Pm Narendra Modi Launched Matsya Sampada Yojana In Bihar News Also Launch App For Farmers – पीएम मोदी की बिहार को सौगात, 294 करोड़ रुपये की योजनाओं का किया उद्घाटन

न्यूज डेस्क, अमर उजाला, पटना
Updated Thu, 10 Sep 2020 01:30 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी
– फोटो : ANI

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बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य को 294.53 करोड़ रुपये की योजनाओं की सौगात दी है। पीएम मोदी ने ‘प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना’ (पीएमएमएसवाई) का शुभारंभ किया। साथ ही किसानों के प्रत्यक्ष उपयोग के लिए एक समग्र नस्ल सुधार, बाजार और सूचना संबंधी ‘ई-गोपाला एप’ की भी शुरुआत की। इस दौरान सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह समेत कई नेता मौजूद रहे। 

प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान राज्य के लोगों और योजना के लाभार्थियों के साथ चर्चा की और इन योजनाओं के फायदे को बताया। इस दौरान पूर्णिया की एक महिला ने पीएम मोदी को बताया कि राज्य में शराबबंदी के बाद से उनके परिवार ने पशुओं को पालने का काम शुरू किया है। इस पर पीएम ने कहा कि हमारी सरकार भी आत्मनिर्भरता में महिलाओं को आगे बढ़ावा देने की दिशा में दिन रात काम कर रही है। 

प्रधानमंत्री ने लोगों को संबोधन की शुरुआत भोजपुरी भाषा में की। पीएम मोदी ने कहा कि हमारा प्रयास है कि मछली पालन, डेयरी से जुड़े काम के जरिए किसानों की आय को दोगुना किया जाए। उन्होंने कहा कि मछली पालन की योजना में 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक रुपये खर्च किए जाएंगे। समुद्र से लेकर तालाब तक मछली पालन पर जोर देने के लिए व्यापक योजना पर काम चल रहा है। 

पीएम मोदी ने कहा कि सरकार की ओर से गंगा नदी को साफ किया जा रहा है, क्योंकि मछली पालन साफ पानी से ही होता है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की अगुवाई में बिहार में गांव-गांव पानी पहुंचाने का काम किया जा रहा है, साथ ही हाल ही में लॉन्च की गई डॉलफिन योजना से भी फायदा मिलेगा। 

पढ़ें पीएम मोदी के संबोधन की मुख्य बातें:- 

  • आज जितनी भी ये योजनाएं शुरू हुई हैं उनके पीछे की सोच ही यही है कि हमारे गांव 21वीं सदी के आत्मनिर्भर भारत की ताकत और ऊर्जा बनें।
  • अब इस सदी में नीली क्रांति यानी मछली पालन से जुड़े काम, सफेद क्रांति यानी डेयरी से जुड़े काम, मीठी क्रांति यानी शहद उत्पादन, हमारे गांवों को और समृद्ध करें। इसकी कोशिश की जा रही है। 
  • प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना इसी लक्ष्य को ध्यान में रखकर बनाई गई है। आज देश के 21 राज्यों में इस योजना का शुभारंभ हो रहा है। अगले 4-5 वर्षों में इस पर 20 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए जाएंगे। इसमें से आज 1700 करोड़ रुपये का काम शुरू हो रहा है।
  • बिहार के पटना, पूर्णियां, सीतामढ़ी, मधेपुरा, किशनगंज और समस्तीपुर में अनेक सुविधाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया गया है। इससे मछली उत्पादकों को नया इंफ्रास्ट्रक्चर मिलेगा, आधुनिक उपकरण  मिलेंगे, नया मार्केट भी मिलेगा।
  • देश के हर हिस्से में, समंदर और नदी किनारे बसे क्षेत्रों में मछली के व्यापार-कारोबार को, ध्यान में रखते हुए, पहली बार देश में इतनी बड़ी योजना बनाई गई है। आजादी के बाद इस पर जितना निवेश हुआ, उससे भी कई गुना ज्यादा निवेश प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना पर किया जा रहा है।
  • पीएम किसान सम्मान निधि से भी देश के 10 करोड़ से ज्यादा किसानों के बैंक खातों में सीधा पैसा पहुंचाया गया है। इसमें करीब 75 लाख किसान बिहार के भी हैं। अब तक करीब 6 हजार करोड़ रुपये बिहार के किसानों के बैंक खाते में जमा हो चुके हैं।
  • इस बात पर बहुत जोर दिया जा रहा है कि मुफ्त राशन की योजना और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान का लाभ बिहार के हर जरूरतमंद साथी तक पहुंचे, बाहर से गांव लौटे हर श्रमिक परिवार तक पहुंचे।
  • पशुओं की अच्छी नस्ल के साथ ही उनकी देखरेख और उसको लेकर सही वैज्ञानिक जानकारी भी उतनी ही जरूरी होती है। इसके लिए भी बीते सालों से निरंतर टेक्नॉलॉजी का उपयोग किया जा रहा है। इसी कड़ी में आज ‘ई-गोपाला’ एप शुरू किया गया है।
  • ई- गोपाला एप एक ऐसा डिजिटल माध्यम होगा जिससे पशुपालकों को उन्नत पशुधन को चुनने में आसानी होगी। उनको बिचौलियों से मुक्ति मिलेगी। ये एप पशुपालकों को उत्पादकता से लेकर उसके स्वास्थ्य और आहार से जुड़ी तमाम जानकारियां देगा।
  • अब भारत उस स्थिति की तरफ बढ़ रहा है जब गांव के पास ही ऐसे क्लस्टर बनेंगे जहां फूड प्रोसेसिंग से जुड़े उद्योग भी लगेंगे और पास ही उससे जुड़े रिसर्च सेंटर भी होंगे। यानी एक तरह से हम कह सकते हैं- जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान।
बिहार में इस साल होने वाले विधानसभा चुनाव से पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य को 294.53 करोड़ रुपये की योजनाओं की सौगात दी है। पीएम मोदी ने ‘प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना’ (पीएमएमएसवाई) का शुभारंभ किया। साथ ही किसानों के प्रत्यक्ष उपयोग के लिए एक समग्र नस्ल सुधार, बाजार और सूचना संबंधी ‘ई-गोपाला एप’ की भी शुरुआत की। इस दौरान सूबे के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी, केंद्रीय मंत्री गिरिराज सिंह समेत कई नेता मौजूद रहे। 

प्रधानमंत्री मोदी ने इस दौरान राज्य के लोगों और योजना के लाभार्थियों के साथ चर्चा की और इन योजनाओं के फायदे को बताया। इस दौरान पूर्णिया की एक महिला ने पीएम मोदी को बताया कि राज्य में शराबबंदी के बाद से उनके परिवार ने पशुओं को पालने का काम शुरू किया है। इस पर पीएम ने कहा कि हमारी सरकार भी आत्मनिर्भरता में महिलाओं को आगे बढ़ावा देने की दिशा में दिन रात काम कर रही है। 

प्रधानमंत्री ने लोगों को संबोधन की शुरुआत भोजपुरी भाषा में की। पीएम मोदी ने कहा कि हमारा प्रयास है कि मछली पालन, डेयरी से जुड़े काम के जरिए किसानों की आय को दोगुना किया जाए। उन्होंने कहा कि मछली पालन की योजना में 20 हजार करोड़ रुपये से अधिक रुपये खर्च किए जाएंगे। समुद्र से लेकर तालाब तक मछली पालन पर जोर देने के लिए व्यापक योजना पर काम चल रहा है। 

पीएम मोदी ने कहा कि सरकार की ओर से गंगा नदी को साफ किया जा रहा है, क्योंकि मछली पालन साफ पानी से ही होता है। उन्होंने कहा कि नीतीश कुमार की अगुवाई में बिहार में गांव-गांव पानी पहुंचाने का काम किया जा रहा है, साथ ही हाल ही में लॉन्च की गई डॉलफिन योजना से भी फायदा मिलेगा। 

पढ़ें पीएम मोदी के संबोधन की मुख्य बातें:- 

  • आज जितनी भी ये योजनाएं शुरू हुई हैं उनके पीछे की सोच ही यही है कि हमारे गांव 21वीं सदी के आत्मनिर्भर भारत की ताकत और ऊर्जा बनें।
  • अब इस सदी में नीली क्रांति यानी मछली पालन से जुड़े काम, सफेद क्रांति यानी डेयरी से जुड़े काम, मीठी क्रांति यानी शहद उत्पादन, हमारे गांवों को और समृद्ध करें। इसकी कोशिश की जा रही है। 
  • प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना इसी लक्ष्य को ध्यान में रखकर बनाई गई है। आज देश के 21 राज्यों में इस योजना का शुभारंभ हो रहा है। अगले 4-5 वर्षों में इस पर 20 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च किए जाएंगे। इसमें से आज 1700 करोड़ रुपये का काम शुरू हो रहा है।
  • बिहार के पटना, पूर्णियां, सीतामढ़ी, मधेपुरा, किशनगंज और समस्तीपुर में अनेक सुविधाओं का लोकार्पण और शिलान्यास किया गया है। इससे मछली उत्पादकों को नया इंफ्रास्ट्रक्चर मिलेगा, आधुनिक उपकरण  मिलेंगे, नया मार्केट भी मिलेगा।
  • देश के हर हिस्से में, समंदर और नदी किनारे बसे क्षेत्रों में मछली के व्यापार-कारोबार को, ध्यान में रखते हुए, पहली बार देश में इतनी बड़ी योजना बनाई गई है। आजादी के बाद इस पर जितना निवेश हुआ, उससे भी कई गुना ज्यादा निवेश प्रधानमंत्री मत्स्य संपदा योजना पर किया जा रहा है।
  • पीएम किसान सम्मान निधि से भी देश के 10 करोड़ से ज्यादा किसानों के बैंक खातों में सीधा पैसा पहुंचाया गया है। इसमें करीब 75 लाख किसान बिहार के भी हैं। अब तक करीब 6 हजार करोड़ रुपये बिहार के किसानों के बैंक खाते में जमा हो चुके हैं।
  • इस बात पर बहुत जोर दिया जा रहा है कि मुफ्त राशन की योजना और प्रधानमंत्री गरीब कल्याण रोजगार अभियान का लाभ बिहार के हर जरूरतमंद साथी तक पहुंचे, बाहर से गांव लौटे हर श्रमिक परिवार तक पहुंचे।
  • पशुओं की अच्छी नस्ल के साथ ही उनकी देखरेख और उसको लेकर सही वैज्ञानिक जानकारी भी उतनी ही जरूरी होती है। इसके लिए भी बीते सालों से निरंतर टेक्नॉलॉजी का उपयोग किया जा रहा है। इसी कड़ी में आज ‘ई-गोपाला’ एप शुरू किया गया है।
  • ई- गोपाला एप एक ऐसा डिजिटल माध्यम होगा जिससे पशुपालकों को उन्नत पशुधन को चुनने में आसानी होगी। उनको बिचौलियों से मुक्ति मिलेगी। ये एप पशुपालकों को उत्पादकता से लेकर उसके स्वास्थ्य और आहार से जुड़ी तमाम जानकारियां देगा।
  • अब भारत उस स्थिति की तरफ बढ़ रहा है जब गांव के पास ही ऐसे क्लस्टर बनेंगे जहां फूड प्रोसेसिंग से जुड़े उद्योग भी लगेंगे और पास ही उससे जुड़े रिसर्च सेंटर भी होंगे। यानी एक तरह से हम कह सकते हैं- जय किसान, जय विज्ञान और जय अनुसंधान।

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