न्यूज डेस्क, अमर उजाला, नई दिल्ली
Updated Thu, 10 Sep 2020 08:47 PM IST
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भारत-चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव अभी बरकरार है। हालांकि भारतीय सेना यहां लगातार खुद को मजबूत करने में लगी हुई है और चीनियों की घुसपैठ का मुंहतोड़ जवाब दे रही है। फिलहाल सूत्रों के मुताबिक भारतीय सेना ने पैंगोंग त्सो झील के किनारे फिंगर 4 पर ऊंचाई वाली जगह को अपने कब्जे में लेकर चीन के सामने अपनी स्थिति को मजबूत कर लिया है।
सूत्रों के मुताबिक, पैंगोंग त्सो झील के दक्षिणी छोर पर मौजूद ऊंचाई वालीं जगहों पर कब्जा करने के लिए भारतीय सेना ने अगस्त के आखिरी में ही चढ़ाई शुरू कर दी थी। इसी के तहत भारतीय सेना ने चीन की स्थिति को देखते हुए ऊंचाई वाली कई महत्वपूर्ण जगहों पर वापस से कब्जा कर लिया है।
सूत्रों ने बताया कि पहले चीनी सेना का फिंगर 4 के पास ऊंचाई वाली जगहों पर कब्जा था, लेकिन अब एक बार फिर से भारतीय सेना ने उन जगहों पर कब्जा कर लिया है, जिसके बाद अब चीन के आगे भारतीय सेना की स्थिति बहुत मजबूत हो गई है।
चीनी अप्रैल-मई के आसपास फिंगर 4 पर बैठ गए थे और फिर इसे अपना बताते हुए भपीछे हटने से इंकार कर दिया था। हालांकि फिलहाल भारतीय सैनिकों ने एक बार फिर से रणनीतिक महत्व वाली कई ऊँची जगहों पर कब्ज़ा कर के अपनी स्थिति को मजबूत कर लिया है।
उधर भारत द्वारा लगातार अहम जगहों को अपने कब्जे में लेने के बाद से चीनी घुसपैठ करने की कोशिश में लगे हुए हैं। चीनी सैनिकों ने 29-30 अगस्त की रात पैंगोंग झील के दक्षिणी छोर की पहाड़ी पर कब्जे की कोशिश की थी, लेकिन भारतीय जवानों ने उसे नाकाम कर दिया। इसके बाद चीन ने 1 सितंबर और सात सितंबर को भी घुसपैठ करने की कोशिश की, लेकिन सतर्क भारतीय सैनिकों द्वारा खदेड़ दिए गए।
वहीं भारतीय सेना के सूत्रों ने बताया कि भारत और चीन की सेनाओं ने आज पूर्वी लद्दाख में ब्रिगेड कमांडर-स्तर और कमांडिंग ऑफिसर स्तर पर बातचीत की। बातचीत का उद्देश्य दोनों पक्षों के बीच संचार माध्यम को बरकरार रखना रहा।
भारत-चीन के बीच वास्तविक नियंत्रण रेखा पर तनाव अभी बरकरार है। हालांकि भारतीय सेना यहां लगातार खुद को मजबूत करने में लगी हुई है और चीनियों की घुसपैठ का मुंहतोड़ जवाब दे रही है। फिलहाल सूत्रों के मुताबिक भारतीय सेना ने पैंगोंग त्सो झील के किनारे फिंगर 4 पर ऊंचाई वाली जगह को अपने कब्जे में लेकर चीन के सामने अपनी स्थिति को मजबूत कर लिया है।
सूत्रों के मुताबिक, पैंगोंग त्सो झील के दक्षिणी छोर पर मौजूद ऊंचाई वालीं जगहों पर कब्जा करने के लिए भारतीय सेना ने अगस्त के आखिरी में ही चढ़ाई शुरू कर दी थी। इसी के तहत भारतीय सेना ने चीन की स्थिति को देखते हुए ऊंचाई वाली कई महत्वपूर्ण जगहों पर वापस से कब्जा कर लिया है।
सूत्रों ने बताया कि पहले चीनी सेना का फिंगर 4 के पास ऊंचाई वाली जगहों पर कब्जा था, लेकिन अब एक बार फिर से भारतीय सेना ने उन जगहों पर कब्जा कर लिया है, जिसके बाद अब चीन के आगे भारतीय सेना की स्थिति बहुत मजबूत हो गई है।
चीनी अप्रैल-मई के आसपास फिंगर 4 पर बैठ गए थे और फिर इसे अपना बताते हुए भपीछे हटने से इंकार कर दिया था। हालांकि फिलहाल भारतीय सैनिकों ने एक बार फिर से रणनीतिक महत्व वाली कई ऊँची जगहों पर कब्ज़ा कर के अपनी स्थिति को मजबूत कर लिया है।
उधर भारत द्वारा लगातार अहम जगहों को अपने कब्जे में लेने के बाद से चीनी घुसपैठ करने की कोशिश में लगे हुए हैं। चीनी सैनिकों ने 29-30 अगस्त की रात पैंगोंग झील के दक्षिणी छोर की पहाड़ी पर कब्जे की कोशिश की थी, लेकिन भारतीय जवानों ने उसे नाकाम कर दिया। इसके बाद चीन ने 1 सितंबर और सात सितंबर को भी घुसपैठ करने की कोशिश की, लेकिन सतर्क भारतीय सैनिकों द्वारा खदेड़ दिए गए।
वहीं भारतीय सेना के सूत्रों ने बताया कि भारत और चीन की सेनाओं ने आज पूर्वी लद्दाख में ब्रिगेड कमांडर-स्तर और कमांडिंग ऑफिसर स्तर पर बातचीत की। बातचीत का उद्देश्य दोनों पक्षों के बीच संचार माध्यम को बरकरार रखना रहा।
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Thu Sep 10 , 2020
न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटना Updated Thu, 10 Sep 2020 01:30 PM IST प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी – फोटो : ANI पढ़ें अमर उजाला ई-पेपर कहीं भी, कभी भी। *Yearly subscription for just ₹365 & To get 20% off, use code: 20OFF ख़बर सुनें ख़बर सुनें बिहार में इस साल होने […]