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एक महीने पहले
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बीसीसीआई अध्यक्ष सौरव गांगुली ने कुछ समय पहले व्हीलचेयर क्रिकेट इंडिया एसोसिएशन के सीईओ से बात कर मदद का वादा किया था। हालांकि अब तक कुछ भी नहीं हुआ है। -फाइल फोटो
- महाराष्ट्र के रहने वाले फास्ट बॉलर संतोष रंजन गैराज में काम करने को मजबूर हैं
- कप्तान सोमजीत सिंह ने कहा- खिलाड़ियों को अपने खर्चे पर ही विदेश दौरे पर जाना पड़ता
कोरोना काल में देश के लिए खेल चुके व्हीलचेयर क्रिकेटर दिहाड़ी मजदूरी और दूध बेचने को मजबूर हो गए हैं। इन खिलाड़ियों ने भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के अध्यक्ष सौरव गांगुली से मदद की गुहार लगाई है। भारतीय व्हीलचेयर क्रिकेट टीम के कप्तान सोमजीत सिंह ने कहा कि गांगुली ने भी कुछ समय पहले व्हीलचेयर क्रिकेट इंडिया एसोसिएशन के सीईओ से बात कर मदद का वादा किया था। हालांकि अब तक कुछ भी नहीं हुआ है।
अब तक बीसीसीआई ने कमेठी गठित नहीं की
सोमजीत सिंह ने कहा कि नेशनल स्तर पर दो व्हीलचेयर एसोसिएशन हैं, लेकिन अब तक खिलाड़ियों के लिए कोई नीति नहीं बनाई गई है। सुप्रीम कोर्ट की गठित लोढ़ा कमेटी ने व्हीलचेयर क्रिकेटरर्स के लिए कमेटी गठित करने की सिफारिश की थी, लेकिन अब तक बीसीसीआई ने कुछ नहीं किया है।
व्हीलचेयर प्लेयर्स अपने खर्चे पर विदेश दौरे पर जाते हैं
कप्तान सोमजीत सिंह ने बताया कि वे 2018 से टीम इंडिया के कप्तान हैं। उन्हें अपने खर्चे पर ही विदेश दौरे पर जाना पड़ता है। पिछले साल नेपाल दौरे के लिए 15 हजार रुपए देने पड़े। बीसीसीआई से मान्यता नहीं होने के कारण स्टेट एसोसिएशन से भी व्हीलचेयर क्रिकेट को बढ़ावा नहीं दिया जाता है।
विकेटकीपर निर्मल सिंह दूध बेचते हैं
विकेटकीपर बल्लेबाज निर्मल सिंह ने बताया कि उन्हें फेसबुक से व्हीलचेयर क्रिकेट के बारे में पता चला। पिछले दो साल से क्रिकेट खेल रहे हैं। वे बांग्लादेश और नेपाल के खिलाफ खेल चुके हैं। वे पंजाब में दूध बेचकर अपना घर चलाते हैं। इस काम से उन्हें करीब 4 हजार रुपए की कमाई होती है। कई बार फर्नीचर पॉलिस का काम भी करना पड़ता है।
बेट्समैन पोशन ध्रुव दिहाड़ी मजदूरी कर रहे
महाराष्ट्र के रहने वाले फास्ट बॉलर संतोष रंजन गैराज में काम करते हैं। उन्होंने बताया कि महाराष्ट्र सरकार उन्हें एक हजार रूपए पेंशन देती है। इसके अलावा उनके भाई और पिता भी मदद करते हैं। वहीं, रायपुर के रहने वाले बल्लेबाज पोशन ध्रुव 150 रुपए प्रति दिन के हिसाब से दिहाड़ी मजदूरी कर रहे हैं। लॉकडाउन से पहले वे अपने गांव में वेल्डिंग की दुकान पर काम करते थे, लेकिन कोरोना के कारण काम बंद हो गया।
बीसीसीआई दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए बनाएगा समिति
बीसीसीआई के एक अधिकारी ने बताया कि दिव्यांग खिलाड़ियों के लिए समिति समिति बनाई जाएगी। इसमें थोड़ा वक्त लगेगा, क्योंकि बीसीसीआई अभी संविधान में संशोधन को लेकर सुप्रीम कोर्ट में गया है। वहां से मंजूरी मिलने के बाद दिव्यांग प्लेयर्स के विकास के लिए काम किया जाएगा।
फिजिकली चैलेंज्ड क्रिकेटर्स की मदद की थी
बीसीसीआई ने पिछले साल इंग्लैंड में जीतने वाली फिजिकल चैलेंज्ड भारतीय टीम को सम्मानित किया था। सभी खिलाड़ियों को बतौर सहायता 3-3 लाख रुपए दिए थे।
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