Pakistan China Taiwan | Pakistan close friend of China secretly developing trade ties with Taiwan. | चीन को सबसे अच्छा दोस्त बताने वाला पाकिस्तान ताइवान से सीक्रेट डील कर रहा, एक ट्वीट से हुआ खुलासा

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काहिरा19 घंटे पहले

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काहिरा में पाकिस्तान एम्बेसी की ट्रेड आफिसर सिद्र हक (बीच में) ने बुधवार को यह ट्वीट किया था। चीन की नाराजगी की वजह से कुछ ही देर में इसे डिलीट भी कर दिया। हालांकि, तब तक सोशल मीडिया पर यह वायरल हो चुका था।

  • बुधवार को काहिरा में पाकिस्तानी एम्बेसी की इन्वेस्टमेंट अफसर सिद्र हक ने ताइवान के ट्रेड डायरेक्टर से मुलाकात की
  • पाकिस्तान का यह कदम चीन से उसके रिश्ते खराब कर सकता है, ताइवानी मीडिया ने इस मुलाकात की जानकारी दी

चीन को अपना सदाबहार और सबसे करीबी दोस्त बताने वाला पाकिस्तान उसके दुश्मन ताइवान के साथ सीक्रेट ट्रेड डील कर रहा है। इसकी जानकारी खुद काहिरा में मौजूद पाकिस्तान एम्बेसी की एक अफसर ने दी। पाकिस्तान का यह कदम चीन को नाराज कर सकता है। चीन और ताइवान के बीच हमेशा तनावपूर्ण संबंध रहे हैं।

दक्षिण चीन सागर में ताइवान और चीन की सेनाएं पिछले महीने मिलिट्री ड्रिल कर चुकी हैं। अमेरिका भी कहा चुका है कि अगर ताइवान पर कोई हमला होता है तो वो ताइवान का साथ देगा।

ताइवान से रिश्ते सुधारने की कोशिश में पाकिस्तान
काहिरा में पाकिस्तान एम्बेसी है। यहां इन्वेस्ट अटैची (डिप्लोमैट या अफसर) के तौर पर सिद्र हक तैनात हैं। बुधवार को ताइवान ट्रेड सेंटर में ट्रेड एंड इन्वेस्टमेंट पर एक प्रोग्राम था। इसमें सिद्र हक भी शामिल हुईं। इसी कार्यक्रम में ताइवान के ट्रेड डायरेक्टर माइकल येह भी मौजूद थे। सिद्र और माइकल के बीच बातचीत हुई। इसमें पाकिस्तान और ताइवान के कारोबारी रिश्ते मजबूत बनाने पर फोकस रहा।

फोटो भी सामने आई
ताइवान के ट्रेड डायरेक्टर से मुलाकात का फोटो हक ने अपने ऑफिशियल ट्विटर हैंडल पर भी शेयर किया। हालांकि, कुछ ही देर बाद इसे डिलीट भी कर दिया। लेकिन, तब तक इसके स्क्रीनशॉट सोशल मीडिया पर वायरल हो चुके थे। ट्वीट में हक ने कहा था- मैंने ताइवान के सीनियर कमर्शियल ट्रेड ऑफिसर माइकल येह से मुलाकात की। ट्रेड सेक्टर के दूसरे लोगों से मिलना हमेशा अच्छा महसूस कराता है।

चीन ताइवान को हमेशा अपना हिस्सा बताता रहा है। जबकि ताइवान एक स्वतंत्र देश है और वहां लोकतांत्रिक सरकार है। चीन ताइवान को मान्यता नहीं देता जबकि एक देश के तौर पर ताइवान के दुनियाभर में कारोबारी रिश्ते हैं। चीन ने कभी ताइवान को डब्ल्यूएचओ का हिस्सा नहीं बनने दिया।

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