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- Bihar Purnea Leader Shakti Malik Murder Case Update; Manoj Comes Out Of Support Of Tejashwi Yadav
पटना12 मिनट पहले
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प्रेस कॉन्फ्रेंस में फोन नं. डिस्कनेक्ट होने संबंधी डॉक्यूमेंट दिखाते मनोज झा।
- बीएसएनएल को नहीं पता कि कहां चल रहा है उसका नंबर
- 2016 में ही राबड़ी आवास से डिस्कनेक्ट हो गया था फोन नंबर
राजद एससी/एसटी प्रकोष्ठ के पूर्व प्रदेश सचिव शक्ति मलिक (35) की रविवार को पूर्णिया में हत्या कर दी गई थी। शक्ति की पत्नी खुशबू ने हत्याकांड में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी और तेजप्रताप समेत 6 लोगों पर केस दर्ज कराया है। परिजनों का आरोप है कि शक्ति की हत्या राजनीति के चलते हुई है क्योंकि शक्ति अररिया जिले के रानीगंज सुरक्षित सीट से राजद टिकट के दावेदार थे। परिजनों ने तेजस्वी पर टिकट के लिए 50 लाख रुपए मांगने और जातिसूचक शब्द का प्रयोग करने का आरोप लगाया है।
तेजस्वी और तेजप्रताप पर लगे आरोप के बचाव में राजद सांसद मनोज झा ने सोमवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस की। उन्होंने राजद के कार्यकर्ताओं से फोन कर 50 लाख रुपए मांगे जाने को बिहार सरकार की साजिश बताया। मनोज ने कहा कि राबड़ी आवास से डिस्कनेक्ट हुए फोन नं. से टिकट के नाम पर 50 लाख रुपए मांगे जा रहे हैं। राबड़ी आवास से यह नंबर 2016 में डिस्कनेक्ट हुआ था, जिसे बाद में वन विभाग को एलॉट किया गया था, लेकिन 2019 से वन विभाग से भी यह नंबर डिस्कनेक्ट चल रहा है। मनोज ने सवाल खड़ा किया कि जो फोन नं. ऑपरेटर के रिकॉर्ड में बंद है उसे कौन इस्तेमाल कर रहा है? कौन इस नंबर से प्रत्याशियों को फोन कर पैसा मांग रहा है?
अनुसंधान में सीमेंट-गारा अपने घर से न डालिए
मनोज ने कहा कि मामला अनुसंधान में है और सरकार इसमें सीमेंट-गारा अपने घर से डाल रही है। आरोप है तो फांसी पर लटका दीजिए, लेकिन अनुसंधान के बाद। अनुसंधान में छेड़छाड़ मत कीजिए। कागजात को प्रमाण के रूप में दिखाते हुए मनोज झा ने कहा कि डिस्कनेक्ट फोन की कहानी पूरे बिहार की जनता के सामने आनी चाहिए। इसे कौन चला रहा है और कौन इससे फोन कर पैसे की डिमांड कर रहा है? शक्ति मलिक की हत्या में इस नंबर के इस्तेमाल होने की बात को लेकर किए गए सवाल पर मनोज झा ने कहा कि यह तो जांच का विषय है। जांच पारदर्शी होनी चाहिए, जिससे बिहार की जनता इस खेल को जान ले।
जघन्य अपराध में सरकार का हाथ
मनोज ने कहा कि जिस नंबर से पार्टी के प्रत्याशियों से पैसा मांगा जा रहा है, वह राबड़ी देवी का था। 2016 में यह नंबर डिस्कनेक्ट हो गया, जिसके कागजात भी मनोज झा ने दिखाए। उन्होंने दावा किया है कि 21 नवंबर 2016 को राबड़ी आवास से यह नंबर डिस्कनेक्ट होने के बाद 2018 में वन विभाग के रेंजर कार्यालय में एक्टिव हो गया। इसके कागजात भी मनोज ने दिखाए। यह फोन 18 मार्च 2019 को वन विभाग से भी डिस्कनेक्ट हो गया।
बीएसएनएल ने कहा- रजिस्टर्ड ही नहीं है यह नंबर
मनोज ने कहा कि उन्होंने इस फोन नंबर के बारे में जब बीएसएनएल से बात की तो पता चला कि वह आज की तारीख में रजिस्टर्ड ही नहीं है। अगर यह फोन नंबर एक्टिव नहीं है तो 19 सितंबर से इस नंबर से कैसे फोन गया। सीतामढ़ी में एक नेता को फोन करके कहा गया कि पैसा लेकर जल्दी से हाजीपुर पहुंच जाओ। फोन करने वाले ने रास्ता भी बताया कि किधर से आना है। फिर दोबारा इसी नंबर से फोन जाता है और कहा जाता है कि 5 देश रत्न मार्ग पर पैसा लेकर आइए। मनोज झा ने बताया कि जिस नंबर 0612221** को लेकर इतनी चर्चा है वह वन वे है, उसपर फोन ही नहीं लगता है।
ट्रू कॉलर में कहां से आया तेजस्वी का नाम
मनोज ने कहा कि जिस फोन को बीएसएनएल बंद बता रहा है, उसमें ट्रू कॉलर से तेजस्वी यादव का नाम आ रहा है। यह बड़ा चौंकाने वाला मामला है। चुनाव की हवा को बदलने के लिए ऐसा किया जा रहा है। चुनाव में बिहार की जनता बदलाव चाहती है। नीतीश कुमार और सुशील मोदी इससे घबरा गए हैं। एक डिस्कनेक्ट फोन कौन चला रहा है इसकी जांच कराई जानी चाहिए।
भूतपूर्व पुलिस के मुखिया को सवालों से घेरा
3 अक्टूबर को शाम 7:47 बजे मुजफ्फरपुर के एक नेता को मिस्ड कॉल की जाती है और चुपचाप पैसा लेकर आने को कहा जाता है। सोमवार की सुबह फिर इसी नंबर से कॉल कर एक कार्यकर्ता से पैसा मांगा गया। ऐसी घटना से पूरी पार्टी अचंभित है। मनोज ने जदयू में शामिल होने वाले बिहार पुलिस के भूतपूर्व मुखिया पर भी सवाल खड़ा किया। वह जबसे बिहार पुलिस के मुखिया बने तब से ऐसी घटनाएं हो रही हैं।
50 लाख रुपए तक मांगे जा रहे
मनोज झा ने कहा कि लगातार प्रत्याशियों के पास बीएसएनएलन के डिस्कनेक्ट नंबर से फोन जा रहे हैं और बड़ी रकम मांगी जा रही है। 20 लाख से लेकर 50 लाख रुपए तक की मांग की जा रही है। इस अपराध की डिजाइन पूरी प्लानिंग के साथ तैयार की गई है। बिना सरकार की संलिप्तता के ऐसा संभव नहीं है। बीएसएनएल की साख के साथ सरकार पर भी सवाल खड़ा किया। डिस्कनेक्ट फोन नंबर किसके हाथ में है यह बड़ा सवाल है और इसकी जांच होनी चाहिए।
इस नंबर से की जा रही कॉल पर ट्रू कॉलर में तेजस्वी का नाम आना गंभीर मामला है। हर मोर्चे पर फेल सरकार अब ऐसी घटिया हरकत कर रही है। पॉलिटिकल लड़ाई का भी आधार होना चाहिए। ऐसे डिस्कनेक्ट फोन नं. को आधार बनाकर लड़ाई लड़ना शर्मनाक है। सरकार के साए में पलने वाले रसूखदार लोग ही इस घटना में शामिल हैं।