांड पर भेज दिया है। साथ ही दोनों का मेडिकल चेकअप कराने के आदेश दिए, जिसमें कोरोना टेस्ट भी होगा। पुलिस के मुताबिक पता चला है कि साजिश को अंजाम देने के एवज में आरोपियों को विदेश से वैस्टर्न यूनियन मनी ट्रांसफर के जरिये बीस हजार रुपए मिले थे। दूसरी ओर बचाव पक्ष के वकीलों ने आरोपियों पर लगी धाराओं का विरोध किया है।
बताते चलें कि पुलिस ने फिरोजपुर जिले के गांव साधुवाला निवासी आकाशदीप सिंह उर्फ मुन्ना उर्फ साजन, मोगा जिले के रौली गांव के निवासी जसपाल सिंह और इंद्रजीत सिंह गिल को 14 अगस्त को मोगा के डीसी ऑफिस की छत पर खालिस्तानी झंडा लहराने व तिंरगा झंडा उतारकर ले जाने के आरोप में नामजद किया था। शनिवार शाम को दिल्ली पुलिस की स्पेशल ब्रांच ने जसपाल और इंद्रजीत को गिरफ्तार करके रविवार को मोगा पुलिस के हवाले कर दिया। मोगा पुलिस दोनों आरोपियों को लेकर सोमवार सुबह 4 बजे यहां पहुंची थी।
सीआईए स्टाफ मैहणा में रखकर आरोपियों से पूछताछ की गई और फिर 12 घंटे बाद कड़ी सुरक्षा के बीच शाम 4 बजे जेएमआईसी तुषार कौर थिंद की अदालत में पेश किया गया। पुलिस ने 14 दिन के रिमांड की मांग की थी, लेकिन बचाव पक्ष के वकीलों बलजिंदर सिंह रियाड़ व गगनदीप सिंह बराड़ ने रिमांड का विरोध किया। साथ ही पुलिस से पूछा कि अपमान करने वाले उनके क्लाइंट थे, इसकी पुष्टि कैसे और किन तथ्यों के आधार पर की जा रही है। इस सबके बीच अदालत ने आरोपियों से पूछताछ के लिए पांच सितंबर तक रिमांड पर दिया है।
आरोपियों के वकीलों की मानें तो खालिस्तानी झंडा लगाने और तिरंगे का अपमान करने वालों के बारे में पुलिस के पास फिलहाल कोई जानकारी नहीं है। पुलिस ने अज्ञात लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया था। वहीं डीएसपी सिटी बरजिंदर सिंह ढिल्लों ने बताया कि विदेश से आरोपियों के लिए वैस्टर्न यूनियन मनी ट्रांसफर के जरिये 20 हजार रुपए आए थे। इसके अलावा भी आरोप साबित करने के लिए पुलिस के पास पुख्ता सबूत हैं।
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